एलआईसी एजेंट के घर पर बमबाजी में तीन शातिर गिरफ्तार
मुजफ्फरपुर के भगवानपुर गांव में एलआईसी एजेंट अरुण कुमार सिंह के घर पर 15 लाख रुपये की रंगदारी के लिए बमबाजी की गई थी। पुलिस ने तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य आरोपी मो. आरिफ फरार...

मुजफ्फरपुर/कुढ़नी, हिन्दुस्तान टीम। फकुली थाना क्षेत्र के भगवानपुर गांव में एलआईसी एजेंट अरुण कुमार सिंह के घर पर 15 लाख रुपये रंगदारी के लिए हुई बमबाजी में पुलिस टीम ने मोतिहारी के मधुवन और मेहसी से तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है। जबकि घटना का मास्टरमाइंड मनियारी का शातिर एलआईसी एजेंट मो. आरिफ फरार चल रहा है। उसकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।
ग्रामीण एसपी ने बताया कि अरुण कुमार सिंह एलआईसी एजेंट के साथ अपना व्यवसाय भी करते हैं। मनियारी का मो. आरिफ भी एलआईसी का एजेंट है। इस वजह से वह अरुण के बारे में जानता था कि उसपर दबिश देने से रंगदारी में रुपये मिल सकते हैं। आरिफ पहले से रंगदारी व अन्य कांडों का आरोपित रहा है। उसका आपराधिक इतिहास है। उसने अपने अपराधी साथी मधुवन के क्रीम कुमार, संतोष कुमार और सरोज कुमार के साथ मिलकर अरुण सिंह से रंगदारी मांगने की साजिश रची। उसने तीनों साथियों को फकुली में बुलाया। इसके बाद 23 मार्च की रात अरुण सिंह के घर पर बमबाजी कराई गई। बमबाजी की सूचना पर फकुली ओपी अध्यक्ष ललन कुमार मौके पर छानबीन कर रहे थे। इसी दौरान एक अनजान नंबर से अरुण सिंह को कॉल आई और 15 लाख रुपये रंगदारी की मांग की गई। रुपये नहीं देने पर पूरे परिवार की हत्या की धमकी दी गई। इसके बाद मामले में जांच के लिए एसएसपी सुशील कुमार ने एसआईटी गठित कर छापेमारी शुरू की। जिस नंबर से रंगदारी के लिए कॉल की गई थी वह पूर्वी चंपारण के मधुबन निवासी क्रीम कुमार के नाम से लिया गया था। इसी सिम से बमबाजी के बाद मुजफ्फरपुर शहर से रंगदारी की मांग की गई थी। इसके बाद अपराधी मोतिहारी फरार हो गए थे। क्रीम को उठाये जाने के बाद उसने घटना में शामिल संतोष का नाम बताया। इसके बाद पुलिस टीम ने संतोष को भी दबोच लिया। संतोष से पूछताछ के बाद सरोज को उठाया गया। तीनों से गहन पूछताछ हुई तो मास्टरमाइंड आरिफ का नाम सामने आया। मोतिहारी में छापेमारी की भनक लगने के बाद आरिफ फरार हो गया।
आरिफ गांव में जाकर देख रहा था पुलिस की गतिविधि :
ग्रामीण एसपी ने बताया कि आरिफ इतना शातिर है कि बमबाजी की घटना के बाद वह तीन बार बाइक से भगवानपुर गांव पहुंचा। वह पुलिस की गतिविधि पर नजर रख रहा था। एलआईसी एजेंट होने के कारण उसपर अरुण सिंह को शक नहीं हो रहा था। जब उसके अपराधी साथी पकड़े गए तो आरिफ का राज खुला।
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