Severe Heatwave Disrupts Life in Garhwa Water Scarcity Plagues Residents भीषण गर्मी और लू से जनजीवन अस्त व्यस्त, गहराया पेयजल संकट, Garhwa Hindi News - Hindustan
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भीषण गर्मी और लू से जनजीवन अस्त व्यस्त, गहराया पेयजल संकट

गढ़वा में भीषण गर्मी और लू से जनजीवन प्रभावित है। अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। पानी की कमी से लोग भटक रहे हैं, जबकि बस स्टैंड और शहर में सार्वजनिक प्याऊ की सुविधाएं नहीं हैं।...

Newswrap हिन्दुस्तान, गढ़वाThu, 24 April 2025 01:16 AM
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भीषण गर्मी और लू से जनजीवन अस्त व्यस्त, गहराया पेयजल संकट

गढ़वा, प्रतिनिधि। भीषण गर्मी और लू से जनजीवन अस्त व्यस्त है। बुधवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। तीन राज्यों यूपी, बिहार और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थिति गढ़वा जिला मुख्यालय में भीषण गर्मी के बाद भी पानी के लिए प्याऊ सहित अन्य सुविधाएं नहीं है। उसके कारण पानी की तलाश में लोग भटकते हैं। होटल या बोतल बंद पानी ही उनके लिए सहारा बना हुआ है। शहरी क्षेत्र में कहीं भी सार्वजनिक प्याऊ की सुविधा नहीं है।

जिला मुख्यालय के सोनपुरवा स्थित अंतरराज्यीय बस स्टैंड में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। 1993 से बस स्टैंड अस्तित्व में है। नए बस स्टैंड का उद्घाटन तीन मार्च 2024 को तत्कालीन मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने किया था। बस स्टैंड में एक साथ 20 बसों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। यहां से हर दिन सिर्फ छत्तीसगढ़ के लिए करीब 100 बसों की आवाजाही होती है। उसके अलावा राजधानी रांची के अलावा बिहार, यूपी के लिए भी यात्री बस चलती हैं। उसे देखते हुए जिला मुख्यालय में लंबे समय से सुविधा संपन्न अंतरराज्यीय बस स्टैंड की जरूरत थी। सोनपुरवा में सुविधा संपन्न बस स्टैंड का निर्माण चार करोड़ की लागत से किया गया लेकिन पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा दुरूस्त नहीं की गई। बस स्टैंड में पेयजल की व्यवस्था नहीं है। उसके कारण राहगीरों को पानी खरीद कर पीना पड़ता है। बस स्टैंड में व्यवसाय करने वाले लोगों कहना है कि वह अपने घर से पानी लेकर आते हैं। वहीं शहर के रंका मोड, पुरानी बाजार, मिनी बस स्टैंड, मझिआंव मोड़ स्थित बस स्टैंड में भी पेयजल की व्यवस्था नहीं है। उक्त चारों जगह पर अत्यधिक यात्रियों का आना-जाना नियमित रूप से होता है। उसके बाद भी पेयजल की व्यवस्था नहीं होने के कारण राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। शहर के अति व्यस्ततम रंका मोड़ पर राहगीरों व दुकानदारों के लिए ऑटोमेटिक आरओ प्लांट लगाया गया था। उससे दुकानदार व राहगीरों को पेयजल आपूर्ति हो रहा था। एक रुपये के सिक्के में एक बोतल पानी मिलने से राहगीरों को राहत मिलता था। वह भी कुछ दिन ही चला। उसके बाद से बंद पड़ा हुआ है। अब राहगीरों को पानी खरीद कर पीना पड़ता है। जिला मुख्यालय में मेनरोड स्थित एसबीआई के पास एक मात्र चालू हालत में चापकल है। उससे लोगों को राहत मिलती है। वहीं रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए चार चापाकल और नल की व्यवस्था है। स्टेशन पर आरओ भी लगा है। उससे यात्रियों को पेयजल की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। स्टेशन मास्टर भूषण ने बताया कि प्लेटफार्म संख्या एक और दो दोनों पर चापानल लगे हुए हैं। उसके साथ ही शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए नल भी लगाए गए हैं। उससे भी यात्रियों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति किया जाता है।

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