स्कूली बच्चों को यात्रायात नियमों की दी गयी जानकारी
सिंहेश्वर में स्कूल के बच्चों के लिए यातायात नियमों के प्रति जागरूकता अभियान चलाया गया। ट्रैफिक डीएसपी चेतनानंद झा ने छात्रों को ड्राइविंग की जिम्मेदारी और सुरक्षा के महत्व को बताया। उन्होंने सड़क पर...

सिंहेश्वर, निज संवाददाता।स्कूली बच्चों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया। ट्रैफिक डीएसपी चेतनानंद झा की अध्यक्षता में ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्कूल सिंहेश्वर में कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्रों को यातायात नियमों की जानकारी दी गयी। ट्रैफिक डीएसपी ने छात्रों से कहा कि ड्राइविंग को रोमांच नहीं, जिम्मेदारी समझें। सड़क पर गाड़ी चलाते समय सतर्क रहें। इससे खुद की और दूसरों की जान सुरक्षित रहेगी। उन्होंने बताया कि सड़क हादसा का सबसे बड़ा कारण लोगों की लापरवाही होती है। अगर लोग ट्रैफिक नियमों, सिग्नल और चिन्हों का पालन करें तो हादसे रोके जा सकते हैं।
उन्होंने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए छात्रों को सड़क हादसों से होने वाले नुकसान और उससे बचाव की जानकारी दी। ट्रैफिक सिग्नल, चिन्ह और नियमों के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि पीली लाइट रुकने का संकेत होती है। अगर वाहन स्टॉप लाइन पार कर चुका है तो आगे बढ़ सकता है। लेकिन स्टॉप लाइन के पीछे होने पर रुकना जरूरी है। पीली लाइट पर तेज गति से निकलने की कोशिश से क्रॉसिंग पर हादसे होते हैं। उन्होंने सड़क के बीच बनी सफेद और पीली पट्टियों का मतलब भी समझाया। कटी हुई पट्टी का मतलब ओवरटेक की अनुमति होती है। सीधी और बिना कटी पट्टी पर ओवरटेक नहीं करना चाहिए। छात्रों को सड़क पर लगे साइन बोर्ड के बारे में बताया:::: ट्रैफिक डीएसपी ने छात्रों को सड़क पर लगे साइन बोर्ड को समझने और नियमों का पालन करने की सलाह दी। हेलमेट और सीट बेल्ट की उपयोगिता के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ चालान से बचने के लिए नहीं हैं। कई बार बड़े हादसों में हेलमेट और सीट बेल्ट ने जान बचाय है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे खुद भी नियमों का पालन करें और दूसरों को भी जागरूक करें। बच्चों को पढ़ाया ट्रैफिक नियमों का पाठ:: ग्रीन फील्ड इंटर नेशनल स्कूल के निदेशक रूपेश कुमार रूपक और कुंदन कुमार ने छात्रों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने और साइबर सुरक्षा की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों का पालन जीवन और मौत से जुड़ा होता है। थोड़ी सी लापरवाही जान ले सकती है। उन्होंने साइबर फ्रॉड से बचने के लिए अनजान कॉल, लिंक और व्हाट्सएप कॉल को इग्नोर करने की सलाह दी। साथ ही बताया कि साइबर फ्रॉड होने पर 1930 पर कॉल करें और साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराएं।
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