बोले एटा: ईशन का कराओ उद्धार, वरना बारिश में छोड़ना पड़ेगा घर-द्वार
Etah News - आगरा रोड पर ईशन नदी के कारण एक दर्जन से अधिक मोहल्लों में बारिश के दिनों में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। पानी की निकासी सही न होने से लोग घरों में फंस जाते हैं और पलायन करने के लिए मजबूर हो जाते हैं।...
आगरा रोड पर बसे एक दर्जन से अधिक मोहल्ले बारिश के दिनों में ईशन नदी के कोप का भाजन बन जाते हैं। नदी के पानी की निकासी सही न होने के कारण पानी घरों में घुस जाता है। परेशान लोगों को अपना घर तक छोड़ना पड़ता है। लोगों के सामने रात गुजारने तक के लाले पड़ जाते हैं। इस जलभराव के पीछे प्रमुख कारण ईशन नदी की सफाई न होना है। आगरा की पुलिया से भी पानी पूरा नहीं निकल पाता है, जिसके बाद पानी का रुख बस्ती की ओर हो जाता है। हालात यह होते कि लोगों को पलायन तक करना पड़ता है। हिन्दुस्तान के बोले एटा अभियान के तहत यहां रहने वाले लोगों ने अपनी पीड़ा को साझा किया। इनकी एक ही मांग थी कि समस्या का समय रहते समाधान कराया जाए।
ईशन नदी से लेकर यादव नगर तक के बीच एक दर्जन से अधिक मोहल्ले बसे हुए है। इसमें पांच से लेकर दस हजार से अधिक की आबादी रहती है। यह आबादी बरसात के दिनों को याद कर दशहत में आ जाती है। कारण है कि जैसे ही बारिश का पानी बहकर ईशन नदी में पहुंचता है तो यह पानी आगे नहीं जा पाता। उल्टे मोहल्लों में भर जाता है। हालात यह होते ही दो तीन फीट तक पानी गलियों में भर जाता है। यह पानी लोगों के बेडरूम में पहुंच जाता है। इन मोहल्लों में जो अंडर ग्राउंड घर बने हुए वह तालाब बन जाते है। पानी में रहने वाले जंगली जीव घरों में घुस जाते है। सबसे अधिक डर सांप से होता। सांप पानी के रास्ते घरों में पहुंचने के बाद अपना रौंद्र रूप दिखाना शुरू कर देते है। पानी भरने के बाद लोगों का आना जाना भी बंद होता है। निकलने के लिए रास्ता ही नहीं होता है। किसान नेता अखिल संघर्षी ने बताया कि ईशन नदी की सफाई नहीं होती। नदी पर अतिक्रमण भी कर लिया गया है। ऐसे में पानी निकलने के लिए जगह ही नहीं बचती। सकरी हो चुकी ईशन नदी बरसात का पानी नहीं झेल पाती है। इससे शहरी क्षेत्र में जल भराव हो जाता है। यहां के लोग अपने घरों को छोड़कर रश्तिेदारों के यहां आसरा लेते है।
लोगों परिवार सहित पलायन करना पड़ता है
शहर में आगरा रोड पर एक दर्जन से अधिक कॉलोनियां बरसात के दिनों में ईशन नदी के प्रकोप का भाजन बन जाती है। नदी के पानी की निकासी अवरुद्ध होने के कारण पानी कॉलोनियों से लेकर घरों में बारिश के सीजन में भरा रहता है। जब पानी घरों में घुसता तो घरों में रह रहे लोगों परिवार सहित पलायन करना पड़ता है। इस जलभराव के पीछे प्रमुख कारण ईशन नदी की सफाई न होना बताया गया। आगरा की पुलिया से भी पानी पूरा नहीं निकल पाता है। इससे पानी बस्ती में घुस जाता है। हालात यह होते कि लोगों को यहां पलायन करना पड़ता है। ईशन नदी की नहीं होती सही से सफाई: ईशन नदी की लंबें समय से तलीझाड़ सफाई नहीं हो सकी है। करीब एक दशक पहले ईशन नदी की गहराई दस से 12 फीट तक हुआ करती थी, लेकिन इस समय पांच फीट भी गहराई नहीं रहती है। अतक्रिमण के कारण नदी सकरी भी हो गई है। नदी में जंगली घास बढ़ जाने के कारण पानी का बहाव नहीं हो पाता है। इससे पानी पीछे को वापस जाने लगता है।
इन कॉलोनियों में बनते है बाढ़ जैसे हालात
शहर से लगी श्याम बिहार कॉलोनी, पुष्पांजलि वाटिका, प्रथम नगर, श्री नगर कॉलोनी, ट्यूलिप कॉलोनी आदि कॉलोनियों में रहने वाली 20 हजार से अधिक आबादी को बारिश के दिनों में नदी का पानी ओवर फ्लो होने के कारण बाढ़ जैसे हालातों से एक या दो दिन नहीं बल्कि बारिश के पूरे सीजन जूझना पड़ता है। नदी का पानी में कॉलोनी में भर जाने के कारण लोगों का घर से निकलना दूभर हो जाता है। यहा तक कि कॉलोनियों में रहने वाले लोगो को खाद्य पदार्थों के लिए भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। जलभराव के कारण कॉलोनियों में रहने वाले अधिकांश परिवारों को पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
