पाक की जमीन से ऑपरेट करते हैं आतंकी, भारत का सहयोग करे; US उपराष्ट्रपति ने खुलकर लिया नाम
गौरतलब है कि यह हमला तब हुआ जब वेंस और उनका परिवार भारत की चार दिवसीय यात्रा पर था। पहलगाम में हुए इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी।

अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले को लेकर चिंता जाहिर की है और उम्मीद जताई है कि भारत इस पर प्रतिक्रिया देते समय क्षेत्रीय संघर्ष से बचने की दिशा में सोच-विचार करेगा। वेंस का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। उन्होंने खुले तौर पर पाकिस्तान का नाम लेते हुए कहा कि आतंकी उसकी जमीन से ऑपरेट करते हैं।
फॉक्स न्यूज के 'स्पेशल रिपोर्ट विद ब्रेट बेयर' कार्यक्रम में बातचीत के दौरान वेंस ने कहा, "हमारी उम्मीद है कि भारत इस आतंकी हमले पर ऐसी प्रतिक्रिया देगा जिससे क्षेत्रीय स्तर पर कोई बड़ा टकराव न हो। और हम यह भी आशा करते हैं कि पाकिस्तान, अगर वह इसमें किसी भी रूप में जिम्मेदार है, तो भारत के साथ मिलकर उन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करे जो कभी-कभी उसकी जमीन से ऑपरेट करते हैं।"
गौरतलब है कि यह हमला तब हुआ जब वेंस और उनका परिवार भारत की चार दिवसीय यात्रा पर था। पहलगाम में हुए इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी – जिनमें 25 पर्यटक और एक स्थानीय निवासी शामिल थे। यह हमला 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। हमले को लेकर वेंस पहले ही X पर शोक व्यक्त कर चुके हैं और पीड़ितों व उनके परिवारों के प्रति संवेदना जताई थी।
अमेरिका का कूटनीतिक प्रयास
इस हमले के बाद अमेरिका ने भी सक्रिय कूटनीति का रास्ता अपनाया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से बुधवार को फोन पर बातचीत की। उन्होंने पाकिस्तानी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे जांच में सहयोग करें और भारत के साथ तनाव को कम करने के लिए काम करें।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
भारत ने इस हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं। इनमें सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से रोकना, पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को निष्कासित करना, भारतीय हवाई क्षेत्र को पाकिस्तानी उड़ानों के लिए बंद करना, और अटारी-वाघा बॉर्डर को सील करना शामिल है
मानवीय आधार पर भारत का कदम
हालांकि, गुरुवार को भारत सरकार ने मानवीय आधार पर एक नरमी दिखाते हुए अटारी-वाघा बॉर्डर से पाकिस्तानी नागरिकों को लौटने के लिए समयसीमा में छूट दी। लेकिन पाकिस्तान की ओर से अब तक भारतीय नागरिकों को उसी मार्ग से लौटने की अनुमति नहीं दी गई है। पहलगाम हमले के बाद उपजे हालात में अमेरिका की ओर से उपराष्ट्रपति वेंस और विदेश मंत्री रुबियो की टिप्पणियां यह संकेत देती हैं कि वॉशिंगटन पूरी तरह से भारत के साथ खड़ है लेकिन साथ ही क्षेत्रीय शांति बनाए रखने के लिए सक्रिय भूमिका निभाना चाहता है। अब निगाहें इस बात पर हैं कि पाकिस्तान इस सहयोग की अपील पर क्या रुख अपनाता है।