आप की लापरवाही और कुप्रबंधन से बर्बाद हुई डीटीसी : सीएम
दिल्ली विधानसभा में डीटीसी के कामकाज पर चर्चा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार पर आरोप लगाया। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, डीटीसी पर 60 हजार 741 करोड़ रुपये का कर्ज है।...

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली विधानसभा में डीटीसी के कामकाज पर आई सीएजी रिपोर्ट पर हुई चर्चा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने कुप्रबंधन और लापवाही से डीटीसी को बर्बाद किया। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, डीटीसी पर 60 हजार 741 करोड़ रुपये का कर्ज है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार डीटीसी को ऐसी स्थिति में लाएगी, जहां नुकसान नहीं बल्कि राजस्व प्राप्ता होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के सामने आने वाले गंभीर मुद्दों को उजागर करती है। पिछली सरकार ने जिस तरह से डीटीसी और दिल्ली परिवहन को बर्बाद किया वह बेहद चिंताजनक है। डीटीसी दिल्ली की जरूरतों को पूरा करने और लाभ कमाने वाली प्रमुख एजेंसी बन सकती थी, लेकिन उसे ऐसी स्थिति में पहुंचा दिया, जहां पर केवल घाटा ही घाटा है। डीटीसी का संचयी घाटा 60 हजार 741 करोड़ और परिचालन घाटा 14 हजार 198 करोड़ का हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में काम करने की इच्छाशक्ति का अभाव और उचित निगरानी की कमी थी। दिल्ली में निर्धारित 814 बस रूट में से केवल 468 रूटों पर ही बस चल रहीं थीं। इससे न तो जनता को सुविधा मिली और न ही टिकट बिक्री से आय हुई। बसों के समय पर नहीं चलने और खराब होने से सरकार को 668 करोड़ का नुकसान हुआ। सरकार को केंद्र से 233 करोड़ रुपये बस खरीदने के लिए मिले थे, लेकिन वह राशि भी खर्च नहीं की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015 में डीटीसी के पास चार हजार 344 बसें थीं, जो घटकर 2023 में तीन हजार 937 रह गईं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीटीसी और डिम्ट्स दो एजेंसी परिवहन विभाग में काम करती हैं। डीटीसी और डिम्ट्स के साझे प्रोजेक्ट में घोटाला किया गया। डिम्ट्स में सरकार का 50 फीसदी और आईडीएफसी का 50 फीसदी हिस्सा था। 2023 में केपीएमजी ने डिम्ट्स का मूल्यांकन 85 करोड़ रुपये किया था, जिसका 50 फीसदी करीब 43 करोड़ रुपये बनता है। आईडीएफसी ने अपने शेयर दिल्ली सरकार को बेचने की पेशकश की थी, लेकिन दो साल तक फाइल पर कोई निर्णय नहीं हुआ। आखिरकार आईडीएफसी ने यह शेयर मात्र दस करोड़ रकुपये में एक प्राईवेट कंपनी को बेच दिया। इस प्राइवेट कंपनी में 70 फीसदी हिस्सेदारी एक रूसी कंपनी की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आखिर इसके पीछे क्या षड्यंत्र है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में डीटीसी बसों की कमी के कारण चार हजार ड्राइवर बिना के काम के बैठे हैं और सरकार उन्हें वेतन दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुफ्त बस सेवा के नाम पर जो भ्रष्टाचार किया गया था उसकी बजाय पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। अब कार्ड सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे महिलाओं को टिकट लेने की आवश्यकता नहीं होगी। नए बस शेल्टर, आधुनिक बस डिपो, इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद और उनके लिए चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। दिल्ली के सभी आईएसबीटी को आधुनिक मल्टी स्टोरी कमर्शियल परिसरों के रूप में विकसित करने की भी सरकार की योजना है। उन्होंने कहा कि डीटीसी में किए गए घोटालों और कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने सीएजी रिपोर्ट को सार्वजनिक लेखा समिति को भेजने और कड़ी कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की।
वहीं, इससे पूर्व चर्चा में शामिल होते हुए परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट में पिछली सरकार की गलत नीतियों की पोल खुली है। पिछली सरकार सिर्फ सोशल मीडिया पर काम करती थी जबकि हम जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं।
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