हीट स्ट्रोक से बचे रहने के लिए अपनाएं ये 5 हेल्थ केयर टिप्स, नहीं पड़ेगी डॉक्टर की जरूरत summer health care tips 5 ways to prevent yourself from heat illness know how to avoid heat stroke risk and stay healthy, हेल्थ टिप्स - Hindustan
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हीट स्ट्रोक से बचे रहने के लिए अपनाएं ये 5 हेल्थ केयर टिप्स, नहीं पड़ेगी डॉक्टर की जरूरत

हर दिन तापमान अपना ही रिकॉर्ड तोड़ रहा है और इसका असर हमारे शरीर पर नजर आ रहा है। कैसे अपनी जीवनशैली में जरूरी बदलाव लाकर गर्मी की चुनौतियों का करें सामना, बता रही हैं शमीम खान

Manju Mamgain हिन्दुस्तानFri, 2 May 2025 02:44 PM
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हीट स्ट्रोक से बचे रहने के लिए अपनाएं ये 5 हेल्थ केयर टिप्स, नहीं पड़ेगी डॉक्टर की जरूरत

गर्मी का मौसम हमारी सेहत के लिए चुनौती भरा होता है। तापमान में बढ़ोतरी और लू के थपेड़े हमारे शरीर और मस्तिष्क दोनों को प्रभावित करते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि मौसम में होने वाले बदलावों से मुकाबला करने, स्वस्थ, सक्रिय और ऊर्जावान बने रहने के लिए हम मौसम के अनुरूप अपनी जीवनशैली में जरूरी बदलाव लाएं। मौसम में होने वाले बदलाव का सीधा प्रभाव हमारे शरीर की कार्यप्रणाली पर पड़ता है। जब तापमान कम होता है, तो त्वचा में मौजूद रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं ताकि शरीर से अधिक मात्रा में उष्मा बाहर ना निकले, लेकिन जब बाहर तापमान अधिक होता है, नलिकाएं खुल जाती हैं ताकि त्वचा के द्वारा अधिक से अधिक उष्मा बाहर निकल सके और हम ठंडक अनुभव करें। गर्मियों में बाहर तापमान बढ़ने से शरीर में भी उष्मा का स्तर बढ़ जाता है और हमें शरीर को गर्म रखने के लिए अधिक मात्रा में ऊर्जा की जरूरत भी नहीं होती है। यही वजह है कि गर्मी में हमारे शरीर को अन्य मौसमों की तुलना में कैलोरी यानी भोजन की जरूरत कम होती है। अगर गर्मियों में हम कैलोरी का सेवन कम नहीं करेंगे तो पाचन तंत्र पर दबाव बढ़ेगा। इसका प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ेगा। शरीर में उष्मा का स्तर बढ़ने और ऊर्जा का स्तर कम होने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। मौसम में बदलाव के साथ शरीर को सामंजस्य बिठाने के लिए हमें अपनी जीवनशैली और खानपान में जरूरी बदलाव लाना होगा।

हल्का और सुपाच्य भोजन

गर्मियों में पाचन तंत्र थोड़ा कमजोर हो जाता है, इसलिए पोषक, हल्के और आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन न करें। इससे मेटाबॉलिक हीट बढ़ती है, जिससे शरीर का आंतरिक तापमान अधिक होता है। प्रोटीन शेक बना रही हैं तो उसमें बेरीज डाल लें। इससे संतुलन बना रहेगा। गर्मियों में एसिडिटी, कब्ज, पेट फूलने से बचने के लिए तले-भुने और भारी खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।

डिहाइड्रेशन से बचें

गर्मियों में डिहाइड्रेशन से बचें। यह कमजोरी, थकान और दूसरी बीमारियों का कारण बन सकता है। प्रतिदिन 3-4 लीटर पानी पिएं। फ्रिज के बजाय मिट्टी के बर्तन में रखे पानी का सेवन करें। इसके अलावा जूस, नारियल पानी, नींबू पानी, लस्सी, छाछ, बेल का शर्बत और आम पना का सेवन भी करें। इससे शरीर में जल का सामान्य स्तर और शीतलता बनी रहती है।

नींद लें पूरी

गर्मी के मौसम में दिन लंबे और रातें छोटी होने से स्लीप पैटर्न बिगड़ जाता है। अपनी इंटरनल क्लॉक को दुरुस्त रखने के लिए नियत समय पर सोएं। कैफीन और शराब के सेवन से बचें, खासकर रात में सोने से पहले, ये अच्छी और गहरी नींद लेने में रुकावट बनते हैं।

पहनावा बदलें

गर्मियों में तेज धूप, तापमान में अत्यधिक बढ़ोतरी और पसीना आने की समस्या को देखते हुए हमें अपने कपड़ों का चयन बहुत सोच-समझकर करना चाहिए। इस मौसम में प्रकृतिक रेशों जैसे कॉटन और लिनन से बने कपड़े पहनें। पॉलिस्टर और नायलॉन जैसे सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचें, ये उष्मा को रोक लेते हैं। गहरे रंग के बजाय हल्के रंग के कपड़े पहनें। टाइट फिटिंग की बजाय हल्के और आरामदायक कपड़े पहनें।

