पुत्र का शव पहुंचते ही परिजनों की चीत्कार से सिहर उठा गांव
इचाक के कुटुमसुकरी गांव में शंकर का शव घर पहुंचने पर गांव में मातम छा गया। मृतक की पत्नी और परिवार के सदस्य पुलिस की लापरवाही से नाराज हैं। महिलाएं जिला प्रशासन से मुआवजा और नौकरी की मांग कर रही हैं।...

इचाक गणेश कुमार । इचाक के कुटुमसुकरी गांव में मंगल रविदास के बड़े पुत्र शंकर का शव मंगलवार की शाम जैसे ही घर पहुंचा लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। मृतक की पत्नी बबीता कुमारी,तीन वर्षीय बिटिया वर्षा रानी,मां राधा देवी,बहन सावित्री कुमारी और छोटी कुमारी के चीत्कार से गांव का माहौल गमगीन हो गया। आक्रोशित महिलाएं पुलिस को निकम्मा करार दे रही थी। घटना को लेकर महिलाओं में पुलिस प्रशासन के खिलाफ काफी गुस्सा था। महिलाएं जिला प्रशासन से मुआवजा और सरकार से नौकरी की मांग कर रही थी। घटना से आक्रोशित महिलाएं कह रही थी कि पुलिस शंकर को गोली लगने के आधा घंटा बाद घटना स्थल पर पहुंची। जिसके चलते वह आधे घंटे तक सर्विस रोड पर तड़पता रहा। इस आधे घंटे की अवधि में शंकर के शरीर का सारा खून निकल गया। जिसके चलते अस्पताल पहुंचने से पूर्व रास्ते में उसकी जान चली गई। शंकर की पत्नी बबीता बार बार पति के शव से लिपट कर बदहवास हो जा रही थी । जबकि मां और दोनों के आंख से आंसू थमाने का नाम नहीं ले रहा था। बुजुर्ग पिता मंगल और भाई सूरज की आंखें भीड़को देखकर पथराई सी रह गई। वह एक टक भीड़ को देख मूकदर्शक सा दिख रहे रहे मानो उनकी आंखों से आंसुओं का स्रोत सूख चुका था।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।