मुस्लिम स्टेट है जम्मू-कश्मीर; वक्फ बिल पर विधानसभा में खूब मचा हंगामा
- वक्फ विधेयक पर चर्चा को लेकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। भारी हंगामे को देखते हुए विधानसभा की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर जमकर हंगामा हुआ। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने वक्फ कानून पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया था। प्रश्नकाल स्थगित करने की अनुमति नहीं दिए जाने को लेकर हंगामा शुरू हो गया। इसके बाद सदन के अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। बजट सत्र के दौरान पहली बार सदन की कार्यवाही स्थगित की गई है।
जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, नेशनल कांफ्रेंस के नज़ीर ग़ुरेज़ी और तनवीर सादिक के नेतृत्व में पार्टी के सदस्यों ने वक्फ कानून पर चर्चा के लिए प्रश्नकाल स्थगित करने का प्रस्ताव पेश किया। इस विषय पर नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों सहित कुल नौ सदस्यों ने अध्यक्ष को नोटिस दिया था। इस प्रस्ताव का भारतीय जनता पार्टी ने विरोध किया। सदन के नेता सुनील शर्मा के नेतृत्व में भाजपा सदस्यों ने इसका विरोध किया जिससे सदन में शोरगुल शुरू हो गया जो दो मिनट से अधिक समय तक चला।
विधानसभा अध्यक्ष राथर ने सदन के नियम 58 का हवाला देते हुए कहा कि यह मामला वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए प्रश्नकाल स्थगित कर इस पर चर्चा नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, "मैं सदन में स्थगन की अनुमति नहीं दे सकता क्योंकि मामला न्यायालय में लंबित है।' अध्यक्ष की इस टिप्पणी के बाद नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी के सदस्यों ने विरोध जताया और प्रश्नकाल के स्थगन की मांग पर अड़े रहे और अध्यक्ष के आसान की ओर आगे बढ़ गए।
बीजेपी और नेसनल कॉन्फ्रेंस के सदस्य विधानसभा में नारेबाजी करने लगे। एनसी विधायक तनवीर सादिक ने कहा कि उनकी पार्टी वक्फ कानून का विरोध करती है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक पर चर्चा को लेकर कोई दिक्कत नहीं है। हम इस विधेयक पर चर्चा करना चाहते हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर एक मुस्लिम राज्य है। हम वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करते हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस और उसके सहयोगियों ने विधानसभा में काले झंडे भी दिखाए। वहीं पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि एनसी ने बीजेपी के मुस्लिम विरोधी अजेंडे का ठेका ले लिया है। राज्य की सरकार को तमिलनाडु की सरकार से शिक्षा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने खुलकर वक्फ विधेयक का विरोध किया और विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव भी पास किया।