अटक तो नहीं गई करियर की गाड़ी, जानें आप कहां कर रहे हैं गलतियां?
करियर में आगे बढ़ने की चाहत तो सभी को होती है। पर क्या आपकी यह चाहत पूरी हो पा रही है? कहीं आप करियर में ऐसी स्थिति में तो नहीं फंस गई हैं, जहां से न आगे बढ़ा जा रहा है और न कदम किसी और दिशा को जा पा रहे हैं। करियर में आए इस ठहराव को खत्म कर तरक्की की दिशा में कैसे बढ़ें, बता रही हैं स्वाति शर्मा

कुछ साल मेहनत करने और डिग्री हासिल करने के बाद जब आपको अपने मन की नौकरी मिली थी, तब क्या कभी सोचा था कि एक दिन सब कुछ ठहरा हुआ महसूस होगा। यानी गाड़ी स्टेशन से तो छूट गई, लेकिन बीच में ही किसी जगह आकर ऐसी रुकी कि आगे बढ़ने का नाम ही नहीं ले रही। अब न तो आप इससे उतर सकती हैं और न ही इसे आगे बढ़ा पा रही हैं। वहीं अगल-बगल की पटरी पर तेजी से गाड़ियां निकलती जा रही हैं। जूनियर सीनियर हो गए, साथ वालों में कुछ लोग मनचाही कुर्सी तक पहुंच गए, लेकिन शायद आप और आपके कुछ गिने- चुने साथी आज भी वहीं के वहीं खड़े, उतने ही वेतन और उसी जगह या एकाध पद ऊपर ही आ पाए। अप्रेजल और प्रमोशन में पता नहीं कब आखिरी बार आपका नाम आया था और यह भी नहीं पता कि आगे कब आएगा। संभव है कि अब आपने भी इन चीजों से समझौता कर लिया हो और इसे किस्मत पर छोड़ते हुए अपने पांव चादर के भीतर समेट लिए हों। पर क्या वाकई आप ऐसा ही चाहती हैं, क्या आपको तरक्की नहीं चाहिए? चाहिए न? तो फिर समस्या का कारण पहचानिए और इसे दूर करने में जुट जाइए:
कहीं आप ये गलती तो नहीं कर रहीं?
नौकरी मिलने के बाद आपको यह तो नहीं लगने लगा कि आप अब सेटेल हैं, करियर भी सेट है और अब आगे की गाड़ी आराम से चलेगी। ऐसा सोचना और व्यवहार में लाना, दोनों ही पूरी तरह से गलत है और आपके करियर में ठहराव लाने के सबसे बड़े जिम्मेदार भी। इस बाबत करियर काउंसलर डॉक्टर विवेक मिश्रा कहते हैं कि कई लोग नौकरी मिलने के बाद निश्चिंत हो जाते हैं और एक कंफर्ट जोन में आ जाते हैं। उनका काम के प्रति रटा-रटाया ढर्रा होता है और वे इससे बाहर आने की कोशिश भी नहीं करते। साथ वाले जब उनसे आगे बढ़ने लगते हैं, तो यही लोग शिकायतें लेकर बैठ जाते हैं और यह नहीं समझना चाहते कि इसके जिम्मेदार वे खुद हैं। अगर आपको करिअर में आगे बढ़ना है तो सबसे पहले अपने कंफर्ट जोन से बाहर आना होगा और आगे बढ़ाने की तत्परता दिखानी होगी। दूसरी बड़ी गलती है, बाजार को न समझना और उस हिसाब से खुद को तैयार न करना। उद्योग कोई भी हो, उसकी जरूरतें बदलती रहती हैं। वहीं अगर आप उन्हीं पुराने तरीकों को लेकर बैठी रहेंगी तो आपकी तरक्की संभव नहीं है।
सीखें नए कौशल
अपस्किल करना यानी अपनी काबिलियत को बढ़ाना ताकि आप उद्योग की मांग पर खरे उतर सकें, बहुत जरूरी है। सीखने की कोई उम्र नहीं होती और अगर आपको आगे बढ़ना है तो सीखना जारी रखना होगा। विवेक कहते हैं कि ऑनलाइन और ऑफलाइन आपको ऐसे ढेरों कोर्स मिल जाएंगे जो बाजार की जरूरत के मुताबिक खुद को तैयार करने में आपकी मदद करेंगे। अगर आप इनका सहारा लेती हैं और खुद पर काम करती हैं तो आपकी तरक्की भी निश्चित है। सीखना जारी रखें और आगे बढ़ती रहें। कोशिश करें कि आप यह कदम 40 की उम्र से पहले उठा लें, क्योंकि इस उम्र के बाद करियर में आगे बढ़ना कई कारणों के चलते मुश्किल हो जाता है, हालांकि असंभव कुछ भी नहीं।
नेटवर्क बनाएं
काम में सफलता पाने में एक अच्छे नेटवर्क का भी योगदान होता है। इसलिए केवल अपने काम से काम न रखें। अपने क्षेत्र से संबंधी लोगों से संपर्क में रहें, जानकारी जुटाते रहें और अपनी समस्याओं या जरूरतों को भी उनसे साझा करें। अपने नेटवर्क को बेहतर करने के लिए आप समय-समय पर उन्हें मैसेज कर सकती हैं, गेट टुगेदर या मुलाकात के अन्य तरीके तलाश सकती हैं। हर समय काम की बात न हो, लेकिन काम की बात पीछे भी न रह जाए।
रेज्यूमे बनाना सीखें
आपको क्या आता है और क्या नहीं इसका पता बाद में चलेगा, पहले तो आपका रेज्यूमे या सीवी ही नियोक्ता के सामने जाता है। अगर यह आपका आईना न बन सका को तो आपको बेहतर पद पाने में या करिअर में आगे बढ़ने के लिए कंपनी बदलने में समस्या हो सकती है। विवेक कहते हैं कि रेज्यूमे के मामले में लोग सबसे बड़ी गलती यह करते हैं कि किसी दूसरे के रेज्यूमे की नकल कर लेते हैं। हालांकि, यह निराशाजनक है कि आज भी करिअर संबंधी ज्यादातर कोर्स में सही तरीके से रेज्यूमे बनाना और उसमें खुद को बेहतर दर्शाना नहीं सिखाया जाता। अगर आपकी समस्या रेज्यूमे है तो आप किसी पेशेवर की मदद लें। या फिर आप रेज्यूमे बनाने को कोर्स कर सकती हैं।
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