स्किन केयर रुटीन बदलें

गर्मियों में अल्ट्रा वायलेट किरणों का एक्सपोजर बहुत बढ़ जाता है, इसलिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। इस मौसम में मेकअप का इस्तेमाल कम करें। फाउंडेशन और दूसरे मेकअप प्रोडक्ट्स से मुहांसे और पिंग्मेंटेशन की समस्या हो सकती है। हमेशा नान-कॉमेडोजेनिक मेकअप प्रोडक्ट्स खरीदें। मेकअप निकालने के बाद त्वचा को क्लींजर से साफ करें। हमेशा मेकअप हटाकर सोएं। अपने लोशन, मॉइस्चराइजर और क्रीम्स को फ्रिज में रखें। इससे ये खराब होने से बच जाएंगे और जब आप इनका इस्तेमाल करेंगी तो ताजगी सी महसूस होगी।

(डॉ. रमन कुमार, अध्यक्ष, अकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया, दिल्ली और डॉ. पीयूष रंजन, सीनियर कंसल्टेंट एंड वाईस चेयरमैन, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग, सर गंगाराम हॉस्पिटल, दिल्ली से बातचीत पर आधारित)

आयुर्वेद की ओर रुख

आयुर्वेद के अनुसार पूरे वर्ष स्वस्थ और ऊर्जावान रहने के लिए प्रत्येक मौसम में खानपान की आदतों और जीवनशैली में बदलाव लाना अत्यधिक जरूरी है। गर्मियों में किये जाने वाले इन बदलावों को ग्रीष्माऋतुचार्य कहते हैं। गर्मियों के मौसम में अपच से लेकर अस्थमा अटैक तक के मामले बढ़ जाते हैं। ग्रीष्माऋतुचार्य का पालन करना हमें स्वस्थ रहने और बीमारियों की चपेट में आने से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है:

ताजे और मौसमी खाद्य पदार्थ: गर्मियों में मिलने वाले फल और सब्जियां शरीर को ठंडा और हाइड्रेट रखती हैं जैसे तरबूज, खरबूज, खीरा, हरी पत्तेदार सब्जियां। मसालेदार, तले-भुने और प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन से बचें। इनसे शरीर में पित्त दोष बढ़ता है, जो असंतुलन का कारण बनता है। आयुर्वेदाचार्यों का कहना है कि इस मौसम में खाना खाना नहीं, पीना चाहिए अर्थात गर्मियों में ठोस भोजन के बजाय तरल भोजन को प्राथमिकता देनी चाहिए। हल्के और सुपाच्य भोजन के साथ सलाद, दही, छाछ, नीबू पानी, नारियल पानी आदि का सेवन भी करें। इन खाद्य पदार्थों से वात शमन भी होता है और शरीर में जल का स्तर भी बना रहता है।

रोज मसाज करें: ठंडे तेलों जैसे नारियल या सूरजमुखी से रोज खुद की मसाज जरूर करें। इससे त्वचा को पोषण मिलता है और पित्त दोष में भी कमी आती है।

सोएं समय पर: आपकी दिनचर्या आपके संपूर्ण स्वास्थ पर प्रभाव डालती है। रात को जल्दी सोएं और सुबह जल्दी उठें। एक नियमित स्लीप शेड्यूल बनाएं ताकि आपका शरीर प्राकृतिक रूप से सेहतमंद रहे और आपका स्वास्थ्य बेहतर रहे। हर दिन सात से आठ घंटे की गहरी और अच्छी नींद तन और मन के संतुलन को बेहतर बनाती है।

जड़ी-बूटियां का इस्तेमाल करें: जब पाचन तंत्र ठीक प्रकार से काम नहीं करता तो उसका प्रभाव दूसरे अंगों और तंत्रों पर भी पड़ने लगता है। आयुर्वेद पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए जड़ी-बूटियों के इस्तेमाल को बहुत महत्वपूर्ण मानता है। एलोवेरा, ब्राह्मी, पुदीना, सौंफ आदि का सेवन जरूर करें।

प्रकृति का साथ: गर्मियों के मौसम में सुबह और शाम के समय थोड़ा समय खुली हवा में बिताएं। इससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आप अपने आसपास किसी बगीचे में घूमने जाएं। घर से बाहर निकलना संभव न हो तो थोड़ी देर छत पर खुली हवा में समय बिताएं।

खुद को रिलैक्स रखें: गर्मियों में स्वस्थ रहने के लिए तन, मन और अंतरात्मा का संतुलन जरूरी है। इसके लिए योग और ध्यान करें। प्राणायाम और सांस से जुड़े अन्य व्यायाम भी इस मौसम में आपको सेहतमंद रखेंगे। लू से बचने के लिए ठंडे और हवादार स्थान पर रहें। दोपहर के वक्त घर से बाहर निकलना अगर आपकी मजबूरी हो तो पूरी सावधानी के साथ निकलें। शरीर को स्वच्छ और शीतल रखने तथा मन को शांत रखने के लिए कम से कम दिन में दो बार ठंडे पानी से स्नान भी करें।

व्यायाम करना बंद न करें

गर्मियों में नियमित रूप से व्यायाम जरूर करें, इससे पाचन तंत्र सक्रिय रहता है और शरीर में ऊर्जा का स्तर बना रहता है। सप्ताह में 5 दिन 30 मिनट के लिए अपना मनपसंद वर्कआउट जरूर करें। अगर आउटडोर गतिविधियां नहीं कर पा रही हैं, तो घर में ही मनपसंद संगीत पर डांस करें। यह भी एक अच्छा वर्कआउट है। सुबह या शाम के समय टहलना, रस्सी कूदना, साइकिलिंग या तैराकी जैसी गतिविधियां भी कर सकती हैं।

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