बिहार की सियासत 'भीम' पर आई; लोजपा आर ने बहुजन भीम समागम का किया ऐलान, नालंदा से आगाज
लोजपा (रामविलास) के जमुई सांसद अरुण भारती ने 18 मई को नालंदा के बिहारशरीफ से बहुजन भीम समागम की शुरुआत करने की घोषणा की है। इसके बाद बिहार के दूसरे जिलों में भी इसका आयोजन किया जाएगा। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उन्होने ये बात कही।

बिहार की सियासत में एक अहम फैक्टर दलित वोट बैंक है, जिस पर सभी सियासी दलों की नजर है। दलितों की राज्य में करीब 19 फीसदी आबादी है। जिसको लेकर आगामी चुनाव के लिए सभी दल रणनीति बना रहे हैं। फिर चाहे वो महागठबंधन हो या फिर एनडीए। हाल ही 14 अप्रैल को बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की जयंती पर पटना में नीतीश कुमार की जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी ने बड़े स्तर पर कार्यक्रम किए थे। जिसमें जदयू का भीम संवाद शामिल था। वहीं भाजपा ने पार्टी का स्थापना दिवस 6 से 14 अप्रैल तक मनाया था। अब एनडीए की एक और सहयोगी चिराग पासवान की लोजपा (आर) ने भी बहुजन भीम समागम की शुरुआत का ऐलान किया है।
लोजपा (रामविलास) के जमुई सांसद अरुण भारती ने 18 मई को नालंदा के बिहारशरीफ से बहुजन भीम समागम की शुरुआत करने की घोषणा की है। इसके बाद बिहार के दूसरे जिलों में भी इसका आयोजन किया जाएगा। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने ये जानकारी दी। दलितों में पासवान लोजपा (आर) का कोर वोटर है। ऐसे में दलितों को साधने की कवायद के तौर पर बहुजन भीम समागम को देखा जा रहा है।
वहीं केंद्र सरकार के जातीय जनगणना के फैसले का सांसद अरुण भारती ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह फैसला लोगों को जोड़ने का काम करेगा। आपको बता दें। कुछ महीने पहले ही बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम को बनाया गया है। जो कुटंबा से विधायक हैं, और दलित समाज से आते हैं। वहीं हाल ही में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी पासी समाज के कार्यक्रम ताड़ी व्यवसायी महाजुटान में शामिल हुए थे। उन्होने घोषणा की थी कि अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो शराबबंदी से ताड़ी को अलग कर दिया जाएगा, और उद्योग का दर्जा दिया जाएगा।