बोर्ड रिजल्ट से पहले पेरेंट्स बरतें ये 5 सावधानियां, जानें क्या करें, क्या न करें
Tips to Overcome Stress of Board Results: बच्चा आगे चलकर कौन सी स्ट्रीम चुनेगा या किस कॉलेज में एडमिशन लेगा, यह उसके बोर्ड के रिजल्ट पर निर्भर करता है। जिसके बारे में सोचकर उसे तनाव होना लाजमी है। आइए जानते हैं बोर्ड रिजल्ट से पहले पेरेंट्स को ये सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए।

बढ़ता कॉम्पटीशन और एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ ने आजकल बच्चों का स्ट्रेस लेवल काफी बढ़ाकर रख दिया है। नौबत यहां तक आ गई है कि कई बच्चों को तो डॉक्टर्स तक की मदद लेनी पड़ रही है या फिर कुछ तनाव और डिप्रेशन में आकर जान देने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। बता दें, इस समय बच्चे अपने 10वीं और 12वीं कक्षा के बोर्ड के रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। बच्चा आगे चलकर कौन सी स्ट्रीम चुनेगा या किस कॉलेज में एडमिशन लेगा, यह उसके बोर्ड के रिजल्ट पर निर्भर करता है। जिसके बारे में सोचकर उसे तनाव होना लाजमी है। बोर्ड परीक्षा के परिणाम बच्चों और पेरेंट्स दोनों के लिए तनावपूर्ण समय होता है। लेकिन इस समय माता-पिता का बच्चों के प्रति सही दृष्टिकोण और सहयोग उन्हें भावनात्मक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करता है। आइए जानते हैं बोर्ड रिजल्ट से पहले पेरेंट्स को ये सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए।
बच्चों पर दबाव न डालें
बोर्ड रिजल्ट से पहले माता-पिता को अपने बच्चों से ज्यादा अंक लाने के बारे में बार-बार बात करने से बचना चाहिए। पेरेंट्स के ऐसा करे से बच्चे तनावग्रस्त और चिंतित हो सकते हैं। ऐसा करने की जगह पेरेंट्स को चाहिए कि वो अपने बच्चे की मेहनत की सराहना करते हुए परिणाम से ज्यादा उनके प्रयासों पर बात करें।
खुला संवाद बनाए रखें
बच्चों से उनकी भावनाओं और चिंताओं के बारे में बात करें। उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि आप हर परिस्थिति में उनके साथ हैं। पेरेंट्स को चाहिए कि वो बच्चे की आलोचना किए बिना ही उसकी बात सुनें और उन्हें अपनी भावनाएं व्यक्त करने का मौका दें।
तुलना करने से बचें
बच्चों की तुलना उनके सहपाठियों, भाई-बहनों, या पड़ोसियों से न करें। इससे उनका आत्मविश्वास कम हो सकता है। याद रखें हर बच्चे की अपनी अलग ताकत और कमजोरी होती है। उसे समझते हुए उसकी व्यक्तिगत प्रगति पर ध्यान दें।
तनाव प्रबंधन के तरीके सिखाएं
बच्चों को ध्यान, गहरी सांस लेना, माइंडफुलनेस जैसे तनाव प्रबंधन तरीके सिखाएं। यह उन्हें परिणाम के दबाव से निपटने में मदद करेगा। उनके साथ हल्की गतिविधियां जैसे संगीत सुनना या पेंटिंग करना जैसी गतिविधि में शामिल हो जाएं।
सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं
माता-पिता को परिणाम के प्रति सकारात्मक और संतुलित दृष्टिकोण रखना चाहिए। बच्चों को यह समझाएं कि बोर्ड रिजल्ट जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। असफलता को सीखने के अवसर के रूप में प्रस्तुत करें।
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