छोटे-छोटे प्रयास से बचेगी पृथ्वी की नैसर्गिक सुदरता: डॉ सुप्रिया
रांची वीमेंस कॉलेज में विश्व पृथ्वी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्राचार्या डॉ सुप्रिया ने पृथ्वी की महत्वपूर्णता पर जोर दिया और कहा कि छोटे प्रयासों से हम इसकी सुंदरता को बचा सकते हैं। विभिन्न...

रांची, विशेष संवाददाता। विश्व पृथ्वी दिवस पर रांची वीमेंस कॉलेज के भूगोल विभाग की ओर से विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। अध्यक्षता करते हुए प्राचार्या डॉ सुप्रिया ने कहा कि हमारा ग्रह पृथ्वी, महज एक खगोलीय पिंड नहीं है, यह जीवन की कोख है, हमारी सांसों की लय है और हमारे अस्तित्व का आधार भी। इसका नीला आकाश, हरी धरती, नदियों की कलकल और वनों की सघनता, सबकुछ हमें सिखाती है कि जीवन विविधताओं से भरा है और इस विविधता को बचाकर ही हम अपनी शक्ति को पहचान सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे छोटे-छोटे प्रयास पृथ्वी की नैसर्गिक सुंदरता को बचाए रख सकते हैं। प्रतियोगिताओं में कला का प्रदर्शन किया
मौके पर कैंपस को हरा-भरा बनाएं, थीम पर- पोस्टर निर्माण, कचरे से सर्वश्रेष्ठ बनाना, नारा लेखन, सेल्फी पॉइंट निर्माण और फेस पेंटिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। फेस पेंटिंग प्रतियोगिता में मनीषा, शिवानी, राधा शर्मा ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। नारा लेखन प्रतियोगिता में दिव्या, सलोनी, शिवांगी, प्रियंका, मुस्कान, शिवानी, राधा और रियली, ने अपना कौशल दिखाया।
पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता में दीक्षा, राधा, मुस्कान, पूजा, अंजलि, सुहानी, मनीषा, प्रियंका, रूपा ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। नेहा और आंचल ने कचरे से सर्वश्रेष्ठ बनाने की प्रतियोगिता में अपनी कल्पनाशीलता का प्रदर्शन किया। मनीषा, रिया, सुशीला, शीतल में सेल्फी प्वाइंट प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा दिखाई।
डॉ सुप्रिया ने कहा कि तकनीकी युग में हम जितनी तेज़ी से विकास की ओर बढ़ रहे हैं, उतनी ही तेज़ी से अपने प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन, ग्लेशियरों का पिघलना, जैव विविधता का विनाश और वनों की कटाई- ये सब संकेत हैं कि हमारा ग्रह थक चुका है, कराह रहा है। परंतु यह भी सत्य है कि समाधान भी हमारे ही पास है। हमारी शक्ति इस ग्रह की रक्षा करने में निहित है। जल की बचत, ऊर्जा का संयमित उपयोग, वृक्षारोपण, जैविक खेती और प्लास्टिक का परित्याग, बड़ी बदलाव की नींव बन सकते हैं। अगर हर नागरिक यह संकल्प ले कि वह न सिर्फ अपने लिए, बल्कि आनेवाली पीढ़ियों के लिए भी इस ग्रह को सुरक्षित और सुंदर बनाएगा, तो हमारी सामूहिक चेतना इस पृथ्वी को पुनः हरा-भरा बना सकती है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।