Pehchan Kon 1960 Highest Grossing Bollywood Film People slept on roads waited in line for two days to buy Mughal E Azam 1960 में इस फिल्म ने की थी सबसे ज्यादा कमाई, टिकट के लिए दो-दो दिन लाइन में इंतजार करते थे लोग, Bollywood Hindi News - Hindustan
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1960 में इस फिल्म ने की थी सबसे ज्यादा कमाई, टिकट के लिए दो-दो दिन लाइन में इंतजार करते थे लोग

  • साल 1960 रिलीज हुई इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था। फिल्म को भारत की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक माना जाता है। इस फिल्म को बनाने में करीब 16 साल लगे थे।

Harshita Pandey लाइव हिन्दुस्तानThu, 3 April 2025 08:01 AM
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1960 में इस फिल्म ने की थी सबसे ज्यादा कमाई, टिकट के लिए दो-दो दिन लाइन में इंतजार करते थे लोग

पहचान कौन में आज हम आपको साल 1960 में रिलीज हुई उस फिल्म के बारे में बता रहे हैं जिसने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था। यह फिल्म उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी। 1960 में आई इस फिल्म को आज तक भारत की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक माना जाता है। वहीं, इस फिल्म को बनाने में 16 साल लगे थे। कहा जाता है इस फिल्म की टिकट लेने के लिए लोगों ने दो-दो दिन लाइन में इंतजार किया था।

क्या आप पहचान पाए फिल्म का नाम?

क्या आप पहचना पाए फिल्म का नाम? अगर नहीं, तो चलिए हम आपको बताते हैं। इस फिल्म का नाम था मुगल-ए-आजम। हाल ही में बॉलीवुड एक्टर रजा मुराद ने एएनआई के साथ खास बातचीत में फिल्म को लेकर बात की। उन्होंने बताया कि उस फिल्म को देखने के लिए लोग दो-दो दिनों तक लाइन में लगकर टिकट्स लेते थे। वहीं, टिकट की लाइन 5 किलोमीटर तक लंबी होती थी। 

टिकट के लिए दो-दो दिनों तक लाइन में रहते थे लोग

रजा मुराद ने बताया, "सोमवार की एडवांस बुकिंग के लिए लोग शनिवार से ही लाइन में लग जाते थे। मैंने खुद ये देखा है। लोग सड़कों पर सोते थे, उनके परिवारवाले उनके लिए वहीं खाना लेकर आते थे और वो सोमवार के शो के टिकट के लिए इंतजार करते थे। टिकट के लिए लाइन बॉम्बे सेंट्रल से शुरू होकर महालक्ष्मी तक लगती थी।" बता दें, रजा मुराद के पिता हामिद अली भी इस फिल्म का हिस्सा थे। उन्होंने फिल्म में राजा मान सिंह का किरदार निभाया था।

फिल्म के बारे में क्या बोले रजा मुराद?

उन्होंने ये भी कहा कि मुगल ए आजम जैसी फिल्म को दोबारा नहीं बनाना चाहिए और जो कोई ऐसी कोशिश करेगा, वो बुरी तरह फेल हो जाएगा। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है भगवान ने मधुबाला, आसिफ और पृथ्विराज कपूर को मिशन पर भेजा था। उनका मिशन था मुगल-ए-आजम बनाना। फिल्म के कुछ दिनों बाद ही वो उनके पास वापस चले गए।" बता दें, मधुबाला, के आसिफ और पृथ्विराज कपूर का फिल्म रिलीज के 12 साल के अंदर ही निधन हो गया था।

 

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