श्री भागवत जी के अक्षर-अक्षर में श्रीकृष्ण विद्यमान : छोटे बापू
गोरौल में छोटे बापू जी महाराज ने श्रीमद्भगवत कथा के दौरान कहा कि भगवान श्रीकृष्ण श्री भागवत जी के हर अक्षर में विद्यमान हैं। उन्होंने दया और भक्ति का महत्व बताया, विशेषकर द्रौपदी के जीवन के उदाहरणों...

गोरौल, हिंदुस्तान संवाददाता। भागवत मर्मज्ञ छोटे बापू जी महाराज ने कहा कि श्री भागवत जी के अक्षर-अक्षर में भगवान श्रीकृष्ण विद्यमान हैं। श्री भागवत जी की कथा की भूमिका मैं भक्तों का चरित्र है। वह स्त्री रूप में विद्यमान हैं। वे लोदीपुर पंचायत के चैनपुर गांव में मनोकामना सिद्ध संकट मोचन हनुमान मंदिर के प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भगवत कथा ज्ञान महायज्ञ के दूसरे दिन व्यासपीठ से बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अनीति पूर्वक द्रौपदी के पांच पुत्रों का वध द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा द्वारा किया गया था, जिसके बाद अर्जुन ने अश्वत्थामा को बांधकर सभा में उपस्थित किया, तब द्रौपदी ने अश्वत्थामा को जीवन दान देने की प्रार्थना की थी। कुंती ने भगवान से विपत्ति मांग कर भक्तों को बताया कि भक्ति विपत्ति में होती है संपत्ति में भगवान का विस्मरण होता है। उत्तरा ने गर्भ में पल रहे अभिमन्यु पुत्र की रक्षा के लिए भगवान से ही प्रार्थना की थी।
द्रौपदी के जीवन से हमें यह सीख मिलती है कि धर्म का मूल दया है, यदि हम अपने को धर्मात्मा बनाना चाहते हैं, तो जीवों पर दया करना सीखें। भगवान की भक्ति करने के लिए परिस्थितियों का अनुकूल होना जरूरी नहीं है। आजकल लोग कहते हैं घर परिवार सब अच्छा रहेगा, तो भजन करेंगे। संसार में सब अच्छा कभी हो नहीं सकता। इसलिए जहां हैं, जैसे हैं भगवान का भजन करते रहना चाहिये। इस मौके पर मध्यप्रदेश के दतिया से आये रामशंकर मिश्र के अलावा व्यास सियाराम दास जी महाराज मौजूद रहे।
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