So why not Fatehpur Sikri CJI Sanjiv Khanna told the woman demanding possession of Red Fort तो फतेहपुर सीकरी क्यों नहीं, लाल किले पर कब्जा मांग रहीं महिला से बोले CJI संजीव खन्ना, India Hindi News - Hindustan
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तो फतेहपुर सीकरी क्यों नहीं, लाल किले पर कब्जा मांग रहीं महिला से बोले CJI संजीव खन्ना

याचिका पर CJI यानी भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच सुनवाई कर रही थी। उन्होंने कहा, 'शुरुआत में दाखिल की गई रिट याचिका गलत और निराधार थी। इसपर विचार नहीं कर सकते।'

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तानMon, 5 May 2025 12:41 PM
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तो फतेहपुर सीकरी क्यों नहीं, लाल किले पर कब्जा मांग रहीं महिला से बोले CJI संजीव खन्ना

दिल्ली के लाल किले पर कब्जा मांगने पहुंचीं महिला की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया। महिला का दावा था कि वह मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर द्वितीय के परपोते की विधवा है। अदालत का कहना है कि याचिका गलत और निराधार थी। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से महिला की अपील खारिज की गई थी।

याचिका पर CJI यानी भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच सुनवाई कर रही थी। उन्होंने कहा, 'शुरुआत में दाखिल की गई रिट याचिका गलत और निराधार थी। इसपर विचार नहीं कर सकते।' साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता सुल्ताना बेगम को याचिका वापस लेने की भी अनुमति नहीं दी। कोर्ट ने कहा, 'याचिकाकर्ता देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार से हैं।'

सीजेआई खन्ना ने कहा कि अगर दलीलों पर विचार किया जाए, तो 'सिर्फ लाल किला ही क्यों। आगरा, फतेहपुर सीकरी आदि क्यों नहीं।'

जब दिल्ली हाईकोर्ट में था मामला

बीते साल 13 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने बेगम की उस अपील को खारिज कर दिया था, जो उन्होंने दिसंबर 2021 में उच्च न्यायालय के सिंगल जज बेंच के फैसले के खिलाफ दाखिल की गई थी। अदालत ने इस बात पर गौर किया था कि फैसले के खिलाफ अपील ढाई साल के बाद की गई थी। इसपर बेगम का तर्क था कि खराब स्वास्थ्य और उनकी बेटी के गुजर जाने के चलते अपील देर से कर सकी थीं।

लाल किले पर दावे की कानूनी कहानी

20 दिसंबर 2021 को सिंगल जज ने बेगम की याचिका खारिज कर दी थी। उन्होंने दावा किया था कि लाल किले को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की तरफ से अवैध रूप से कब्जे में ले लिया गया था। उन्होंने लाल किले पर कब्जा दिलाने की अपील की थी। तब जज ने याचिका को यह कहकर खारिज किया था 150 साल से ज्यादा समय के बाद अदालत का दरवाजा खटखटाया गया है।

याचिका में दावा किया गया था कि 1857 में स्वतंत्रता के पहले युद्ध के बाद ब्रिटेन ने उनकी संपत्ति से वंचित कर दिया था, जिसके बाद बादशाह को देश से निर्वासित किया गया और लाल किले पर अवैध कब्जा कर लिया गया था।