ईशन नदी के नजदीक कॉलोनियों में जलभराव की समस्या के साथ ही नदी की सफाई सफाई के लिए पिछले एक दशक से निरंतर धरना, अनशन और ज्ञापन देकर मांग करते आ रहे है। उसके बाद भी अब तक उतने सकारात्मक परिणाम नहीं मिले हैं, जिनती सरकार से अपेक्षा है। इस समस्या के समाधान के लिए जल्दी जल संसाधन मंत्री से मुलाकात कर समस्या के नस्तिारण पर चर्चा की जाएगी। ऐसा न होने पर वृहद आंदोलन करने की रणनीति बनाई जाएगी।
संबंधित विभागों को हर बार नदी की सफाई करनी चाहिए, जिससे कि नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद भी वह ऊपर से न निकले, नदी का जलस्तर बढ़ने से ही हर बार आगरा रोड और निधौली रोड की कॉलोनियों में जलभराव होता है, घर निकलना भी दुश्वार बना रहता है। -रवेंद्र यादव, श्याम बिहार कॉलोनी -अखिल संघर्षी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान यूनियन।
नदी का पानी भरने से घरों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचता है। ज्यादातर लोग इस समस्या के कारण घरों को बेचकर चले गए। नगर पालिका क्षेत्र से लगी होने के बाद भी इन कॉलोनियों को देखना वाला कोई नहीं है। इससे परेशान होकर लोग कॉलोनी को छोड़ने के लिए मजबूर हैं। -विनोद, श्याम बिहार कॉलोनी
ईशन नदी से के आसापास बसी कॉलोनियों में हर बार बारिश के दिनों में बाढ़ जैसे हालात पैदा होते है। महीनों तक कॉलोनियों से लेकर घरों में पानी भरा रहता है। कॉलोनियों के सैकड़ों चटक चुके हैं, कई गिर भी गए है। शासन, प्रशासन स्तर से कोई सुनवाई नहीं होती है। -इंद्रजीत यादव, श्याम बिहार कॉलोनी
जब तक ईशन नदी की सफाई नहीं होगी और पुलिया के दीवारों को बड़ा नहीं किया जाएगा तब तक नदी का पानी ओवरफ्लो होकर आसापास की सभी कॉलोनियों में भरकर मुसीबत बना रहेगा। सरकार के अनुरोध है ईशन की हर साल बारिश से पहले सफाई कराई जाए। -उदयवीर सिंह, श्याम बिहार कॉलोनी
ईशन नदी की पटरी जगह-जगह कट हुई है। बारिश के दिनों में नदी का जल स्तर बढ़ते ही पानी कॉलोनियों में बाढ़ ला देता है। इससे बचने के लिए कॉलोनियों के लोगों के पास कोई चारा नहीं होता है। बारिश से पहले नदी की सफाई करा दी जाए तो कॉलोनियों में जलभराव की समस्या पैदा नहीं होगी। -श्री निवास, पुष्पांजलि वाटिका
ईशन नदी की जल निकासी में आगरा रोड का पुल और जलकुंभी के अलावा शहर के नालों से आने वाली सिल्ट बाधा बन रही है। इससे नदी का तल बेहद कम गहरा रह गया है। बारिश के दिनों में पानी आगरा रोड की कॉलोनियों से लेकर निधौली रोड की कॉलोनियों तक पहुंच जाता है। जितेंद्र, श्याम बिहार कॉलोनी
आगरा रोड की कॉलोनियों में रहने वाले लोग बारिश के मौसम से ड़रते हैं, इसका मुख्य कारण है कि बारिश के दिनों में ईशन नदी का पानी ओवरफ्लो होकर कॉलोनियों में बाढ़ लेकर आता है। जलभराव के कारण बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं महीनों तक घरों से बाहर नहीं निकल पाती है। -डीके यादव, प्रथम नगर
ईशन नदी की अगर समय पर सफाई होती रहे तो कॉलोनियों में बाढ़ जैसे हालात न पैदा हो। इसके लिए कॉलोनियों के लोग सैकड़ों बार मांग कर चुके है। उसके बाद भी जिला प्रशासन या संबंधित विभाग नदी की सफाई कराने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। बारिश के दिनों में जब बाढ़ के हालात बन जाते हैं। -प्रदीप कुमार, श्रीनगर कॉलोनी
बारिश के दिनों में ईशन नदी में जलस्तर बढ़ने के साथ शहर का पानी भी नालों के माध्यम से नदी में आता है। जिससे ओवरफ्लो पानी कॉलोनियों में भरता है। इससे नदी का पानी नालों के माध्यम से बैक आता है। शहर के नालों की जल निकासी नदी में रोकी जा और नदी का सफाई कराई जाए। -प्रवीन कुमार, श्रीनगर
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