उपेंद्र कुशवाहा वक्फ बिल का विरोध करेंगे या सपोर्ट? RLM चीफ ने खुद बताया, क्या बोले गिरिराज
- उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि इस बिल को अभी सदन में पेश नहीं किया गया है। बिल के स्वरूप और इसके कंटेट के बारे में उन्हें कोई जानकारी उन्हें नहीं है।

वक्फ संशोधन बिल पर देश भर में सियासी घमासान मचा है। केंद्र सरकार बुधवार(2 अप्रैल) को सदन में बिल पेश कर सकती है। एनडीए में शामिल नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड(जेडीयू) ने इसका समर्थन किया है। एनडीए की महत्वपूर्ण घटक राष्ट्रीय लोक मोर्चा का स्टैंड क्या होगा, इसकी चर्चा जोरों पर है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने इस पर बड़ा बयान दिया है।
राज्य सभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने दिल्ली में मीडिया के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस बिल को अभी सदन में पेश नहीं किया गया है। बिल के स्वरूप और इसके कंटेट के बारे में उन्हें कोई जानकारी उन्हें नहीं है। जब बिल को सदन में सरकार पेश करेगी और जानकारी मिलेगी उसके बाद कुछ बता पाएंगे। क्या जोड़ा गया और क्या हटाया गया उसे समझने के बाद हमारी पार्टी अपनी राय रखेगी। उन्होंने साफ किया कि उनकी पार्टी रालोमो वक्फ संशोधन बिल पर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। लेकिन यह कहा कि एनडीए के सभी दल मजबूती के साथ एकजुट हैं। विपक्ष के आरोपों से कोई असर एनडीए पर पड़ने वाला नहीं है।
इधर गिरिराज सिंह ने कहा कि बिल मुस्लिम समाज के हित में है। वक्फ की संपत्ति का व्यक्तिगत लाभ के लिए उपयोग किया जाता था उसपर रोक लगेगी। विपक्ष के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार कोई बिल संविधान के प्रावधानों से बाहर जाकर पेश कर ही नहीं सकती। कांग्रेस को यह समझना चाहिए। विपक्ष तुष्टिकरण की नीति के तहत समाज को गुमराह कर रही है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी समाजवादी पार्टी वक्फ संसोधन बिल का विरोध करती है। आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी हर जगह दखल देना चाहती है। इसी मकसद से इसे लाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि बुधवार को सरकार वक्फ संशोधन बिल को सदन में पेश कर सकती है। सबकुछ ठीक रहा तो 12 बजे के आसपास इस बिल को टेबल किया जाएगा। जेपीसी की रिपोर्ट के अनुरूप ही बिल सदन में रखा जाएगा। इस पर आठ घंटे तक चर्चा होगी। विपक्ष ने 12 घंटे तक चर्चा की मांग की है। कई मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। ईद पर काली पट्टी लगाकर नमाज पढ़ कर विरोध जताया गया।