Delhi Police Exposes Fake Recruitment Scam Linked to NRDRM Arrests Two Accused एनआरडीआरएम के नाम पर चल रहे फर्जी भर्ती घोटाले का पर्दाफाश, Delhi Hindi News - Hindustan
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एनआरडीआरएम के नाम पर चल रहे फर्जी भर्ती घोटाले का पर्दाफाश

आरोपी फर्जी बेबसाइट बनाकर आवेदकों से भर्ती पंजीकरण शुल्क ऐंठ रह थे, मास्टरमाइंड समेत दो गिरफ्तार

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 19 May 2025 04:37 PM
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एनआरडीआरएम के नाम पर चल रहे फर्जी भर्ती घोटाले का पर्दाफाश

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। नई दिल्ली जिला पुलिस की साइबर सेल ने राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और मनोरंजन मिशन (एनआरडीआरएम) के नाम पर चल रहे फर्जी भर्ती घोटाले का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी फर्जी बेबसाइट बनाकर खुद को ग्रामीण विकास मंत्रालय का हिस्सा बताकर लोगों से भर्ती पंजीकरण शुल्क ऐंठ रह थे। पकड़े गए आरोपियों में हैदराबाद के तेलंगाना निवासी गिरोह का सरगना राशिद चौधरी और असम के करीम गंज निवासी इकबाल हुसैन शामिल है। आरोपियों के पास से वारदात में इस्तेमाल 11 मोबाइल फोन, 15 सिम कार्ड, 15 डेबिट कार्ड, 21 बैंक खातों की चेक बुक, पांच पोर्टेबल वाई-फाई डोंगल, एक पीओएस मशीन और चार नकली टिकट बरामद किए हैं।

इसके अलावा लोगों के साथ ठगी करने के लिए बनाई गई छह फर्जी वेबसाइट का खुलासा हुआ है। पुलिस घोटाले मं इस्तेमाल मोबाइल फोन, सिम कार्ड और बैंक खातों को देशभर में दर्ज की गई, इसी तरह की शिकायतों की जांच के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र भेजा है। पीड़ितों की पहचान करने के लिए फर्जी वेबसाइटों का विश्लेषण किया जा रहा है। साथ ही, गिरोह के नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की धर-पकड़ का प्रयास किया जा रहा है। 22 मार्च को मिली थी शिकायत पुलिस ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से गत 22 मार्च को एक शिकायत दी गई, जिसमें बताया गया था कि फर्जी वेबसाइट www.nrdrm.com और www.nrdrmvacany.com पर माननीय मंत्रियों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की तस्वीरों के साथ फर्जी भर्ती विज्ञापनों का प्रसार किया जा रहा है। नौकरी के इच्छुक लोगों से भर्ती पंजीकरण शुल्क के नाम पर रकम वसूली जा रही है। शिकायत के आधार पर नई दिल्ली जिले की साइबर पुलिस थाने में बीएनएस की धारा 318(4)/319(2) के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। एटीएम के जरिए निकालते थे रकम टीम को जांच के दौरान फर्जी वेबसाइट से जुड़ा एक क्यूआर कोड मिला, जिसके जरिये जालसाजों ने नौकरी के इच्छुक पीड़ितों से पंजीकरण के नाम पर 299 और 399 रुपये फीस ली थी। क्यूआर कोड के जरिए प्राप्त हुई रकम को असम के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के खाते में जमा कराया गया था। इसके बाद इस रकम को आगे कई बैंक खातों में भेज कर एटीएम के जरिए निकाला गया था। ऐसे पकड़ में आए आरोपी टीम ने विभिन्न बैंकों से एटीएम से नकदी निकासी के सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगाल कर संदिग्ध व्यक्ति की पहचान की। अस दौरान संदिग्ध के यमुनापार के लक्ष्मी नगर इलाके में शकरपुर स्थित एक फ्लैट में किराए पर रहने की जानकारी मिली थी। पुलिस ने छापा मारकर इकबाल हुसैन को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसका काम एटीएम से नकदी निकाल कर मास्टरमाइंड राशिद चौधरी को सौंपना था। पुलिस ने लक्ष्मी नगर इलाके से ही सरगना राशिद चौधरी को गिरफ्तार कर लिया। सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपी ने बताया कि वह फर्जी ऑनलाइन विज्ञापनों के जरिये सरकारी भर्ती के नाम पर लोगों से फीस वसूल रहा था। राशिद ने फर्जी साइट बनाने के लिए वेब डेवलपर्स, विज्ञापनों के जरिये आने वाली रकम के लिए ऑपरेटिव और बैंक खाते व सिम कार्ड हासिल करने के लिए अन्य लोगों सहित विशेषज्ञों की एक टीम बनाई थी। लोगों को जाल में ऐसे फंसाते थे जालसाज सरकारी वेबसाइट जैसी दिखने वाली फर्जी वेबसाइट बनाकर उसपर सरकारी नौकरियों के फर्जी भर्ती विज्ञापन बना प्रसारित करते थे। लोगों को लुभाने के लिए सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में भी विज्ञापनों को प्रकाशित करते थे। वेबसाइट पर आवेदकों को पंजीकरण शुल्क के भुगतान के लिए एक क्यूआर कोड दिखाया जाता है। नौकरी आवेदन प्रक्रिया के बहाने एकत्र की गई रकम को बैंक खातों में भेजते थे। बाद में फर्जी नाम-पते के आधार पर खोल गए बैंक खातों में रकम को ट्रांसफर कर एटीएम के जरिये निकाल लेते थे।

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