न सुरक्षा,न साधन, झारखंड के इस स्टेशन से ट्रेन पकड़ना क्यों खतरे से खाली नहीं?
आदित्यपुर स्टेशन के आसपास क्षेत्र भी बहुत ज्यादा सुरक्षित नहीं है। ऐसे में यात्रियों की सबसे बड़ी समस्या और चिंता सुरक्षा को लेकर है। उनका कहना है कि रेलवे और जिला पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने की जरुरत है,ताकि यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो।

किराये के बाद दूसरी सबसे बड़ी समस्या सुरक्षा की है। लोगों ने बताया कि दिन में तो स्टेशन तक यात्रा करना ठीक है, पर रात में आदित्यपुर स्टेशन तक का सफर भी पूरी तरह असुरक्षित होगा। रास्ते में पुलिस की गश्त होती नहीं है। ऐसे में अपराधियों और बदमाशों का खतरा भी बना रहेगा। आदित्यपुर स्टेशन के आसपास क्षेत्र भी बहुत ज्यादा सुरक्षित नहीं है। ऐसे में यात्रियों की सबसे बड़ी समस्या और चिंता सुरक्षा को लेकर है। उनका कहना है कि रेलवे और जिला पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने की जरुरत है,ताकि यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो।
लवे लगातार विस्तारीकरण के कार्य में लगा है। इसके लिए सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है तो रेलवे स्टेशनों पर सुविधाएं भी बढ़ाई जा रही हैं। ऐसे में लंबे समय से विकास और महत्वपूर्ण ट्रेनों के ठहराव से अछूता रहे आदित्यपुर रेलवे स्टेशन के दिन भी बहुरने वाले हैं। इस दिशा में प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। वर्तमान में टाटा-हटिया मेमू ट्रेन का परिचालन आदित्यपुर से हो रहा है। आने वाले दिनों में बिहार जाने वाली ट्रेनों का परिचालन भी यहां से होना है।
ऐसे में यात्रियों की परेशानी भी बढ़ने वाली है। इसको लेकर यात्रियों में कुछ रोष भी देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि टाटानगर बड़ा स्टेशन है। इसे एक मॉडल स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। ऐसे में यहां से ट्रेनों का परिचालन हटाकर आदित्यपुर से करना समझ से परे है।
लोगों का कहना है कि टाटानगर से बिहार जाने वाले काफी यात्री हैं। रेलवे के इस कदम से यात्रियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। साथी ही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े होंगे। लोगों का कहना है कि अभी आदित्यपुर स्टेशन के आसपास का इलाका बहुत ज्यादा सुरक्षित नहीं है। खासकर रात के वक्त लोगों को परेशानी होगी।
हालांकि अगर स्थानीय पुलिस मुस्तैदी से अपनी जिम्मेदारी निभाए तो परेशानी कम हो सकती है। इसी तरह रेलवे स्टेशन पर भी सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने की जरूरत है, ताकि यात्रियों को सुरक्षा को लेकर किसी तरह का संशय न हो। मानगो में रहने वाली सुनीता सिंह बताती हैं कि उनका गांव बिहार के वैशाली जिले में पड़ता है। मानगो से सीधे टाटानगर स्टेशन के लिए शेयर ऑटो भी मिल जाता है। अब आदित्यपुर से बिहार के लिए ट्रेन चलेगी तो उन्हें सबसे पहले आदित्यपुर स्टेशन तक पहुंचने में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।
सुबह 4.30 बजे ट्रेन के लिए 3 बजे ऑटो रिजर्व कर जाना होगा
मानगो की प्रतिभा सिंह बताती हैं कि आदित्यपुर रेलवे स्टेशन से टाटा-हटिया मेमू ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है। यह ट्रेन सुबह 4.30 बजे आदित्यपुर रेलवे स्टेशन से खुलती है। ऐसे में यात्रियों को उस ट्रेन को पकड़ने के लिए करीब 3 बजे ही निकलना होगा। उस वक्त शेयर ऑटो तो मिलेगा नहीं। ऐसे में उन्हें ऑटो रिजर्व कर जाना होगा। रात में ऑटो चालकों द्वारा मनमाना किराया वसूला जाता है। बताया जाता है कि इसके एवज में ऑटो चालक 250 से 300 रुपये किराया की मांग कर रहे हैं। हालांकि, अलग-अलग जगह से किराया भी अलग-अलग है।
प्लानिंग के साथ काम करे रेलवे,तो नहीं होगी परेशानी
हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि ट्रेन रद्द हो या भी ब्लॉक क्लोजर होने की स्थिति से बचने के लिए आदित्यपुर से ट्रेनों का परिचालन होना बेहतर है। इससे ट्रेनों के टर्मिनेट होने और रद्द होने की स्थिति से बचा जा सकता है। हालांकि मामले में यह भी कहा जा रहा है कि रेलवे अगर सही योजना बनाकर काम करे तो ऐसी परेशानी नहीं होगी। छोटानागपुर पैसेंजर एसोसिएशन का कहना है कि उन्नति और विस्तारीकरण जरूरी है। गाड़ियां तेज रफ्तार से चल रही हैं, ऐसे में उसी के मुताबिक ट्रैक भी बनाना होगा।
उन्नति के रास्ते में कई अवरोध भी होंगे, लेकिन सही योजना बनाकर काम करने से परेशानी से बचा जा सकता है। कहा कि अचानक ट्रेन रद्द करने के कारण काफी परेशानी होती है। इससे रेलवे को बचने और व्यवस्था में सुधार करने की जरूरत है।