थानाध्यक्ष ने नहीं दर्ज किया केस तो पहुंचा कोर्ट
सीतामढ़ी के बेला थाना अंतर्गत अनिल कुमार ने उच्च न्यायालय में प्राथमिकी दर्ज कर निष्पक्ष जांच की मांग की है। अनिल का आरोप है कि स्थानीय लोगों ने उनके घर के निर्माण में बार-बार रोक लगाई। थानाध्यक्ष ने...

सीतामढ़ी। बेला थाना अंतर्गत खैरवा वार्ड सात निवासी युगेश्वर महतो के पुत्र अनिल कुमार थानाध्यक्ष को प्राथमिकी दर्ज कर निष्पक्ष जांच करने का आदेश लेने के लिए उच्च न्यायालय पहुंच गये हैं। पीड़ित अनिल कुमार की शिकायत है कि अगस्त 2024 में वह अपने जमीन पर घर बनवा रहे थे तो स्थानीय लोगों के द्वारा निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया। कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाले लोगों का कहना था कि नापी कराने के बाद कार्य आरंभ करें। विवाद से बचने के लिए अंचल कार्यालय में नापी के लिए आवेदन नापी कराया। सीओ परिहार के दिशा-निर्देश पर घर का निर्माण कार्य आरंभ कर दिया।
निर्माण शुरू होने के आठ दिन बाद लोगों ने आकर फिर काम पर रोक लगा दिया। तब 22 फरवरी 2025 को अनिल कुमार ने जनता दरबार में सीओ के सामने अपनी शिकायत रखी। काम पर रोक लगाने वाले व्यक्ति ने भी अपना पक्ष रखा। दोनों का पक्ष सुनने के बाद सीओ ने निर्माण कार्य आरंभ करने को कहा। अगले दिन निर्माण कार्य आरंभ करने के बाद पूर्व से विवाद उत्पन्न कर रहे लोगों ने फिर से आकर दीवार तोड़ दिया। घटना से आहत होकर अनिल कुमार थाना पहुंचे, जहां थानाध्यक्ष ने आवेदन लेने से स्पष्ट तौर पर इंकार कर दिया। तब अनिल ने कुरियर के माध्यम से थानाध्यक्ष को अपना आवेदन भेजा, जिसे लेने से इंकार करने पर अनिल ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से अपनी शिकायत भेजी। स्पीड पोस्ट लेने से इंकार करने पर डाककर्मी ने लिफाफा पर यह लिखकर वापस कर दिया कि ‘प्राप्तकर्ता ने लेने से इंकार किया, अत: वापस किया जाता है। इस संबंध में एएसपी सह सदर एसडीपीओ-2 आशीष आनंद ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। आवेदन लेकर जांच निश्चित तौर पर होना चाहिए था। पीड़ित व्यक्ति के द्वारा लिखित रूप से जिला पुलिस के वरीय पदाधिकारी को शिकायत मिलने पर दोषी पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ जांच कर नियमानुकूल कार्रवाई की जायेगी।
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