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NCR के इस शहर में तोड़े जाएंगे 2292 मकान, GDA बनाएगा बहुमंजिला इमारत; 20 हजार को मिलेगा फायदा

दिल्ली से सटी तुलसी निकेतन योजना के जर्जर मकानों की जगह बहुमंजिला इमारत बनेगी। री डेवलपमेंट परियोजना के संबंध में प्राधिकरण सलाहकार नियुक्त करेगा। जामिया मिलिया इस्लामिया की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जीडीए ने फिर से इन मकानों को खतरनाक श्रेणी में घोषित कर दिया।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, गाजियाबादWed, 19 March 2025 01:29 PM
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NCR के इस शहर में तोड़े जाएंगे 2292 मकान, GDA बनाएगा बहुमंजिला इमारत; 20 हजार को मिलेगा फायदा

दिल्ली से सटी तुलसी निकेतन योजना के जर्जर मकानों की जगह बहुमंजिला इमारत बनेगी। री डेवलपमेंट परियोजना के संबंध में प्राधिकरण सलाहकार नियुक्त करेगा। इसके बाद वहां काम होगा, ताकि लोग नए फ्लैट में रह सके। जीडीए वर्ष 1989-90 तुलसी निकेतन योजना लाया था, जिसमें 2004 ईडब्ल्यूएस और 288 एलआईजी बनाए गए। कुल 2292 मकानों में 60 दुकान भी संचालित हैं।

दिल्ली से सटी होने के कारण यहां लोगों ने तुरंत मकान खरीद लिए, लेकिन देखरेख के अभाव में यह मकान जर्जर हो चुके हैं। यहां 20 हजार से अधिक आबादी रहती है। मकानों की हालत काफी खराब होने के कारण दीवारों का प्लास्टर गिरने की कई बार घटना हो चुकी है। कई बार हुए हादसों में लोगों के घायल होने की घटनाएं भी सामने आई है।

इन घटनाओं के बाद जीडीए ने वर्ष 2018 में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय नई दिल्ली से सर्वे भी कराया था। सर्वे रिपोर्ट में इन मकानों को रहने लायक नहीं बताते हुए मरम्मत की जगह तोड़ने की सलाह दी थी। जामिया मिलिया इस्लामिया की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जीडीए ने फिर से इन मकानों को खतरनाक श्रेणी में घोषित कर दिया। साथ ही इनकी जगह दूसरे मकान तैयार करने की योजना बनाना शुरू किया। हालांकि यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी। अब प्राधिकरण एक बार फिर इन मकानों को जगह बहुमंजिला इमारत का निर्माण करने की योजना तैयार कर रहा है।

डोर टू डोर सर्वे होगा

जीडीए इस योजना में रहने वालों का नगर निगम, डूडा के साथ मिलकर संयुक्त रूप से डोर टू डोर सर्वे करेगा। सर्वे से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कितने लोग मूल आवंटी है और कितने पावर ऑफ अटार्नी या अन्य अनुबंध के साथ यहां रह रहे हैं। इस दौरान उन व्यक्तियों की सूची भी तैयार होगी, जिनके पास मकान के स्वामित्व का कोई भी साक्ष्य नहीं है।

चार तरह के लोगों का है मकानों पर कब्जा

सूत्र बताते हैं कि यहां के मकान चार तरीके से बिके हुए हैं। रजिस्ट्री, पावर ऑफ अटार्नी, नोटरी और किराये के जरिये लोगों का इनपर कब्जा है। जीडीए के अनुसार सिर्फ रजिस्ट्री को ही मान्यता है। इस कारण जीडीए यहां का भौतिक सत्यापन करेगा। माना जा रहा है कि यहां 75 फीसदी लोग पावर ऑफ अटार्नी पर मकान खरीदकर रह रहे हैं।