स्टेशन का रास्ता जर्जर, छूट जाती हैं ट्रेनें
बाजपट्टी स्टेशन की पहुंच पथ की खस्ताहाल स्थिति से लोगों का जीवन खतरे में है। विशेषकर दक्षिणी पहुंचपथ में खतरनाक गड्ढे और बरसात में पानी भरने से आवागमन मुश्किल हो जाता है। पीएमओ को आवेदन के बाद...

बाजपट्टी। पूर्व मध्य रेल के बाजपट्टी स्टेशन का दोनो पहुंच पथ मौत को खुला निमंत्रण देता है। खासकर दक्षिणी पहुंचपथ जिसका सर्वाधिक उपयोग होता है वर्षों से खस्ताहाल स्थिति में है। यह पहुचपथ जहां दक्षिणी क्षेत्र स्थित बनगांव गोट, बबुरवन, युसुफपुर, मदारीपुर, मुरौल,रतवारा, भासेपुर,बोहा, रघुनाथपुर, बेलहिया सहित दर्जनों गांव को स्टेशन से सीधा जोड़ता है। वहीं निजी स्कूलों की बस तथा सीएचसी आने वाले मरीज व एंबुलेंस इसी रास्ते आते-जाते रहते है। करीब एक किलोमीटर की दूरी में फैला यह पहुंच पथ मुख्य सड़क पर अवस्थित गेट संख्या 47 सी से आरंभ होकर मुरलियाडीह गांव स्थित गेट संख्या 46 सी तक फैला है। लेकिन इस पथ में छोटे-बड़े दर्जनों खतरनाक गड्ढे बन गए है। वही सड़क से गट्टिी-मट्टिी अलग हो जाने के कारण पैदल चलना भी मुश्किल होता है। कई बार इस रास्ते से आने वाले लोगों के ट्रेन भी छूट जाते है।
बरसात के दिनों में बढ़ जाता है खतरा: बरसात में जब इन गड्ढों में पानी भर जाता है तो खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है। जिस कारण उन दिनों इससे होकर आवागमन लगभग बंद हो जाता है।उत्तरी पहुचपथ की स्थिति भी इससे इतर नही है जबकि संढ़वारा, मधुरापुर,मधुबन बाजार, बनगांव बाजार, पटदौरा, शिवाईपट्टी, महमदा, रायपुर, बाजितपुर सहित कई गांव के यात्री इसी रास्ते स्टेशन आते-जाते है। सड़क पर बिखड़े पत्थर आवागमन में समस्या पैदा करती है। दोनो एप्रोच सड़क की कुल लंबाई दो हजार मीटर है। इस समस्या के कारण स्टेशन से प्राप्त राजस्व भी प्रभावित होता है। विभागीय उदासीनता के कारण इसके मरम्मत के लिए किए गए सार्थक प्रयास निरर्थक साबित हुए है।
पीएमओ को आवेदन देने पर 12 नवंबर को मिला था नर्मिाण प्रस्ताव की सूचना
बनगांव गोट निवासी नन्दन कुमार झा द्वारा 2 नवंबर 2024 को समस्या को लेकर पीएमओ को दिए गए ऑनलाइन आवेदन के आलोक में एडीआरएम स्तर के अधिकारी से इसकी जांच कराई गई। 12 नवंबर को पीएमओ से प्राप्त जबाबी पत्र में परिवादी को सूचित किया गया कि प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद काम शुरू किया जा सकता है। इससे पहले भी पहुचपथ, एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव सहित पूरी समस्या बताते हुए संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा की ओर से 20 मार्च 2023 को डीआरएम ऑफिस समस्तीपुर को आवेदन प्रेषित किया गया था। इसके जबाब में विभाग की ओर से 21 अगस्त 2023 को प्राप्त पत्र में वही घीसा-पीटा जबाब की जो पहले परिवादी को मिला था। इस सबके बावजूद लोगो का संघर्ष जारी है। आवेदन भेजने का सिलसिला भी जारी है।
मामला सज्ञान में आया है, इसके निदान के लिए हर संभव प्रयास करूंगा। रेल मंडल समन्वय समिति की बैठक में इसे प्रमुखता के साथ रखा जाएगा। समस्याओं से रेलवे के वरीय अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।जिसके बाद इस सड़क का नर्मिाण जल्द से जल्द हो, इसको लेकर हर स्तर पर पहल की जाएगी। जिससे लोगों को आवागमन में सुविधा मिले।
देवेशचंद्र ठाकुर, सांसद।
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