ऑटो से छात्रों को स्कूल ले जाने की मिली इजाजत, चालकों को रखना होगा एक बात का ध्यान
- ऑटो में सुरक्षा मानक को लेकर समय तय कर दिया गया है। स्कूल बच्चों को ढोने के लिए एक मई तक ऑटो मालिकों को वाहन का गेट एक तरफ से बंद करना होगा, क्षमता से ज्यादा बच्चे नहीं बिठाने होंगे और वाहन पर आन स्कूल ड्यूटी लिखाना अनिवार्य होगा।
पटना में स्कूली छात्रों और उनके अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है। अब सुरक्षा के मानकों को पूरा करने के बाद ऑटो चालक बच्चों को स्कूल ला और ले जा सकेंगे। हालांकि ई-रिक्शा से बच्चों को स्कूल ले जाने पर प्रतिबंध जारी रहेगा। एडीजी ट्रैफिक के साथ ऑटो संघ की वार्ता में मंगलवार को यह निर्णय लिया गया। ट्रैफिक एसपी अपराजित लोहान ने बताया कि ऑटो संघ की मांग और अभिभावकों की परेशानी को देखते हुए यातायात पुलिस ने लचीला रुख अपनाते हुए यह निर्णय लिया है। ऑटो चालकों को चरणबद्ध तरीके से बदलाव करने के निर्देश दिये गए हैं।
हादसों के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय ने एक अप्रैल से ऑटो और ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों को लाने और ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे जहां ऑटो चालकों में गुस्सा था, वहीं अभिभावक भी परेशान थे। दरअसल, पटना में काफी बच्चे ऑटो और ई-रिक्शा से स्कूल आते-जाते हैं। ऑटो चालकों के विरोध को देखते हुए यातायात पुलिस ने ऑटो संघ के साथ बैठक की थी। इसमें यातायात पुलिस अधिकारियों ने चालकों को राहत देते हुए नौ अप्रैल तक कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कही थी।
एक जून तक ऑटो में जीपीएस सिस्टम लगाने होंगे
मंगलवार को ऑटो संघ की एडीजी ट्रैफिक सुधांशु कुमार के साथ वार्ता हुई। बैठक में तय सुरक्षा नियमों का पालन करने वाले ऑटो को बच्चों को ढोने पर सहमति बनी। हालांकि ई-रिक्शा पर बच्चों को लाने ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। ऑटो में सुरक्षा मानक को लेकर समय तय कर दिया गया है। स्कूल बच्चों को ढोने के लिए एक मई तक ऑटो मालिकों को वाहन का गेट एक तरफ से बंद करना होगा, क्षमता से ज्यादा बच्चे नहीं बिठाने होंगे और वाहन पर आन स्कूल ड्यूटी लिखाना अनिवार्य होगा। वहीं एक जून तक उन ऑटो में जीपीएस सिस्टम, स्पीडो मीटर आदि की व्यवस्था भी करनी होगी।