Supreme Court Issues Notice on NEET-PG 2025 Exam Shift Petition नीटी-पीजी दो शिफ्टों में कराने पर केंद्र से मांगा जवाब, Delhi Hindi News - Hindustan
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नीटी-पीजी दो शिफ्टों में कराने पर केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने NEET-PG 2025 परीक्षा को एक शिफ्ट में कराने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया है। याचिका में कहा गया है कि दो शिफ्टों में परीक्षा आयोजित करने से...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 5 May 2025 07:36 PM
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नीटी-पीजी दो शिफ्टों में कराने पर केंद्र से मांगा जवाब

282 शब्द सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर परीक्षा एक शिफ्ट में कराने का आदेश देने की मांग की गई नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-पीजी) 2025 दो शिफ्टों में आयोजित करने संबंधी अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया है। याचिका में परीक्षा एक शिफ्ट में कराने का आदेश देने की मांग की है। जस्टिस बी.आर. गवई और के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने डॉ. अदिति सहित 7 डॉक्टरों की याचिका पर विचार करते हुए मामले में केंद्र के अलावा, एनबीईएमएस और राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परिषद (एनएमसी) को एक सप्ताह में जवाब देने निर्देश दिया।

नीट पीजी का आयोजन एनबीईएमएस को स्नातकोत्तर और पोस्टडॉक्टोरल परीक्षाएं आयोजित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में एनबीईएमएस द्वारा दो शिफ्ट में परीक्षा कराने के लिए 16 अप्रैल को जारी अधिसूचना रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया कि दो शिफ्टों में परीक्षा आयोजित करने से गैर बराबरी की संभावना है क्योंकि विभिन्न पालियों में कठिनाई का स्तर अलग-अलग होगा, पारदर्शी और सटीक सामान्यीकरण प्रक्रिया की चुनौतियां होंगी और उम्मीदवारों के लिए तनाव और परेशानी बढ़ेगी। अधिवक्ता सुकृति भटनागर की ओर से याचिका में कहा गया कि एक ही शिफ्ट में परीक्षा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इसमें 0.1 अंक का अंतर भी एक उम्मीदवार की रैंक को सैकड़ों और हजारों तक बदल सकता है। नीट पीजी दो शिफ्टों में आयोजित किए जाने को संविधान के अनुच्छेद-14 के तहत प्रतिभागियों के अधिकारों का सीधे तौर पर उल्लंघन है क्योंकि मॉडरेशन और सामान्यीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के कारण प्रतियोगिता के न्यायसंगत, निष्पक्ष, उचित और बराबरी के आधार को बनाए रखना लगभग असंभव है।

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