गर्मी के जोर पकडते ही कई इलाकों में पेयजल क़ी समस्या लगी बढ़ने
गर्मी ने अपनी जोर पकड़ ली है। और गर्मी पड़ते ही पेयजल क़ी समस्या भी बढ़ने लगी है। प्रखंड के 16 पंचायत अंतर्गत लगभग एक लाख से भी अधिक क़ी आबादी क़ी प्यास बुझ

मरकच्चो, निज प्रतिनिधि । मरकच्चो प्रखंड में गर्मी शुरू होते ही पेयजल की समस्या भी बढ़ने लगी है। प्रखंड की 16 पंचायत अंतर्गत लगभग एक लाख से भी अधिक क़ी आबादी क़ी प्यास बुझाने के लिए 1865 चापानल लगे हुए हैं। इसमें 1653 चापानल ही चालू है। जबकि 212 चापानल खराब पड़े हुए है। इसमें आरआरपी में 115 चापानल, एसआर में 71 चापानल और 26 चापानल मामूली खराबी के चलते बेकार पड़े हैं। प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में खराब पड़े चापानलों से लोगों को पेयजल क़ी समस्या से जूझना पड़ता है और लोग दूर-दराज से पानी लाने को विवश हैं। यह समस्या कमोबेश हर पंचायत में है।
लेकिन सुदूरवर्ती डगरनवां पंचायत के कटियो, डगरनवां, चटनीयादह, कानिकेंद आदि गांवों में यह समस्या ज्यादा देखी जा सकती है। वहीं मरकच्चो प्रखंड की सिमरिया पंचायत में भी कई डुमरडीहा, सिमरिया आदि गांवों में चापानल खराब पड़े हैं। मरकच्चो मध्य पंचायत के पश्चिम मुहल्ला, प्रेम नगर में लगा चापानल खराब रहने के कारण वहां की महिलाएं और बच्चों को हर रोज दूर कुआं से पानी लाते देखा जा सकता हैं। विभिन्न पंचायतों में वर्ष 2019-20 में शुरू की गयी जल जीवन मिशन योजना क़ी रफ़्तार भी बहुत धीमी है। उक्त योजना के तहत हर घर में जलापूर्ति के लिए नल जल का कनेक्शन देना है। लेकिन उक्त योजना क्रियान्वयन की रफ्तार कछुए की गति जैसी है। इससे इस वर्ष भी लोगों को शुद्ध जल मिलने का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। दूसरी ओर पंचायतों में पेयजल क़ी सुविधा के लिए जो सोलर जलमीनार लगाए गए हैं। लेकिन अधिसंख्य जलमीनार गुणवत्ता विहीन होने की वजह से लगने के कुछ दिनों में ही दम तोड़ दी है। कई जलमीनार मामूली खराबी के कारण बंद है। ऐसे मे प्रखंड के लोगों को पेयजल क़ी समस्या से जूझना पड़ रहा है। प्रखंड के लोगों को पानी के लिए सुबह से भटकने को मजबूर हैं। काफी मशक्कत के बाद लोग पेयजल की जुगाड़ कर पाते हैं।
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