कारीगर मत बनो…प्रियांश आर्य को गौतम गंभीर ने कैसे तराशा? तूफानी शतक पर कोच का ऐसा रिएक्शन
- प्रियांश आर्य आतिशी शतकीय पारी खेलकर छा गए हैं। प्रियांश को तराशने में गौतम गंभीर ने भी मदद की। प्रियांश के बचपन के कोच संजय भारद्वाज ने भी रिएक्ट किया है।

युवा क्रिकेटर प्रियांश आर्य आईपीएल 2025 में तूफानी सेंचुरी जड़कर छा गए हैं। पंजाब किंग्स (पीबीकेएस) का हिस्सा प्रियांश ने मंगलवार को चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के खिलाफ 42 गेंदों में 103 रन बनाए। उन्होंने 7 चौके ठोके और 9 सिक्स उड़ाए। प्रियांश ने महज 39 गेंदों में सेंचुरी पूरी कर ली थी, जो रिकॉर्ड है। 24 वर्षीय खिलाड़ी ने संघर्ष की भट्ठी में तपकर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी का हुनर सीखा है। उन्होंने डीपीएल (दिल्ली प्रीमियर लीग) में एक ओवर में छह छक्के लगाकर खुब सूर्खियां बटोरी थीं। प्रियांश को तराशने में कई लोगों की भूमिका रही है, जिसमें टीम इंडिया के मौजूदा हेड कोच गौतम गंभीर का नाम भी शामिल है। वहीं, प्रियांश के बचपन के कोच संजय भारद्वाज ने भी उनकी पहली आईपीएल सेंचुरी के बाद रिएक्शन दिया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रियांश ने आईपीएल में सेंचुरी जड़ने के बाद बुधवार सुबह को संजय भारद्वाज से फोन पर बात की। प्रियांश को उम्मीद थी कि संजय उनकी ताबड़तोड़ बैटिंग की प्रशंसा करेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उन्हें बचपन के कोच का वही पुराना अंदाज देखने को मिला। संजय ने कहा, ''प्रियांश ने मुझसे पूछा कि सर ठीक था। लेकिन मैंने चिल्लाकर कहा कि क्या ठीक था। तुमने एक मैच में अच्छा प्रदर्शन किया है। इससे ज्यादा उत्साहित होने की जरूरत नहीं।'' बता दें कि संजय घरेलू सर्किट में एक जाना-पहचाना नाम हैं, जिन्होंने गौतम गंभीर, अमित मिश्रा, जोगिंदर शर्मा, नितीश राणा और उन्मुक्त चंद जैसे खिलाड़ियों को निखारने में योगदान दिया। उन्होंने प्रियांश को दिए मैसेज का भी खुलासा किया है।
संजय ने कहा, ''मैंने आज (बुधवार) सुबह प्रियांश से बोला कि अगर तू सिर्फ हाथ से खेलेगा, फिर तू मजदूर रहेगा, अगर तू हाथ और दिमाग से खेलेगा तो फिर एक कारीगर बनेगा। और जब तू हाथ और दिमाग के साथ-साथ जिगरे के साथ खेलेगा तब तू असली कलाकार बनेगा।।'' प्रियांश खुशकिस्मत रहे, जिन्हें पूर्व सलामी बल्लेबाज गंभीर को अपनी एकेडमी में करीब से ट्रेनिंग लेते देखने का मौका मिला। प्रियांश ने एक बार खुलासा किया था कि कैसे वह अपने हीरो से बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए लेकिन उनके आसपास ही रहे और नेट्स में उनकी बल्लेबाजी देखी। गंभीर के आखिरी रणजी सीजन में प्रियांश दिल्ली रणजी ट्रॉफी के संभावित खिलाड़ियों में शामिल थे।
प्रियांश के पिता पवन आर्य ने बताया कि कैसे गंभीर के मार्गदर्शन ने उनके बेटे को आगे बढ़ने में मदद की। पवन दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में टीचर हैं। पवन ने कहा, ''गौतम ने अंडर-19 मैच में 271 रन बनाने के बाद से ही प्रियांश का साथ दिया है। उन्होंने पिछले छह-सात सालों में उसका मार्गदर्शन किया है। उन्होंने उसे जितना हो सके उतना खेलने के लिए कहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह दिल्ली लीग और हॉट वेदर टूर्नामेंट में खेले। इससे प्रियांश को मदद मिली।'' वहीं, संजय ने बताया कि गंभीर को प्रियांश के बारे में सबसे ज्यादा क्या प्रभावित करता है। उन्होंने कहा, "गंभीर किसी खिलाड़ी को तभी पसंद करते हैं, जब उसमें एटीट्यूड हो। वह सिर्फ टैलेंट पर विश्वास नहीं करते। वह इंटेंट देखते हैं। उन्होंने पिछले कुछ सालों में दिल्ली क्रिकेट में उन्मुक्त चंद, नवदीप सैनी, आयुष बदोनी और नितीश राणा को सपोर्ट किया है।"