अब गांवों में मिलेगा सुधा का दूध-दही, पेड़ा और गुलाब जामुन; पंचायतों में बनेंगे आउटलेट
बिहार के हर पंचायत में सुधा डेयरी का आउटलेट खोले जाने की योजना है। ऐसा होने पर सुधा के दूध, दही, मिठाई समेत अन्य उत्पादों की पहुंच गांव-गांव तक हो जाएगी।

बिहार के गांवों में सुधा उत्पाद के आउटलेट खुलेंगे। यहां दूध, दही, पेड़ा और गुलाबजामुन सहित सुधा के अन्य सभी उत्पाद मिलेंगे। बिहार राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (कॉम्फेड) के माध्यम से राज्य की सभी 8053 पंचायतों के पंचायत सरकार भवन में ये आउटलेट खुलेंगे। इसके लिए कॉम्फेड की ओर से पंचायती राज विभाग से जल्द ही करार होगा। इससे बिहार के ग्रामीण इलाकों में गुणवत्तापूर्ण दुग्ध उत्पादों की उपलब्धता बढ़ेगी। इनमें सुगर फ्री मिठाइयां एवं अन्य उत्पाद भी शामिल होंगे। घर में किसी मेहमान के आने पर ग्रामीणों को अपने पंचायत से बाहर स्थित दुकानों पर जाकर मिठाई या अन्य उत्पाद लाने की मजबूरी भी नहीं रहेगी।
कॉम्फेड के प्रस्ताव के अनुसार, पंचायत सरकार भवन में न्यूनतम 400 वर् गफीट जगह ली जाएगी। साथ ही, पंचायती राज विभाग को इसके किराये का भुगतान कॉम्फेड करेगा। इस स्थान पर आउटलेट के संचालन के लिए स्थानीय लोगों से प्रस्ताव मांगा जाएगा और उन्हें किराये पर जगह उपलब्ध कराई जाएगी। वर्तमान में सुधा के उत्पादों की बिक्री बिहार सहित दूसरे राज्यों में हो रही है। साथ ही इसका निर्यात भी शुरू होने जा रहा है। सुधा के उत्पाद को लोकल से ग्लोबल बनाया जा रहा है।
बिहार में हैं सुधा डेयरी के 640 आउटलेट
जानकारी के अनुसार, वर्तमान में राज्य में सुधा के आउटलेट प्रखंड स्तर पर हैं। राज्य में अभी इसके कुल 640 आउटलेट हैं। कॉम्फेड एवं अन्य संबद्ध सहकारी समितियों के माध्यम से इसकी राज्य में करीब 5400 करोड़ की बिक्री होती है। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि इसे इस साल बढ़ाकर 7500 करोड़ रुपये तक किया जाएगा। ताकि दुग्ध उत्पादक किसानों की आय बढ़े और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी मिले।
सुधा ब्रांड को गांवों तक पहुंचाने की कॉम्फेड की योजना से स्थानीय स्तर पर इसके उत्पादों को बड़ा बाजार मिलेगा। सुधा उत्पादों की पहुंच ग्रामीण इलाकों तक हो जाएगी। गांवों में दूध की खरीद कॉम्फेंड द्वारा की जाती है, जबकि गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की खरीद के लिए उन्हें नजदीकी बाजार में जाना होता है।