वार्ड 14 में सड़क जर्जर व नाला बेदम खराब स्ट्रीट लाइट से बढ़ी परेशानी
नगर के वार्ड 14 में विकास योजनाएं ठप हैं। पूर्व पार्षद की मृत्यु के बाद चुनाव नहीं हुआ। यहां 5000 से ज्यादा व्यावसायिक प्रतिष्ठान और 200 से ज्यादा चिकित्सक क्लीनिक हैं। जर्जर सड़कें, जाम की समस्या और...
नगर के सबसे बड़े वार्ड 14 में एक सालों से कई विकास योजनाएं बाधित हैं। तत्कालीन वार्ड पार्षद सुनैना देवी की मृत्यु के बाद फिलहाल यहां चुनाव नहीं हुआ है। जबकि इस वार्ड में ऐतिहासिक मीना बाजार, दो सौ से ज्यादा चिकित्सक क्लीनिक चलाते हैं। दो दर्जन से ज्यादा निजी नर्सिंग होम हैं। वार्ड की सीमा जीएमसीएच मेडिकल कॉलेज से सटी हुई है। प्रतिदिन सैकड़ों मरीज इलाज कराने यहां आते हैं। इस वार्ड में 5000 से ज्यादा व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं। बावजूद वार्ड की सड़कें जर्जर हैं। जाम की समस्या यहां आम बात है। समाजसेवी कुमार गौरव उर्फ रिंकी गुप्ता, प्रमोद कुमार, ओम प्रकाश गुप्ता, गौतम कुमार, आदित्य कुमार ने बताया कि स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हुई है।
घरों में नल-जल की सुविधा पूरी तरह से ठप है। डॉक्टरों के क्लीनिक बड़े-बड़े नर्सिंग होम और व्यावसायिक प्रतिष्ठान होने के कारण यहां सफाई की अलग से व्यवस्था किये जाने की जरूरत है। वार्ड में संसाधनों का घोर अभाव है। नगर का सबसे बड़े वार्ड और व्यावसायिक प्रतिष्ठान के साथ-साथ मेडिकल हब होने के कारण यहां के विकास के लिए अतिरिक्त आवंटन की आवश्यकता है। जबकि राजस्व देने के मामले में वार्ड 14 सबसे आगे है। इस वार्ड में बंगाली शाह के घर से संजय गुप्ता के घर तक बजबजाती नालियों के पानी से मोहल्ले वासियों का रहना दूभर हो गया है। जर्जर नाली के कारण सालों भर सड़क पर कीचड़ और पानी जमा रहता है। इससे संक्रमण का खतरा बना रहता है। सबसे ज्यादा परेशानी बाहर से आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को होती है। डॉ दिलीप कुमार के क्लीनिक से लेकर डॉ दीपक जायसवाल के क्लीनिक तक सड़क जर्जर हो चुकी है। ईलाराम चौक से कोतवाली चौक तक सड़क में एक से डेढ़ फीट के गड्ढे बन गए हैं। जहां आए दिन कोई ना कोई दुर्घटनाएं होती रहती है। जर्जर सड़क होने के कारण सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक जाम की समस्या रहती है। जाम की समस्या से सबसे ज्यादा परेशानी मरीज और उनके परिजनों को होती है। लेकिन फंड के अभाव में सड़कों का निर्माण नहीं हो रहा है। इसी वार्ड के अधीन राजा हरेंद्र किशोर द्वारा बसाये गए ऐतिहासिक मीना बाजार स्थित है। जहां छोटे बड़े लगभग 3 हजार दुकानें हैं। यहां सभी प्रकार के अलग-अलग बाजार सजे हुए हैं। जहां रोजमर्रा की सभी चीजें मिलती हैं। बिजली की व्यवस्था सुदृढ़ नहीं है। चौक चौराहों पर बेतरतीब ढंग से ट्रांसफाॅर्मर और बिजली के पोल गाड़े जाने से काफी परेशानी हो रही है। शशि कुमार, मनीष गुप्ता ने बताया कि वार्ड की जनसंख्या लगभग 12 हजार है। जनसंख्या के आधार पर हमें अतिरिक्त आवंटन मिलना चाहिए। ताकि मूलभूत सुविधाओं का हमें लाभ मिल सकें। इस वार्ड में व्यवसायिक प्रतिष्ठान होने की वजह से पुलिस को अतिरिक्त सुरक्षा उपलब्ध करानी चाहिए। आये दिन यहां लूट समेत अन्य घटनाएं घटती है। यहां की सभी सड़कों और चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती होनी चाहिए। ताकि लोगों को जाम में फंसने से मुक्ति मिले।
प्रस्तुति-श्रीकांत तिवारी और शत्रुघ्न शर्मा
वार्ड 14 में हर घर नल की जो भी समस्याएं होगी। उसके लिए कनीय अभियंता को भेज कर जांच कराई जाएगी। मोहल्ले वासियों की जो भी कठिनाई है उसका त्वरित निष्पादन होगा। हर हाल में सभी को पेयजल उपलब्ध कराना विभाग की पहली प्राथमिकता है। इसके लिए विभाग प्रयासरत है। लोगों की परेशानी दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
रविकांत कुमार, कार्यपालक अभियंता, बुडको
वार्ड 14 की पार्षद के मृत्यु के पश्चात वार्डवासियों की जो भी समस्याएं हैं उसका सीधे समाधान नगर निगम प्रशासन द्वारा किया जाता है। जो भी जनसमस्या लेकर लोग आते हैं उसपर नियम के अनुसार कार्रवाई की जाती है। वार्ड के लोगों की जितनी भी विकास योजनाएं हैं सब पर विचार कर काम किया जा रहा है। जनता अपनी समस्याओं को सीधे निगम में लेकर आती है जिसका समाधान होता है।
विनोद कुमार सिंह, नगर आयुक्त
सुझाव
1. वार्ड 14 नगर का सबसे बड़ा वार्ड है। यहां मेडिकल कचरा सबसे ज्यादा निकलता है। विशेष सफाई की जरूरत है।
2. लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए हर घर जल नल की व्यवस्था को सुदृढ़ करने की जरूरत है।
3. डॉ दिलीप के क्लीनिक से डॉ दीपक जायसवाल और इलाराम चौक से लेकर कोतवाली चौक तक सड़क बननी चाहिए।
4. बंद पड़े स्ट्रीट लाइट को चालू कराया जाए। संसाधनों की कमी को पूरा करने की जरूरत है।
5. ऐतिहासिक मीना बाजार और मेडिकल हब होने के कारण यहां अतिरिक्त विकास कार्यों के लिए की राशि मिलनी चाहिए।
शिकायतें
1. वार्ड 14 में विशेष आवंटन नहीं मिल रहा है। इससे यहां कई काम नहीं हो पा रहे हैं।
2. वार्ड का स्ट्रीट लाइट खराब है। नगर निगम इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। रात में अधिक परेशानी होती है।
3. बंगाली शाह के घर से संजय गुप्ता के घर तक जर्जर नाली के कारण सालों भर सड़क पर कीचड़ और पानी जमा रहता है।
4. वार्ड में 5000 से ज्यादा व्यावसायिक प्रतिष्ठान, 200 से ज्यादा नर्सिंग होम व डॉक्टरों के क्लीनिक हैं। सफाइ की कमी है।
5. जिले का मेडिकल हब होने के कारण यहां के मुख्य सड़कों पर हमेशा जाम लगा रहता है। मुख सड़क काफी जर्जर हो गए हैं।
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