पहली ही मुलाकात में श्रीराम ने हनुमान की वीरता समझ ली : संतोष द्विवेदी
धनबाद में मानस प्रचार समिति का 53वां वार्षिक अधिवेशन हुआ, जिसमें आचार्य देवी प्रसाद पांडेय ने मानस परायण और सुंदरकाण्ड का पाठ कराया। संत संतोष द्विवेदी ने राम कथा में हनुमान जी के चरित्र पर प्रकाश...

धनबाद, वरीय संवाददाता मानस प्रचार समिति के 53वें वार्षिक अधिवेशन में गुरुवार को विंध्याचल से पधारे आचार्य देवी प्रसाद पांडेय ने मानस परायण कराया। सुंदरकाण्ड का पाठ कराया गया। इस दौरान श्रीराम और हनुमान के जयकारों से पूरा जगजीवन नगर गूंज उठा। यज्ञमान उज्जवल कुमार वर्मा, मनिका कीर्ति वर्मा, शिव प्रसन्न प्रसाद, रुक्मिणी देवी ने पंडित ज्योति नारायण झा के अचार्यत्व में सभी कर्मकांड किए। गुरुवार को संध्या सत्र में अयोध्या से पधारे संत संतोष द्विवेदी ने राम कथा में हनुमान जी के चरित्र पर प्रकाश डाला। किस प्रकार प्रभु श्रीराम ने हनुमानजी की विद्वता एवं बल को पहली भेंट में ही समझ लिए थे। आज्ञाकारी गुरुप्रेमी ऐसे थे कि सूर्यदेव के कहने पर सुग्रीव की उन्होंने बाली से रक्षा की, विश्लेषक एवं कुटनीतिज्ञ ऐसे कि सबकुछ पता लगा कर आ गए और अपने बल का परिचय भी दिया। विभीषण जी भी उन्हीं की बातों में आकर विद्रोह के लिए प्रेरित हुए। कथा में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक राज सिन्हा, सेवनिवृत्त भारतीय राजस्व सेवा के एसके मित्रा, जेएमएम के केंद्रीय अध्यक्ष अमितेश सहाय, जीटा के महासचिव राजीव शर्मा, समाजसेवी परशुराम सिंह, सत्यदेव पाठक, उदय प्रताप सिंह, अरुण सिंह, अरविन्द शर्मा, गणेश श्रीवास्तव आदि मौजूद थे। आयोजन को सफल बनाने में निरंजन सिंह,निशांत नारायण, विनोद दुबे, रामप्रवेश शर्मा, साधुसरण पाठक, योगेंद्र मिश्रा, शशि श्रीवास्तव, शशि अग्रवाल, राजेश गुप्ता, मुकेश सिन्हा, राजेश सिंह, अजित गुप्ता, समशेर सिंह राठौर, स्वपना अधिकारी, कन्हाई भट्टचार्य, राहुल कुमार आदि की भूमिका सराहनीय रही।
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