शादीशुदा बेटी की मां को नहीं करनी चाहिए ये 5 गलतियां, ससुराल में झेलनी पड़ सकती है परेशानी
मां की परवरिश का बेटी के रिश्तों पर बड़ा गहरा असर पड़ता है। इसलिए बेटी अगर शादीशुदा है तो मां को थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है और खासतौर से इन गलतियों को तो बिल्कुल ही अवॉइड करना चाहिए।

मां और बेटी का रिश्ता दुनिया के सबसे खास और सबसे सुंदर रिश्तों में से एक है। मां ही बेटी की सबसे पहली दोस्त होती है, जो उसे जीवन के उतार-चढ़ावों के लिए तैयार करती है। तभी तो कहते हैं कि एक बेटी के व्यक्तित्व पर उसकी मां का असर सबसे गहरा होता है। इस बात में भी कोई दोराय नहीं कि मां की ममता और परवरिश ही बेटी के ससुराल में रिश्तों की नींव तय करती है। लेकिन कभी-कभार मां का बेइंतहा प्यार, चिंता और दखल, अनजाने में ही बेटी के ससुराल के नाजुक रिश्तों पर असर डाल सकता है। अगर मां जरा सी सावधानी ना बरतें, तो बेटी के नए घर में रिश्ते उलझ सकते हैं और उसका संवरता संसार बिखर सकता है। आइए जानते हैं बेटी का नया जीवन खुशियों से भरा रहे, इसके लिए मां को कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए।
बेटी के ससुराल की बातों में दखल देना
जब भी बेटी ससुराल की बातें शेयर करती है, एक मां का दिल करता है कि वह तुरंत उसे बचा ले या समाधान दे। लेकिन कई बार यह दखल ससुराल वालों को बुरा लग सकता है। बार-बार पूछताछ करना, यह जानने की कोशिश करना कि क्या खाया, क्या पहना, कौन क्या कह रहा है; यह सब बेटी को भी असहज कर सकता है। इसलिए ऐसी बातें करने से बचें। अगर बेटी आपसे कुछ शेयर भी कर रही है तो सबसे पहले उसकी बातों को समझें और जरूरत हो तो धीरे से मार्गदर्शन करें। लेकिन निर्णय उसी पर छोड़ दें, अपनी बातों को बेटी पर ना थोपें।
बार-बार बेटी को मायके बुला लेना
किसी भी मां-बाप के लिए अपनी बेटी को विदा करना कलेजे पर पत्थर रखने के जैसा होता है। ऐसे में एक मां तो यही चाहती हैं कि बेटी अक्सर मायके आती रहे, ताकि वह अकेलापन महसूस ना करें। लेकिन बार-बार मायके बुलाने से बेटी ससुराल के माहौल में ढल नहीं पाती। इसका असर उसके और पति के रिश्ते पर भी पड़ सकता है। मायका भले ही उसके जीवन का एक अहम हिस्सा है लेकिन अब ससुराल के प्रति भी उसकी कुछ जिम्मेदारियां हैं। ऐसे में ससुराल में उसे अपनी पहचान और जगह बनाने दें और उसे बार-बार मायके बुलाने से बचें।
ससुराल वालों की बुराई करना या अविश्वास जताना
कई बार जब बेटी अपने ससुराल से जुड़ी कोई शिकायत करती है तो कई माएं बिना पूरी बात को जानें ससुराल वालों की बुराई करने लगती हैं। ऐसा करने से बेटी के मन में ससुराल वालों को लेकर नकारात्मक भावनाएं आने लगती हैं। इसलिए जब भी बेटी ससुराल से जुड़ी कोई समस्या लेकर आए तो मां को चाहिए कि वो बेटी को इमोशनली सपोर्ट तो करें लेकिन साथ ही परिवार को जोड़कर रखने की बातें भी समझाएं।
बेटी की जिंदगी को अपनी सोच से चलाने की कोशिश
'हमारे समय में ऐसा नहीं होता था', 'तू ऐसे क्यों कर रही है', 'उसे ऐसे जवाब देना था'; ये कुछ ऐसी बातें हैं, जो अगर कोई मां बार-बार अपनी बेटी से कहती है तो कहीं ना कहीं बेटी का आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है। हर मां को यह समझना चाहिए कि हर पीढ़ी की सोच और समस्याएं अलग होती हैं। अपनी बात कहना ठीक है लेकिन जबरन अपने विचार बेटी पर थोपना कहीं से भी सही नहीं है।
हद से ज्यादा ममता दिखाना
हर मां-बाप के लिए अपने बच्चे सबसे प्यारे होते हैं और बेटियां तो मां-बाप के दिल के बेहद करीब होती हैं। लेकिन जब बेटी की शादी हो जाए तो हद से ज्यादा उसका ख्याल रखना या ममता दिखाना सही नहीं। कई पेरेंट्स की आदत होती है की बेटी की शादी के बाद भी वो हर समय उन्हें प्रोटेक्ट करने के लिए खड़े रहते हैं। लेकिन पेरेंट्स की यह आदत सही नहीं होती है। आपको चाहिए कि आप अपनी बेटी के सुख-दुख में साथ खड़े रहें लेकिन उसे खुद पर डिपेंडेंट भी होने दें। एक मां की यह जिम्मेदारी होती है कि वह अपनी बेटी को जीवन के सफर में चलने के लिए मजबूत बनाए।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।