Relief to government on demonetization decision has also been given on bulldozer action Who is the next CJI of SC नोटबंदी पर सरकार को राहत, बुलडोजर ऐक्शन पर भी सुना चुके हैं फैसला; कौन हैं SC के अगले CJI?, India Hindi News - Hindustan
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नोटबंदी पर सरकार को राहत, बुलडोजर ऐक्शन पर भी सुना चुके हैं फैसला; कौन हैं SC के अगले CJI?

  • पांच न्यायाधीशों की एक अन्य संविधान पीठ ने राजनीतिक वित्तपोषण के लिए चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था। न्यायमूर्ति गवई उस पीठ में भी शामिल थे।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानThu, 17 April 2025 06:12 AM
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नोटबंदी पर सरकार को राहत, बुलडोजर ऐक्शन पर भी सुना चुके हैं फैसला; कौन हैं SC के अगले CJI?

Justice BR Gavai: सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे न्यायमूर्ति बीआर गवई शीर्ष अदालत में कई संविधान पीठों का हिस्सा रहे हैं। इन पीठों ने अनुच्छेद 370, नोटबंदी, अनुसूचित जातियों के अंदर उप-वर्गीकरण समेत कई अन्य मसलों पर अहम फैसले सुनाए हैं। न्यायमूर्ति गवई पांच न्यायाधीशों वाली उस संविधान पीठ का हिस्सा थे, जिसने दिसंबर 2023 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को सर्वसम्मति से बरकरार रखा था।

पांच न्यायाधीशों की एक अन्य संविधान पीठ ने राजनीतिक वित्तपोषण के लिए चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था। न्यायमूर्ति गवई उस पीठ में भी शामिल थे। वह उस संविधान पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने 4:1 के बहुमत से केंद्र के 2016 के 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को चलन से बंद करने के फैसले को मंजूरी दी थी।

सात न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ का हिस्सा थे जिसने 6:1 के बहुमत से माना था कि राज्यों को अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है, ताकि उन जातियों के उत्थान के लिए आरक्षण दिया जा सके जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अधिक पिछड़ी हैं।

बुलडोजर एक्ट पर दिशा-निर्देश

न्यायमूर्ति गवई सहित सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया था कि पक्षों के बीच बिना मुहर लगे या अपर्याप्त रूप से मुहर लगे समझौते में मध्यस्थता खंड लागू करने योग्य है। क्योंकि इस तरह के दोष को ठीक किया जा सकता है और यह अनुबंध को अवैध नहीं बनाता है। जस्टिस गवई के नेतृत्व वाली पीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसले में देश भर के लिए दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि था कि कारण बताओ नोटिस दिए बिना किसी भी संपत्ति को ध्वस्त नहीं किया जाना चाहिए।

जस्टिस गवई का पारिवारिक जीवन

जस्टिस गवई का जन्म 24 नवंबर, 1960 को अमरावती में हुआ। 16 मार्च, 1985 को वह अधिवक्ता के रूप में बार में शामिल हुए और 1987 तक उन्होंने पूर्व महाधिवक्ता और हाईकोर्ट के न्यायाधीश बार राजा एस भोंसले के साथ काम किया। इसके बाद 1987 से 1990 तक बॉम्बे हाईकोर्ट में स्वतंत्र रूप से वकालत की। जस्टिस गवई दिवंगत आरएस गवई के बेटे हैं, जो बिहार-केरल के राज्यपाल रह चुके हैं।