‘हैदराबाद मॉडल की तर्ज पर होगी शहर में जलनिकासी की व्यवस्था
मुजफ्फरपुर में जलनिकासी की व्यवस्था हैदराबाद के मॉडल पर आधारित होगी। नगर निगम ने पीवीसी पाइप से नए नालों के निर्माण की योजना बनाई है, जिससे जलजमाव की समस्या का समाधान होगा। हैदराबाद की कंपनी सर्वे कर...

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता शहर में हैदराबाद की तर्ज पर जलनिकासी की व्यवस्था होगी। पहली बार आधुनिक तरीके से पीवीसी पाइप से नए नालों का निर्माण होगा। इसको लेकर हैदराबाद की कंपनी सर्वे करेगी। फिर सर्वे रिपोर्ट के आधार पर नगर निगम शहर में जलनिकासी की कार्ययोजना बनाकर नालों के नए नेटवर्क पर काम करेगा। नगर निगम के स्तर पर इसकी कवायद चल रही है। इसका मकसद जलजमाव की समस्या का स्थायी समाधान करना है।
दरअसल, पीवीसी पाइप से नाला बनाना आसान होता है। इसमें पीवीसी पाइप की इंटरलॉकिंग करते हुए 10-10 फीट की दूरी पर विशेष पिट बनाए जाएंगे। नाले में जमा कचरा इसी पिट में बैठ जाएगा, जिससे पानी के प्रवाह में रुकावट नहीं होगी। पिट में जमा कचरा निकालने में भी आसानी होगी। साथ ही पिट के नीचे से रिसने वाले पानी से भूजल भी रिचार्ज होगा। इसमें नाले की सतह बनाने में अतिरिक्त सावधानी बरती जाती है, ताकि पानी के प्रवाह की गति प्रभावित या नाला जाम नहीं हो सके।
बता दें कि निगम बोर्ड की पिछली बैठक में केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री डॉ. राजभूषण चौधरी ने नाले या जलनिकासी के हैदराबाद मॉडल की जानकारी देते हुए हरसंभव सहयोग देने की बात कही थी।
निर्माण में आसानी, टिकाउ के साथ होगा मजबूत
पहले से तैयार पीवीसी पाइप व अन्य संसाधनों से नाला बनाने में कम समय लगता है। इसमें ईंट, कंक्रीट की जरूरत नहीं होती है, फिर भी यह टिकाउ व मजबूत होता है। वर्तमान में नाला के लिए गड्ढ़ा खोदने, बेस, दीवाल व अन्य कार्यों को पूरा करने में तकनीकी कारणों से भी अधिक समय लगता है।
157 किमी नाले का नेटवर्क, फिर भी जलजमाव
शहर में 157 किलोमीटर से अधिक लंबे नाले का नेटवर्क है। इसमें स्मार्ट सिटी के विभिन्न प्रोजेक्ट के अंतर्गत नवनिर्मित नालों के अलावा पहले से बने छोटे, बड़े व खुले नाले शामिल हैं। सबसे बड़ा फरदो नाला 6.267 किमी लंबा है। इसके बावजूद बारिश के मौसम में निचले इलाकों में जलजमाव की समस्या गंभीर हो जाती है। बसवारी टोला, मिल्की टोला, माली टोला व अन्य मोहल्लों में घरों तक जाने के लिए लोगों को बांस की चचरी या जुगाड़ की नाव का इंतजाम करना पड़ता है।
बयान :
पीवीसी पाइप से बना नाला अधिक टिकाउ व कारगर है। हैदराबाद की कंपनी सर्वे करके बेहतर प्लान, डायग्राम के साथ विस्तृत रिपोर्ट देगी। इसको लेकर प्रयास हो रहे हैं। केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री का सहयोग व मार्गदर्शन भी मिल रहा है।
- निर्मला साहू, मेयर
यह रेडीमेड नाले की तरह है। काफी मजबूत होता है। पीवीसी पाइप से बना नाला जेसीबी के बकेट से भी नहीं टूटता है। बीच-बीच में बने पिट में कचरा नीचे बैठने के साथ ही पानी का प्रवाह बरकरार रहता है।
- डॉ. राजभूषण चौधरी, केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री
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