संसद सत्र: राज्यसभा में ‘डुप्लीकेट मतदाता फोटो पहचान पत्र का मुद्दा उठा
राज्यसभा में विपक्षी दलों ने मतदाता पहचान पत्र के क्रमांक में दोहराव का मुद्दा उठाया। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने चुनाव की निष्पक्षता की आवश्यकता बताई। राजद के मनोज झा ने चुनाव आयोग से गड़बड़ी की...

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। राज्यसभा में बुधवार को विपक्षी दलों ने मतदाता पहचान पत्र क्रमांक संख्या में दोहराव का मुद्दा उठाया। निर्वाचन आयोग से इस गड़बड़ी की जांच करने तथा तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की। बुधवार को सुबह सबसे पहले इस मुद्दे को कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने उठाया। प्रमोद तिवारी ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र की आत्मा हैं और इसकी निष्पक्षता सुनिश्चित करना अनिवार्य है। वहीं, राजद के मनोज झा ने अनुच्छेद 324 का हवाला देते हुए कहा कि इसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि ईपीआईसी कार्ड के डुप्लीकेशन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जो चुनाव की निष्पक्षता को प्रभावित कर सकते हैं। मनोज कुमार झा ने शून्यकाल के तहत इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि ये प्रश्न न सिर्फ राजनीतिक दलों को बल्कि आम नागरिकों को भी प्रभावित कर रहा है। इससे पहले कांग्रेस, टीएमसी और आम आदमी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों ने मतदाता फोटो पहचान पत्र के दोहराव वाले अनुक्रमांक (ईपीआईसी) के मुद्दे पर नियम 267 के तहत उच्च सदन में तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग की थी, लेकिन उपसभापति हरिवंश ने इससे संबंधित सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए। विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र के लिए गंभीर समस्या बताया।
नियम 176 के तहत चर्चा की मांग
तृणमूल सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि ये बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसके लिए तीन मिनट का समय अपर्याप्त है। शून्यकाल के तहत किसी भी मुद्दे को उठाने के लिए एक सदस्य को केवल तीन मिनट का समय दिया जाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि नियम 267 के तहत चर्चा संभव नहीं है तो इसे नियम 176 के तहत कराया जाए, जिसका कई विपक्षी दलों ने समर्थन किया। मनोज झा ने सदन में मांग की कि निर्वाचन आयोग को ये स्पष्ट करना चाहिए कि डुप्लीकेट ईपीआईसी किस स्तर पर फैला है। इसकी जांच के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने आयोग से मतदाता सूची से हटाए गए नामों, जोड़े गए नए नामों और किए गए संशोधनों की अलग सूची जारी करने की भी मांग की। विपक्षी दलों ने इस विषय पर सरकार और आयोग से गंभीरता से जवाब देने की अपेक्षा जताई।
कांग्रेस के तन्खा ने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास का मुद्दा उठाया
कांग्रेस के विवेक तन्खा ने बुधवार को राज्यसभा में सरकार से करतारपुर गलियारे की तर्ज पर पीओके में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार स्थित शारदा पीठ की तीर्थयात्रा की सुविधा प्रदान करने का आग्रह किया। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य ने विस्थापित कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास का मुद्दा भी उठाया। विस्थापित कश्मीरी पंडितों के दर्द को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि वे वापस लौटना चाहते हैं लेकिन वहां सुरक्षा और सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में ही कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए गंभीर प्रयास किए गए थे। ‘कश्मीर फाइल्स फिल्म की ओर इशारा करते हुए तन्खा ने कहा, ‘हमने फिल्म नहीं बनाई, हमने उनके लिए काम किया। कांग्रेस सांसद ने शारदा पीठ की यात्रा सुनिश्चित करने की मांग करते हुए कहा, ‘आपने (सरकार) करतारपुर गलियारा बनाया, कश्मीरियों के लिए भी एक (गलियारा) बनाओ।
कई अन्य मामले भी उठाए गए
शून्यकाल में भाजपा के बाबूभाई जेसंगभाई देसाई ने देशभर में बाल विवाह कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक समस्या है, जो बच्चों की शिक्षा और विकास में बाधा बन रही है।
आम आदमी पार्टी के बलबीर सिंह ने पंजाब से विदेश जाने वाले निर्दोष युवाओं की तस्करी करने वाले ट्रैवल एजेंटों द्वारा शोषण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में अवैध रूप से भेजे गए युवा विदेशी जेलों में बंद हैं। उन्होंने अमेरिका से हाल ही में निर्वासन के बारे में भी बात की, जिसमें युवाओं को जंजीरों में बांधकर और हथकड़ी लगाकर लाया गया था।
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