फॉर्मर रजिस्ट्री : पायलट प्रोजेक्ट में जिले के 173 गांव और शामिल
फॉर्मर रजिस्ट्री : पायलट प्रोजेक्ट में जिले के 173 गांव और शामिलफॉर्मर रजिस्ट्री : पायलट प्रोजेक्ट में जिले के 173 गांव और शामिलफॉर्मर रजिस्ट्री : पायलट प्रोजेक्ट में जिले के 173 गांव और शामिलफॉर्मर...

फॉर्मर रजिस्ट्री : पायलट प्रोजेक्ट में जिले के 173 गांव और शामिल पहले चरण में हर प्रखंड के दो-दो गांवों का किया गया था चयन आधार की तरह किसानों का बनेगा यूनिक आईडी, अबतक ढाई हजार अधिक बने फोटो किसान : परवलपुर में कैंप लगाकर किसानों का यूनिक आईडी बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन करते कर्मी। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। आधार कार्ड की तरह जिले के किसानों का यूनिक आईडी बनाया जा रहा है। सात अप्रैल से विशेष अभियान की शुरुआत की गयी है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले चरण में प्रत्येक प्रखंड के दो-दो यानी कुल 40 गांवों का चयन किया गया था।
बड़ी राहत यह कि दूसरे चरण में जिले के 173 अन्य गांवों को भी शामिल कर लिया गया है। अच्छी बात यह भी कि अबतक चयनित गांवों में कैंप लगाकर ढाई हजार से अधिक किसानों का फॉर्मर आईडी बना दिया गया है। हालांकि, शुरुआत में तकनीकी खामियों के कारण आईडी बनाने में परेशानी आयी थी। लेकिन, अब खामियां दूर हुई हैं तो आईडी बनाने की रफ्तार भी तेज हो गयी है। चयनित गांवों में कैंप लगाये जा रहे हैं। किसानों का निबंधन करने की जवाबदेही कृषि विभाग के एटीएम (सहायक तकनीकी प्रबंधक), बीटीएम (प्रखंड तकनीकी प्रबंधक), कृषि समन्वयक तो अंचल के राजस्व कर्मचारियों को दी गयी है। पूरी प्रक्रिया एप के माध्यम से ऑनलाइन की जा रही है। ये दस्तावेज लेकर पहुंचे कैंप में: किसानों को यूनिक आईड बनवाने के लिए आधार कार्ड, आधार से लिंक मोबाइल नंबर व जमीन का अद्यतन रसीद शिविर में लेकर आना होगा। यूनिक आईडी में किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व वाली जमीन का खाता, खेसरा, मोबाइल नंबर, आधार नंबर को मिलाकर एक संपूर्ण डाटाबेस तैयार किया जाएगा। खास यह भी कि सूचीबद्ध किसानों को एग्रीस्टेक परियोजना से जोड़ा जाएगा। होंगे कई फायदे : फार्मर आईडी से किसानों को कई फायदे होंगे। खास यह कि बार-बार किसानों को ई-केवाईसी कराने के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा। आधार कार्ड की तरह पूरी जानकारी यूनिक आईडी में दर्ज रहेगी। फार्मर आईडी बनाने वाले किसानों को केंद्र द्वारा सरकार की कृषि योजनाओं का लाभ मिलेगा। राहत यह कि इसके माध्यम से किसानों को सस्ता ऋण, कृषि इनपुट , विशिष्ट सलाह के साथ उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में आसानी होगी। क्या कहते हैं अधिकारी : यूनिक आईडी के माध्यम से एक क्लिक में किसानों को सारी जानकारियां मिलेंगी। साथ ही सरकार की योनाओं का लाभ लेने में भी सहूलियत होगी। किसान शिविर में पहुंचकर फार्मर रिजस्ट्रेशन अवश्य कराएं। राजीव कुमार, डीईओ, नालंदा
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