भौरा जहाजटांड के ग्रामीणों के विरोध के कारण नही हुई सड़क पर पड़ी दरार की भराई
-कंपनी व सरकार को करोड़ों का हो रहा प्रतिदिन नुकासन,-कंपनी व सरकार को करोड़ों का हो रहा प्रतिदिन नुकासन, -पीओ ने थाना में की शिकायत, ग्रामीणों ने सीएम

भौंरा। भौरा जहाजटांड बस्ती जाने वाले मार्ग पर पड़ी दरार की भराई व अन्य मांगों को लेकर ग्रामीणों और पूर्वी झरिया क्षेत्र के प्रबंधन के बीच शुक्रवार को भी जिच बरकरार रही। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर अपनी समस्याओं से अगवत कराते हुए न्याय की गुहार लगाई है। इधर झरिया अंचलाधिकारी मनोज कुमार के निर्देश पर जनहित को ध्यान में रखते हुए पूर्वी झरिया क्षेत्र के प्रबंधन ने वाहनों से मिट्टी पत्थर और मशीन लेकर सड़क पर पड़ी दरार की भराई करने का प्रयास किया। जिसका ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों के कड़े विरोध को देखते हुए प्रबंधन वैरंग वापस लौट गया। वही दूसरी ओर भौंरा फोर ए पेंच का कोल ब ओबी निकासी चौथे दिन भी ठप रहा। कोल उत्पादन नहीं होने से बीसीसीएल के साथ राज्य सरकार को भी करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। प्रबंधन ग्रामीणों से वार्ता को लेकर कई बार बुलावा भेजा। लेकिन ग्रामीण वार्ता को तैयार नहीं हो रहें हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रबंधन पहले हमारी मांगों को पूरा करें। तभी पैच का काम शुरू होगा। इस बाबत भौरा कोलियरी ग्रुप के पीओ बीके पांडे ने भौंरा ओपी में एक लिखित शिकायत देकर कहा है कि कुछ लोग सड़क पर पड़ी दरार की भराई नहीं होने दे रहे हैं। साथ ही पैच का कोल उत्पादन भी बंद किए हुए है। बताते है कि मंगलवार को दिन के करीब दो बजे भौरा जहाज टांड़ बस्ती र्मा में दरार पड़ने की घटना के बाद से ही लोग काम ठप किए है।
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