पिता का श्राद्ध छोड़ देने गए इंटरव्यू, यूपीएससी में मिली सफलता
भागलपुर स्पेशल ब्रांच के डीएसपी हैं अमित 21 जनवरी को पिता का हुआ देहांत, 30

भागलपुर, कार्यालय संवदादाता यदि पिता का देहांत हो जाए तो उस समय घर के बड़े बेटे की मानसिक स्थिति का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है, लेकिन इस स्थिति को नियंत्रित कर पिता के सपने को पूरा करने के लिए उनका श्राद्धकर्म छोड़कर पूर्णिया के अमित कुमार यूपीएससी के इंटरव्यू में शामिल हुए और सफलता हासिल की।
अमित वर्तमान में स्पेशल ब्रांच भागलपुर में डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं। मंगलवार को यूपीएससी द्वारा जारी अंतिम परिणाम में उन्हें 729वीं रैंक मिली है। वे 65वीं बैच के डीएसपी हैं। उन्होंने हाल ही में भागलपुर में अपना योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि वे परीक्षा की तैयारी नौकरी में रहते हुए ऑनलाइन ही कर रहे थे। यह उनका पांचवा प्रयास था।
हिन्दुस्तान से विशेष बातचीत में अमित ने बताया कि वे मूलरूप से पूर्णिया जिले के रामबाग के रहने वाले हैं। उनके पिता स्व. विनोद नारायण 84 बैच के एसआई थे। वे डीएसपी में प्रोन्नति के बाद सेवानिवृत हुए थे। कुछ ही दिनों पूर्व उनका देहांत हो गया है। पिता का ही सपना था कि बेटा यूपीएससी पूरा कर अधिकारी बने। 21 जनवरी को उनके पिता का देहांत हुआ। 30 जनवरी को उनका यूपीएससी का इंटरव्यू था। अमित पिता का श्राद्ध छोड़कर इंटरव्यू में शामिल हुए और सफलता हासिल की। अमित ने बताया कि हमेशा से उनके मार्गदर्शन और उत्साहवर्द्धन करने में पिता और मां अहिल्या नारायण का योगदान रहा।
अमित की 10वीं की पढ़ाई सैनिक स्कूल नालंदा से 2008 में पूरी हुई है। इंटर की परीक्षा राम बाग इंटर कॉलेज से 2010 में पूरी की है। जबकि आईआईटी दिल्ली से बीटेक करने के बाद वे 2014 में जापान चले गए, लेकिन पिता का सपना मन में था। इस कारण सिविल सर्विसेज की परीक्षा देते रहे। अमित की बड़ी बहन डॉ. रश्मि रथी 67वीं बिहार प्रशासनिक सेवा की सीतामढ़ी में अधिकारी हैं। जबकि छोटी बहन डॉ. रागिनी रथी बिहटा स्थित मेडिकल कॉलेज में शिक्षक के पद पर हैं। छोटा भाई मनीष आईआईटी दिल्ली से पीएचडी कर रहा है।
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