सदर बाजार की दुकानों पर लटकी सीलिंग की तलवार, MCD ने भेजा नोटिस; CM से मांगा मिलने का समय
दिल्ली के सदर बाजार की कई दुकानों पर सीलिंग की तलवार लटकी हुई है। फिलहाल सीलिंग पर रोक है, लेकिन इस आदेश की अवधि समाप्त हो जाने के बाद दुकानें सील होने की आशंका से व्यापारियों में आक्रोश है। व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है।

दिल्ली के सदर बाजार की कई दुकानों पर सीलिंग की तलवार लटकी हुई है। एमसीडी की ओर से दुकानदारों को पूर्व में भेजे गए कन्वर्जन और पार्किंग शुल्क जमा करने के नोटिस की वजह से दुकानदार परेशान हैं। फिलहाल सीलिंग पर रोक है, लेकिन इस आदेश की अवधि समाप्त हो जाने के बाद दुकानें सील होने की आशंका से व्यापारियों में आक्रोश है। उन्होंने सदर बाजार को व्यावसायिक क्षेत्र घोषित किए जाने की मांग की है। सदर बाजार के व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है।
फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव का कहना है कि वर्ष 2004 में जब पूरी दिल्ली में सीलिंग की जा रही थी, तब नगर निगम के सिटी जोन के तत्कालीन डीसी ने सदर बाजार में सर्वे कराया था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में माना था कि सदर बाजार व्यावसायिक क्षेत्र है। ऐसे में यहां सीलिंग नहीं की जा सकती है। यह रिपोर्ट उन्होंने डीडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष को भी भेजी थी। इसके बाद भी सदर बाजार को व्यावसायिक क्षेत्र घोषित नहीं किया गया, जिसकी वजह से अधिकारी इसे अभी भी रिहाइशी क्षेत्र मानते हुए सीलिंग नोटिस भेज रहे हैं।
फेडरेशन के अध्यक्ष का कहना है कि करीब डेढ़ साल पहले एमसीडी की ओर से 24 दुकानदारों को सीलिंग के नोटिस भेजे गए थे और तकरीबन 300 अन्य दुकानदारों को नोटिस भेजने की तैयारी थी। दुकानदारों की ओर से पक्ष रखे जाने पर सीलिंग की कार्रवाई को स्थगित किया गया है, लेकिन कुछ लोग मॉनिटरिंग कमेटी से शिकायत कर रहे हैं, ताकि दुकानदारों पर दबाव बनाकर उनसे अवैध वसूली की जा सके। व्यापारियों का कहना है कि होली बाद बैठक कर सीएम से सदर बाजार को व्यावसायिक क्षेत्र घोषित कराए जाने की मांग करेंगे, ताकि सीलिंग की कार्रवाई का स्थायी समाधान हो सके।
इसी तरह नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने 380 संपत्ति कर बकाएदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें बकाया राशि का भुगतान न करने पर कुर्की और खाता फ्रीज करने सहित सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। परिषद ने एक बयान में कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में, एनडीएमसी ने कर वसूली के अपने प्रयासों को तेज कर दिया है, जिसमें 3,200 करदाताओं की पहचान की गई है, जिन्होंने लगातार तीन सालों से टैक्स नहीं दिया है।