PM Modi Inaugurates Renovated Rajmahal Railway Station Under Amrit Bharat Scheme खुशी: पीएम ने किया पुनर्विकसित राजमहल रेलवे स्टेशन का लोकार्पण, Sahibganj Hindi News - Hindustan
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खुशी: पीएम ने किया पुनर्विकसित राजमहल रेलवे स्टेशन का लोकार्पण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीकानेर से ऑनलाइन राजमहल रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया, जिसकी लागत 7.3 करोड़ रुपये है। कार्यक्रम में कई प्रमुख लोग उपस्थित थे और छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी...

Newswrap हिन्दुस्तान, साहिबगंजFri, 23 May 2025 01:42 AM
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खुशी: पीएम ने किया पुनर्विकसित राजमहल रेलवे स्टेशन का लोकार्पण

राजमहल, प्रतिनिधि। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राजस्थान के बीकानेर से अमृत भारत योजना के तहत करीब 7.3 करोड़ की लागत से पुनर्विकसित राजमहल रेलवे स्टेशन का ऑनलाइन उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह को लेकर मालदा रेल मंडल की ओर से राजमहल स्टेशन परिसर को दुल्हल की तरह सजाया गया था। भव्य व आकर्षक मंच ,पंडाल एवं मुख्य अतिथियों के बैठने की सुविधा, कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखने के लिए बड़ा एलइडी स्क्रीन आदि लगाया गया था। कार्यक्रम सुबह 8:00 बजे से शुरू हो गया था। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अमृत भारत योजना के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश नागरालया, राजमहल विधायक प्रतिनिधि मो मारूफ उर्फ गुड्डू, राजमहल के पूर्व विधायक अनंत कुमार ओझा, डीईएन (गति शक्ति) पंकज कुमार, डीईएन (वन) चम्पक कुमार, कमर्शियल इंस्पेक्टर विकास सिन्हा, असिस्टेंट कमर्शियल मैनेजर रसराज मांझी आदि मौजूद थे।

ऑनलाइन शुभारंभ से पहले विभिन्न विद्यालय के छात्रों एवं रेलकर्मियों ने देश भक्ति गीतों पर नृत्य, देश भक्ति गीत आदि प्रस्तुत किया। उद्घाटन समारोह से दो दिन पहले शहर के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों के बीच रेलवे की ओर से निबंध, चित्रकला आदि प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था । इसमें सफल प्रतिभागियों को उपस्थित अतिथियों ने प्रश्त्रिर पत्र और नगद राशि देकर सम्मानित किया । मौके पर भाजपा के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री कृष्णा महतो, भाजपा जिलाध्यक्ष उज्ज्वल मंडल, प्रदीप अग्रवाल, रामानंद साहा, कृपानाथ मंडल, गौतम यादव, धर्मेंद्र कुमार, पंकज घोष, अजय चौधरी, अनंत सिन्हा, शेखर बर्मन, पवन मोदी के अलावा झामुमो नगर अध्यक्ष आजाद शेख, जिप सदस्य अब्दुल बारीक शेख, नपं के पूर्व अध्यक्ष केताबुद्दीन शेख, जियाउल रहमान,जय यादव आदि मौजूद थे। फोटो 105, पुनर्विकसित राजमहल रेलवे स्टेशन के उद्घाटन समारोह के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते विद्यार्थी। फोटो कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व विधायक,विधायक प्रतिनिधि व अन्य प्रमुख लोग। पीएम की नजर राजमहल पर,बदल रही तस्वीर : अनंत