गजब: लाखों से बने आरआरसी केंद्र में चल रही किराना की दुकान
Bulandsehar News - ग्राम पंचायतों में लाखों रुपये की लागत से बने ठोस तरल अपशिष्ट केंद्रों का कूड़ा निस्तारण के लिए उपयोग नहीं किया जा रहा है। सैडा फरीदपुर में एक आरआरसी केंद्र में किराना दुकान खुल गई है, जिससे विभाग की...

कूड़ा निस्तारण के लिए ग्राम पंचायतों में लाखों रुपये की लागत से बने गए ठोस तरल अपशिष्ठ केंद्रों में कूड़ा निस्तारण के बजाय अब उनका उपयोग दूसरे कार्यों में लिया जा रहा है। अरनियां ब्लॉक के गांव सैडा फरीदपुर में बने आरआरसी केंद्र में कुछ लोगों ने किराना की दुकान ही खोल ली है। ब्लॉक स्तरीय अफसरों के सामने यह सब खेल हो रहा है। केंद्र में बनी किराना की दुकान के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मामला खुला है। बताया जा रहा है कि ग्राम प्रधान व अन्य ब्लॉक अफसरों को इसके बारे में पता है।
हालांकि हिन्दुस्तान इस वायरल फोटो की पुष्टि नहीं करता है। डीपीआरओ ने पूरे मामले में जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। ग्राम पंचायतों में कूड़े का निस्तारण कराने के लिए सभी गांवों में लाखों रुपये की लागत से ठोस तरल अपशिष्ठ केंद्र बनाए गए हैं। एक केंद्र के निर्माण पर करीब पांच लाख रुपये खर्च हुए हैं। इन केंद्रों में सूखे एवं गीले कूड़े को निस्तारित कर उससे खाद बनाई जाती है। मगर सेंडा फरीदपुर में बनाए गए केंद्र में तो कूड़ा निस्तारण के बजाय वहां पर कुछ लोगों द्वारा किराना की दुकान खोल ली है और उसमें सभी सामान बेचा जा रहा है। सोशल मीडिया पर दुकान का फोटो वायरल हो रहा है और इससे विभााग की छवि धूमिल हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां पर कूड़ा होना चाहिए वहां पर किराना की दुकान खोलकर आरआरसी केंद्र का माखौल उड़ाया जा रहा है। ग्राम प्रधान भी गांव में रहता है और अन्य ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों का भी गांव में आना जाना रहता है। ऐसे में किसी भी अफसर का इस तरफ कोई ध्यान नहीं गया है। दुकान किसने खोली है और किसके कहने पर यह कार्य हुआ है यह अभी जांच का विषय है। बताया गया कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत इस आरआरसी सेंटर का निर्माण हुआ था। सेंटर पर ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव व इंजीनियर का भी नाम लिखा हुआ है। डीपीआरओ ने बताया कि मामले में जांच कर जल्द संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, सेंटर का फोटो वायरल होने सोशल मीडिया पर काफी कमेंट्स आ रहे हैं। कोट--- मामला संज्ञान में आ गया है। संबंधित ग्राम सचिव व एडीओ पंचायत से रिपोर्ट मांगी गई है। जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। आरआरसी केंद्र का निर्माण कूड़ा निस्तारण के लिए कराया गया है। यदि कोई दुकान चल रही है तो उसे बंद कराया जाएगा। नियमानुसार आरआरसी सेंटर चलेंगे। -डॉ. प्रीतम सिंह, डीपीआरओ
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