कांग्रेस का सरना कोड को लेकर 26 मई को धरना, बनी रणनीति
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जनगणना में आदिवासी समुदाय की धार्मिक पहचान के लिए 'सरना कोड' जोड़ने की मांग की है। इस समर्थन में 26 मई को रांची में धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने...

रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आगामी जनगणना में आदिवासी समुदाय की धार्मिक पहचान सुनिश्चित करने के लिए जनगणना फॉर्म के सातवें कॉलम में ‘सरना कोड जोड़ने की पुरजोर मांग उठाई है। इस मांग के समर्थन में कांग्रेस 26 मई को रांची स्थित राजभवन के समक्ष एक विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित करने जा रही है। कांग्रेस भवन, रांची में प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश की अध्यक्षता में गुरुवार को एक अहम बैठक हुई, जिसमें धरना को सफल बनाने की रणनीति तय की गई। बैठक में पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता, पूर्व सांसद रमा खलखो, ओबीसी कांग्रेस अध्यक्ष अभिलाष साहू, रांची महानगर अध्यक्ष डॉ. कुमार राजा, आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष जोसाई मार्डी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष गुंजन सिंह सहित कई वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे।
प्रदेश अध्यक्ष कमलेश ने कहा कि झारखंड एक आदिवासी बहुल राज्य है, जहां सरना धर्म के अनुयायी प्रकृति और जल-जंगल-जमीन को ही अपना धर्मग्रंथ मानते हैं। सरना धर्म की पूजा-पद्धति और जीवनशैली अन्य धर्मों से भिन्न है, जिसे पहचान दिलानी जरूरी है। उन्होंने कहा कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन धर्म के लिए जनगणना में कोड निर्धारित है, लेकिन सरना धर्म के लिए अब तक कोई अलग कोड नहीं है, जो आदिवासियों के धार्मिक अस्तित्व के साथ अन्याय है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि झारखंड विधानसभा में सरना कोड की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित हो चुका है, बावजूद इसके केंद्र सरकार ने अब तक इसपर कोई पहल नहीं की है। उन्होंने सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे 26 मई को सुबह 11 बजे पारंपरिक परिधान में राजभवन के समक्ष होने वाले इस धरने में बड़ी संख्या में शामिल हों। बैठक में सुन्दरी तिर्की, दयामनी बारला, विलशन टोपनो, बैद्यनाथ कोड़ा, हरिमोहन टूडू, समीर हांसदा, गगन महली, महेश मुंडा समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।
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