राजमहल। राजमहल के पूर्व विधायक अनंत ओझा ने अपने संबोधन में कहा कि राजमहल, साहिबगंज जैसे पिछले इलाकों पर भी आधुनिक भारत के विश्वकर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर पड़ी । उन्होंने राजमहल को संवारने का काम किया । एकभारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना आज यहां साकार हुआ। राजमहलवासी समेत जिले वासियों के लिए आज गौरवपूर्ण दिन है। राजमहल स्टेशन का पुनर्विकास होने पर बाहर से काफी संख्या में पर्यटक यहां आएंगे। इसका लाभ यहां के लोगों व व्यवसायियों को होगा। उन्होंने कई ट्रेनों का परिचालन राजमहल, तीनपहाड़ व साहिबगंज रेलवे स्टेशन से शुरू करने एवं तालझारी रेलवे स्टेशन से सीधे पश्चिम बंगाल के नगरदीपधाम तक ट्रेन चलाने की मांग की । इससे कन्हैया स्थान और मायापुर स्थित इस्कॉन मंदिर का सीधा सम्पर्क हो सकेगा। उन्होंने कहा कि राजमहल अपने दामन में कई विशेषताएं सपेटे हुए हैं। पूरे राज्य में सिर्फ उत्तरवाहिनी गंगा सिर्फ राजमहल में ही बहती है। अमृत भारत योजना के तहत राजमहल व साहिबगंज को पुनर्विकसित के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। पूर्व विधायक ने कहा कि दूसरे चरण में भी राजमहल रेलवे स्टेशन में विकास का काम होगा,यात्रियों सुविधाओं में और इजाफा होगा। भाजपा नेता अनंत ओझा ने कहा कि आज प्रधानमंत्री व रेलमंत्री ने जनता की आकांक्षाओं को पूरा करते हुए राजधानी ट्रेन का ठहराव व साहिबगंज से हावड़ा के लिए इंटरसिटी ट्रेन चलाने का काम किया है। ऐसे पिछड़े क्षेत्र को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया है। 2047 तक विकसित भारत की सोच साकार करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है। आकांक्षी जिला में शामिल कर साहिबगंज को मानव सूचकांक में भी विकसित जिला बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री ने भगीरथ प्रयास किया है । रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए फोरलेन का कार्य भी तेजी से चल रहा है । उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के संबंध में विस्तार पूर्व बताते हुए मोदी सरकार की जमकर प्रशंसा की। राजमहल में रेलवे की जमीन पर बने मार्केट कम्पलेक्स: मारुफ राजमहल। विधायक प्रतिनिधि मोहम्मद मारूफ उर्फ गुड्डू ने अपने संबोधन में राजमहल रेलवे स्टेशन का पूर्ण विकास होने पर रेलवे के प्रति धन्यवाद जताया। उन्होंने कहा कि विधायक मोहम्मद ताजुद्दीन उर्फ एमटी राजा के आदेश पर 10 सूत्री मांगों को लेकर रेलवे अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि राजमहल रेलवे स्टेशन परिसर की जमीन मुख्य मार्ग से जुड़ा है । रेलवे की ओर से अगर यहां मार्केट कंपलेक्स का निर्माण होता है तो क्षेत्र के लोगों को रोजगार सृजन का अवसर प्राप्त होगा । इसमें रेलवे को भी राजस्व की प्राप्ति होगी। राजमहल रेलवे स्टेशन में एकमात्र प्लेटफार्म है । इसका विस्तार करने हुए एक नया प्लेटफार्म का निर्माण कराया जाए, साहिबगंज दानापुर इंटरसिटी ट्रेन का परिचालन बरहरवा जंक्शन से हो, तीनपहर जंक्शन स्टेशन पर प्रथम श्रेणी प्रतीक्षालय व महिला प्रतीक्षालय का निर्माण करते हुए समुचित यात्री सुविधा उपलब्ध