बच्चा नहीं होने पर देता था नरबलि, 20 साल में ली कइयों की जान, तांत्रिक अब फरार
- बच्चा नहीं होने की स्थिति में नरबलि देने के लिए भी उसने लाखों रुपए की मांग की थी और इसमें से काफी पैसा उसे मिला भी है। युगल यादव की हत्या के बाद जब पुलिस की जांच तेज हुई तो उसे इसकी भनक लग गई और वह यहां से भाग निकला। उसके रिश्तेदार की गिरफ्तारी के बाद मामले की परत खुलती चली गई।

औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड के पूर्णाडीह मांझी टोला पक्का पर रहने वाले रामाशीष रिकियासन ने पिछले कुछ सालों में अपना तंत्र मंत्र का जाल फैला लिया था। नरबलि के दो मामले का खुलासा होने के बाद रामाशीष रिकियासन के बारे में भी कई तरह की जानकारियां सामने आने लगी। घटना का उद्भेदन होने के बाद रामाशीष रिकियासन सहित घर के सभी लोग फरार हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि गांव में उसका पक्का मकान है और उसके तीन बेटे और दो बेटियां हैं।
रामाशीष रिकियासन और उसका बेटा तंत्र मंत्र का काम मिलजुल कर करते हैं। उसके बेटे झाड़ फूंक में उसका सहयोग करते थे। वह करीब 20 सालों से अधिक समय से ओझा गुनी का काम कर रहा है। काफी संख्या में लोग उससे मिलने के लिए आते रहते थे। आस-पास के लोगों को नहीं पता था कि वह नरबलि देने का भी काम करता है। बच्चा नहीं होने, पति-पत्नी में विवाद होने सहित कई मामलों को लेकर लोग उसके यहां पहुंचते रहते थे।
इधर पिछले पांच सालों में उसकी ख्याति बढ़ती जा रही थी और उसके पास सिर्फ औरंगाबाद ही नहीं बल्कि दूसरे क्षेत्र के लोग भी आते थे। झारखंड राज्य के भी कई लोग यहां झाड़ फूंक कराने के लिए आते थे। कोई अपनी बेटी तो कोई बहू को लेकर यहां पहुंचता था और झाड़ फूंक कर तंत्र-मंत्र से उसे ठीक करने को कहता था। इसके बदले रामाशीष रिकियासन मोटी रकम वसूलता था।
बच्चा नहीं होने की स्थिति में नरबलि देने के लिए भी उसने लाखों रुपए की मांग की थी और इसमें से काफी पैसा उसे मिला भी है। युगल यादव की हत्या के बाद जब पुलिस की जांच तेज हुई तो उसे इसकी भनक लग गई और वह यहां से भाग निकला। उसके रिश्तेदार की गिरफ्तारी के बाद मामले की परत खुलती चली गई। वर्तमान में भी रामाशीष रिकियासन फरार है और उसके घर पर सन्नाटा पसरा हुआ है।