पाकिस्तानी बाजार ध्वस्त, भारत पर असर नहीं
नोट : आपरेशन सिंदुर का पैकेज -------------- नई दिल्ली, एजेंसी। ऑपरेशन सिंदूर का घरेलू

नोट : आपरेशन सिंदुर का पैकेज -------------- नई दिल्ली, एजेंसी। ऑपरेशन सिंदूर का घरेलू शेयर बाजारों पर सीमित असर रहा। बुधवार सुबह सेंसेक्स और निफ्टी में शुरुआत में हल्की गिरावट देखी गई। हालांकि, जल्द ही बाजारों ने खुद को संभाल लिया और स्थिरता की ओर बढ़ते नजर आए। वहीं, पाकिस्तानी बाजार सबसे बड़ी गिरावट के साथ बुरी तरह ध्वस्त हो गए। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में लगभग 250 अंक टूट गया था, जबकि निफ्टी भी मामूली गिरावट के साथ खुला। लेकिन निवेशकों की ओर से सकारात्मक रुख और घरेलू संस्थागत निवेशकों की खरीदारी ने बाजार को नीचे जाने से रोक दिया। सेंसेक्स ने गिरावट के उबरकर 154 अंक और निफ्टी ने 55 अंक की बढ़त दर्ज कर ली।
हालांकि, इसके बाद बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर बना रहा। रक्षा, ऊर्जा और एफएमसीजी क्षेत्रों में हल्का दबाव देखा गया, जबकि आईटी और फार्मा शेयरों में खरीदारी बनी रही। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि सैन्य कार्रवाइयों से बाजारों में अल्पकालिक अनिश्चितता जरूर उत्पन्न होती है, लेकिन जब तक तनाव व्यापक नहीं होता, तब तक बाजार में स्थायी गिरावट की संभावना नहीं रहती। भारतीय बाजारों ने स्थिरता दिखाई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि घरेलू निवेशकों में भरोसा बना हुआ है। संघर्ष के समय भारतीय बाजार डटे रहे 1. कारगिल युद्ध (1999): तीन महीने तक चले संघर्ष के बावजूद सेंसेक्स एक साल के भीतर 63 फीसदी उछला। 2. बालाकोट एयर स्ट्राइक (2019): 26 फरवरी 2019 को बालाकोट हमले के बाद सेंसेक्स 239 अंक और निफ्टी 44 अंक गिरा, लेकिन इसके सालभर के भीतर सेंसेक्स में 15 फीसदी की तेजी। 3. मुंबई हमला (2008): हमले के दो दिनों में सेंसेक्स 400 अंक और निफ्टी 100 अंक चढ़ा। वहीं, सालभर के भीतर सेंसेक्स में 60 फीसदी का जोरदार उछाल। पाकिस्तानी बाजार धराशायी भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी शेयर बाजार ध्वस्त हो गए। कराची स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक केएसई-100 करीब 6000 अंक से अधिक यानी 5.7% लुढ़क गया। यह 2021 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। 23 अप्रैल 2025 के बाद से यह इंडेक्स 9,930 अंक गिर चुका है।
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