कराया जाए, तीन पहाड़ जंक्शन पर मालदा पटना इंटरसिटी , दिल्ली कामाख्या ब्रह्मपुत्र मेल, मालदा दिल्ली आनंद विहार गुवाहाटी दादर एक्सप्रेस, गया कामाख्या आदि ट्रेनों का ठहराव दिया जाए। तीनपहर वर्तमान पैसेंजर ट्रेन का परिचालन राजमहल से किया जाए। तालझारी स्टेशन पर मालदा-किउल इंटरसिटी का ठहराव, साहिबगंज-हावड़ा इंटरसिटी में एसी कोच की सुविधा, साहिबगंज-मालदा पैसेंजर ट्रेन का तर पैसेंजर ट्रेन से कनेक्शन दिया जाए। झलकियां : -प्रधानमंत्री के ऑनलाइन कार्यक्रम के सीधा प्रसारण को उपस्थित सैकड़ों की संख्या में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता-कार्यकर्ता, रेलवे के अधिकारी एवं आमजनों ने देखा व सुना -प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान भीड़ से बीच-बीच में उपस्थित लोगों ने भारत माता की जय , नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे लगाते दिखे। -कार्यक्रम को लेकर रेलवे ने राजमहल स्टेशन परिसर के चारों ओर भव्य एवं आकर्षक रूप से गुब्बारे से तिरंगा, फूलों के गमले एवं जगह-जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के बड़े-बड़े कटआउट लगाए थे। बरहरवा-रामपुरहाट विश्व भारती ट्रेन राजमहल से चलाने की मांग राजमहल। भाजपा पूर्व पंचायती राज प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार साहनी मालदा डीआरएम के नाम रेलवे से जुड़े आठ सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मुख्य रूप से हावड़ा से मालदा के बीच दो इंटरसिटी चलती है इसमें कोई एक का परिचालन राजमहल से हावड़ा तक करने, तीनपहाड़ वर्धमान पैसेंजर ट्रेन और बरहरवा-रामपुरहाट विश्व भारती ट्रेन का परिचालन बरहरवा से बढ़ाकर राजमहल से करने, साहिबगंज से हावड़ा एवं साहिबगंज से टाटानगर साहिबगंज से रांची के बीच वंदे भारत ट्रेन का परिचालन करने, बंद पड़े दिल्ली सियालदह एक्सप्रेस और राजगीर-हावड़ा फर्स्ट पैसेंजर ट्रेन को फिर से चालू करने समेत अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है। भाजपा ओबीसी मोर्चा के महिला महामंत्री चंदा देवी ने भी विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है। 1860 में राजमहल में पहली बार पहुंची थी रेल राजमहल। राजमहल रेलवे स्टेशन ब्रिटिशकाल में बना है। जानकारी के मुताबिक राजमहल से हावड़ा के बीच 4 जुलाई 1860 ई को पहली बार रेल चलाई गई थी। यह देश की दूसरी रेल थी। यह बात रेलवे के इतिहास में दर्ज है। यहां यह बता देना उचित होगा कि राजमहल को 1594 ई से 1660 ई के बीच करीब 44 सालों तक बिहार, बंगाल व उड़ीसा प्रांत की राजधानी होने का भी गौर प्राप्त है। भारत का प्रथम रेल 16 अप्रैल 1853 ई. को बॉम्बे (मुंबई) से थाने के बीच चलाई गई थी। उसके बाद ही राजमहल क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा देने और जलमार्ग को रेल से जोड़ने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी एवं ईस्ट इंडिया रेलवे ने संयुक्त रूप से एकरारनामा कर 17 अगस्त 1849 ई को एक मिलियन यूरो की लागत से हावड़ा से वर्धमान होते हुए राजमहल रेलखंड का निर्माण शुरू कराया था। फोटो 106, पुराना राजमहल स्टेशन फोटो 107, पुनर्विकसित राजमहल स्टेशन। तब शाम