Shortage of Doctors and Health Workers at Kishanpur Community Health Centre सुपौल : किशनपुर सीएचसी में डॉक्टरों की कमी से स्वास्थ्य सेवा बदहाल, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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सुपौल : किशनपुर सीएचसी में डॉक्टरों की कमी से स्वास्थ्य सेवा बदहाल

किशनपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की गंभीर कमी है। 2 डॉक्टरों पर 2.5 लाख की आबादी का इलाज चल रहा है। ग्रामीणों ने इस समस्या के लिए अधिकारियों से कई बार शिकायत...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरWed, 23 April 2025 06:05 PM
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सुपौल : किशनपुर सीएचसी में डॉक्टरों की कमी से स्वास्थ्य सेवा बदहाल

किशनपुर ,एक संवाददाता। प्रखंड मुख्यालय स्थित सीएचसी में डॉक्टर सहित स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी है। इसके कारण स्वास्थ्य सेवा बदहाल है। बताया जाता है कि सीएचसी में 7 एमबीबीएस और 4 स्पेशलिस्ट कुल 11 डॉक्टर के पद स्वीकृत हैं। इसमें मात्र दो एमबीबीएस डॉक्टर ही पदस्थापित हैं। ढाई लाख की आबादी वाले इस प्रखंड के मरीजों का इलाज महज दो डाक्टरों के भरोसे चल रहा है। सीएचसी के चार तल्ला भवन में विभिन्न विभाग के डाक्टरों के लिए चेम्बर के आगे उस विभाग का नेमप्लेट भी लगा हुआ है, लेकिन उसमें बैठने वाले डॉक्टरों का पदस्थापन नहीं होने से कमरों में ताला लगा रहता है। एक ओर जहाँ सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की दवा कर रही है। वही दुसरी ओर सरकार के द्वारा 6 बेड वाली पीएचसी को 30 बेड वाली सीएचसी में अपग्रेड के नाम पर महज खानापूर्ति की गई है। एक भी सर्जन डॉक्टर यहां नहीं है। यहां सालों से कम्पाउंर, ड्रेसर, फार्मासस्टि सहित लेडी डॉक्टरा नहीं है। प्रखंड क्षेत्र में ढाई लाख लोगों के इलाज हेतु एक सीएचसी के अलावा एक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,10 हेल्थ & वेलन सेंटर, 27 स्वास्थ्य उप केंद्र है। लेकिन डाॅक्टर कही नही बैठते है। कहा कि एएनएम की पद 77 है जिसमें 22 पदस्थापित है। जहां पूर्व में भी चिकित्सक, एएनएम व पारामेडिकल कर्मी के पदस्थापन हेतु मांग किया गया है। ताकि सीएचसी में मरीजों का ससमय समुचित चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाया जा सके। वहीं सभी स्वास्थ्य उपकेन्द्र और हेल्थ& वेलनेस सेंटर पर टीकाकरण व अन्य सुविधा मुहैया कराया जा सके। उन्होंने कहा कि अस्पताल में चिकित्सक व कर्मी के कमी के वावजूद भी यहां से एक आयुष चिकित्सक का अन्यत्र स्थानांतरण कर दिया गया है। जहां चिकित्सक व कर्मी के कमी को दूर करने के लिए सीएस को पत्राचार किया गया है। ताकि अस्पताल में मरीजों का इलाज निरन्तरता जारी रहे। कहा कि दस हेल्थ & वेलनेस सेंटर में तीन पर हीं स्वास्थ्य सुविधा दिया जा रहा है। बांकी सात बंद पड़ा है। यदि यहां चिकिसक व स्वास्थ्य कर्मी का प्रतिनियुक्ति हो जाता है तो यहां के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देना आसान हो जाएगा।

ग्रामीणो ने कई बार विभागीय अधिकारियों से की शिकायत

ग्रामीण सनोज महेता ,पप्पू कुमार सिंह, रविंद्र कुमार साह, मो इस्लाम आलम, मो जब्बार,अखिलेश मंडल,दिलीप यादव, अजय यादव, संतोष साह मुकेश यादव आदि ने बताया की सरकार भले ही करोड़ों की लागत से सीएचसी भवन का निर्माण कराया है। लेकिन सीएचसी में डॉक्टर,ड्रेसर,एएनएम,कम्पाउंडर सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की घोर है । उन्होंने कहा है कि सीएचसी का लाभ स्वास्थ्य कर्मियों की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को नहीं मिल रही है। डॉक्टरों कमी के कारण आरबीएस कार्यक्रम भी बाधित हो रहा है। जिससे स्कूलों में होने वाले बच्चों की स्वास्थ्य जांच नहीं हो रही है। ग्रामीणो ने बताया की ढाई लाख की आबादी वाले प्रखंड का सीएचसी महज दो डाक्टरों के भरोसे चल रहा है। एक तरफ सरकार अस्पतालों में उत्तम व्यवस्था की बात कर रही है वहीं किशनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्वास्थ्यकर्मियों के वर्षों से खाली पद सरकारी आंकड़ों की पोल खोल रही है।

11 डॉक्टर के पद सीएचसी में है स्वीकृत 2 है पद स्थापित,

सीएचसी प्रभारी डॉक्टर अभिषेक कुमार सिंन्हा ने बताया कि सीएचसी में डॉक्टर सहित स्वास्थ्य कर्मियों के पद पर नियुक्ति के लिए सीएस, डीएम,आरडीडी सहित संबधित विभाग को लिखा गया है। सीएस डॉक्टर ललन कुमार ठाकुर ने बताया कि यह स्थिति पूरे जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों की है। जून में पदस्थापन और स्थानांतरण की प्रक्रिया विभाग द्वारा की जाती है। उम्मीद है इसके बाद रिक्त पदों पर स्वास्थ्य कर्मियों की बहाली हो सकती है । उधर, लोगों ने जल्द विभाग से इस ओर ध्यान देने का अनुरोध किया है।

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