ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए बिहार के लाल रामबाबू का शव पहुंचा पटना, तेजस्वी समेत कई हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि
रामबाबू सिंह सीवान जिले के बड़हरिया प्रखंड और जीबी नगर थाने वसिलपुर गांव के निवासी स्व. राम विचार सिंह के पुत्र थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शहीद जवान को श्रद्धांजलि देंगे। बिहार सरकार की तरफ से शहीद जवान के आश्रितों को 50 लाख रुपये देने की बात कही गई है।

पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान शहीद हुए बिहार के लाल रामबाबू का पार्थिव शरीर पटना एय़रपोर्ट पहुंचा। आर्मी जवान रामबाबू सिंह की शहादत पर पूरे देश को गर्व है। शहीद जवान रामबाबू का शव एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद कई हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी शहीद रामबाबू को श्रद्धांजलि दी है। रामबाबू सिंह सीवान जिले के बड़हरिया प्रखंड और जीबी नगर थाने वसिलपुर गांव के निवासी स्व. राम विचार सिंह के पुत्र थे। आज दोपहर को शहीद जवान का शव उनके घर पहुंचेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शहीद जवान को श्रद्धांजलि देंगे। बिहार सरकार की तरफ से शहीद जवान के आश्रितों को 50 लाख रुपये देने की बात कही गई है।
रामबाबू के परिजनों ने बताया कि साल 2017 में इंडियन आर्मी में उन्होंने ज्वाइन किया था। इधर घर पर 22 मार्च को वे छुट्टी आए थे। उसके बाद से पुन: 10 अप्रैल को कश्मीर में जाकर ड्यूटी ज्वाइन किए थे। इसी बीच 12 मई को उनके शहीद होने की खबर आई। उनकी शादी पिछले ही साल दिसंबर महीने में हुई थी।
परिजनों के अनुसार, अप्रैल महीने में 10 तारीख को छूट्टी समाप्त होने के बाद अपनी ड्यूटी पर रामबाबू गए थे। वे इसके बाद से जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर शहीद हो गए। वे ड्यूटी पर थे, उस समय पाकिस्तानी हमले का दौर जारी था। उनकी शहादत को लेकर गांव के लोग गर्व कर रहे हैं। लेकिन उनके परिवार की स्थिति देख सभी काफी मर्माहत हैं।
आर्मी में ऑपरेटर के रूप में कार्यरत थे रामबाबू
आर्मी के ऑपरेटर रामबाबू कुमार सिंह कार्यरत थे। उनके पिता स्व. रामविचार सिंह हरिहरपुर पंचायत के पूर्व उप मुखिया रह चुके हैं। रामबाबू की शादी पिछले साल दिसंबर 2024 धनबाद में धूमधाम से हुई थी। शादी के बाद वे होली में घर आए थे। इसके बाद उनके ससुर सुभाष चंद्र शर्मा, बेटी और दामाद को अपने घर धनबाद लेकर चले गए थे। 10 अप्रैल को छुट्टी समाप्त होने के बाद वह जम्मू-कश्मीर में अपनी ड्यूटी पर लौट गए थे।