होते ही राजमहल रेलवे स्टेशन में पसर जाता था अंधेरा यादों की झरखों से राजमहल। शहर के महाजनटोली निवासी व राजमहल अधिवक्ता संघ के सचिव 73 साल के दिलीप कुमार साहा ने पुराने राजमहल रेलवे को सालों तक करीब से देखा है। अमृत भारत योजना से करीब 7.3 करोड़ की लागत से पुनर्विकसित राजमहल रेलवे स्टेशन देखने के बाद उन्होंने अपनी कई खट्टी मिठी यादें इस संवाददाता से बातचीत में साझा किये। उन्होंने कहा कि सन 1965 में राजमहल में गंगा नदी पर माल वाहक जहाज चलता था। उस समय स्टीम इंजन के साथ तीन बोगी का पैसेंजर ट्रेन राजमहल से तीनपहाड़ तक के बीच चलती थी। ट्रेन पहले सुबह 7:00 बजे, 11:00 बजे दोपहर 1 बजे, शाम के 5:30 बजे, रात के 8:30 बजे और रात के 2:00 बजे राजमहल से तीनपहाड़ के लिए खुलती थी, लेकिन इसमें विशेषता यह थी कि शाम 5:30 बजे वाली ट्रेन में एक अतिरिक्त डब्बा जोड़ा जाता था। उसमें माल वाहक जहाज से आने वाले यात्री और हावड़ा जाने वाले क्षेत्र के लोग सवार होते थे। उक्त ट्रेन तीनपहाड़ पहुंचने के बाद अतिरिक्त डब्बे को काटकर दिल्ली से सियालदह तक चलने वाली साहिबगंज रेलखंड के एकमात्र एक्सप्रेस ट्रेन में जोड़ा जाता था, ताकि लोग सीधे हावड़ा तक जा सके। पश्चिम बंगाल जाने वाले यात्री फिर उसी मालवाहक जहाज से अपने गंतव्य स्थान के लिए रवाना होते थे। राजमहल रेलवे स्टेशन में उस समय बिजली , शौचालय, पीने की पानी व बैठने की व्यवस्था आदि का अभाव था । लोगों को जैसे-तैसे स्टेशन के बाहर बैठकर ट्रेन आने का इंतजार करना पड़ता था। स्टेशन में एकमात्र वेटिंग रूम था । लेकिन वह हमेशा बंद ही रहता था। यहां के विद्यार्थी खुद वे भी साहिबगंज कॉलेज पढ़ने के लिए सुबह 7:00 वाली ट्रेन से तीनपहाड़ जाते थे । वहां से गया पैसेंजर पकड़ कर साहिबगंज रवाना होते थे । कॉलेज समाप्त करने के बाद फिर गया पैसेंजर ट्रेन से वापस रात 8:00 बजे राजमहल पहुंचते थे। स्टेशन पर उतरने के बाद चारों तरफ अंधेरा पसरा रहता था। स्टेशन के आसपास जंगल भरा था। इससे घर जाने में डर लगता था । कभी-कभी साथियों के साथ घर चले जाते थे ,नहीं तो घर के गार्जियन स्टेशन में पहले से खड़े रहते थे । उन लोगों के साथ फिर घर जाते थे। स्टेशन के बगल में ही एक पानी टंकी था । उसमें गंगा का पानी स्टोरेज किया जाता था । वहां से स्टीम इंजन के लिए पानी जाता था। प्लेटफार्म के ठीक सामने एक बड़ा सा माल गोदाम हुआ करता था । ट्रेन छोड़कर उस समय सिर्फ टमटम और बैलगाड़ी यहां चलती थी। तीनपहाड़ जाने वाली सड़क भी सही नहीं थी। 1990 के आसपास स्टीम इंजन से डीजल इंजन में परिवर्तन हुआ। पाकुड़ के बाद राजमहल सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला रेलवे स्टेशन है। लेकिन राजमहल रेलवे स्टेशन को विकसित होने में इतने साल लग गए । हालांकि अबतक एक ही ट्रेन यहां चल रही है। आधुनिक साज-सज्जा से राजमहल रेलवे स्टेशन को सांवरा गया है । इससे युवा पीढ़ी को काफी अच्छा अनुभव होगा । क्षेत्र के लोगों को ट्रेनों की सुविधा में इजाफा होने का इंतजार है। फोटो 118, दिलीप कुमार साह। नोट: उपरोक्त खबरों को एकसाथ देना है। ----------------------------------

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