राजस्थान में करवट लेगा मौसम,कोटा सहित इन 4 जिलों में अब होगी राहत वाली बारिश
राजस्थान में भीषण गर्मी से जूझ रही जनता के लिए राहत भरी खबर सामने आ रही है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी दो दिनों में प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
राजस्थान में भीषण गर्मी से जूझ रही जनता के लिए राहत भरी खबर सामने आ रही है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी दो दिनों में प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। जहां एक ओर कोटा,बारां,बूंदी और झालावाड़ जिलों में लू का कहर जारी है,वहीं दूसरी ओर इन इलाकों में जल्द ही प्री-मानसूनी बारिश की संभावना जताई गई है।
पिछले कुछ दिनों से राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार जा चुका है। खासतौर पर कोटा संभाग में गर्म हवाओं ने जनजीवन को प्रभावित कर रखा है। दिन के समय सड़कों पर सन्नाटा देखने को मिल रहा है,स्कूलों और दफ्तरों में उपस्थिति पर भी इसका असर पड़ा है। हालांकि, मौसम विभाग की माने तो अगले 48 घंटे में अरब सागर से नमी वाली हवाएं राजस्थान की सीमा में प्रवेश कर सकती हैं, जिससे तापमान में गिरावट आने की पूरी संभावना है। विभाग ने कोटा, बारां, झालावाड़ और बूंदी में हल्की से मध्यम बारिश के साथ आंधी की चेतावनी भी जारी की है।
इस बदलाव के पीछे बंगाल की खाड़ी और दक्षिण-पश्चिमी मानसून की सक्रियता को कारण माना जा रहा है। विभाग के अनुसार, यह बदलाव धीरे-धीरे पूरे राज्य को प्रभावित करेगा और अगले सप्ताह तक जयपुर,अजमेर,भरतपुर और उदयपुर संभाग में भी बारिश की गतिविधियां तेज हो सकती हैं। गौरतलब है कि लू की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी है। डॉक्टरों ने दोपहर 12 से 3 बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचने, अधिक से अधिक पानी पीने और हल्के कपड़े पहनने की हिदायत दी है।
स्थानीय किसान भी इस मौसम परिवर्तन की उम्मीद में हैं,क्योंकि समय पर बारिश होने से खरीफ की बुआई में मदद मिलेगी। कृषि विभाग ने किसानों को तैयार रहने की सलाह दी है ताकि बारिश का पूरा लाभ उठाया जा सके।राजस्थान में हर साल गर्मी का प्रकोप रहता है, लेकिन इस साल अप्रत्याशित लू ने हालात और अधिक बिगाड़ दिए हैं। ऐसे में बारिश की यह संभावना एक बड़ी राहत लेकर आ सकती है। प्रदेशवासी अब आसमान की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं।राजस्थान में दो दिन बाद होने वाला यह मौसम परिवर्तन न केवल तापमान में गिरावट लाएगा बल्कि लोगों को गर्मी से राहत और किसानों को नयी उम्मीद भी देगा।