तस्करों के पीछे किडनैपर्स, किडनैपर्स के पीछे यूपी पुलिस; पढ़ें 4 दुबई रिटर्न्स के सोना उगलने की कहानी
अपहरणकर्ताओं ने खुद को पुलिस और जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर इस वारदात को अंजाम दिया। लेकिन अपहरणकर्ताओं को शायद यह नहीं पता था कि जल्द ही उनके पीछे असली पुलिस लग जाएगी। ये कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि सच्ची घटना है।

तस्करों के पीछे किडनैपर्स (अपहरणकर्ता) और किडनैपर्स के पीछे यूपी पुलिस। ये कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि सच्ची घटना है। दुबई से लौटे रामपुर टांडा के चार युवकों (नावेद, शाने आलम, तुतव्वली, जाहिद और जुल्फेकार सऊदी ) का शुक्रवार की दोपहर दिल्ली-लखनऊ हाईवे बाईपास पर पुराने टोल प्लाजा के पास दो कारों में सवार बदमाशों ने अपहरण कर लिया। ये युवक अब पुलिस की कस्टडी में सोना उगल रहे हैं। अपहरणकर्ताओं ने खुद को पुलिस और जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर इस वारदात को अंजाम दिया। लेकिन अपहरणकर्ताओं को शायद यह नहीं पता था कि जल्द ही उनके पीछे असली पुलिस लग जाएगी। उधर, अपहरणकर्ता, दुबई से लौटे युवकों का अपहरण कर उन्हें अपनी कार में डाल मूंढापांडे के रौंडाझौड़ा स्थत एक फार्म हाउस में ले गए तो इधर उनके चंगुल से छूटकर एक शख्स ने गांववालों और पुलिस को सूचना दे दी। जब पुलिस और ग्रामीणों ने घेरा तो बदमाश बंधकों को छोड़कर मौके से फरार हो गए। लेकिन पुलिस ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। देर शाम एक मुठभेड़ के दौरान दो बदमाशों तौफीक और राजा को पैर में गोली मारकर गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के दो साथी फरार है, जिनकी तलाश की जा रही है। लेकिन कहानी बस यही नहीं है। असली कहानी तो अब शुरू हुई है। युवकों को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाने के बाद पुलिस के सामने जो सबसे बड़ा सवाल था वो ये कि आखिर उनका अपहरण किया क्यों गया?
पता चला कि बदमाशों को शक था कि सऊदी अरब से लौटे युवकों ने अपने शरीर में सोना छिपा रखा है। बदमाश युवकों का पेट चीरने की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान एक युवक किसी तरह आरोपियों के चंगुल से छूट कर भाग निकला। उसने शोर मचाते हुए ग्रामीणों को जुटा लिया। फिर पुलिस आई। युवक, छुड़ाए गए और देर शाम दो अपहरणकर्ता गिरफ्तार हो गए। इसके बाद पुलिस ने अपना ध्यान छुड़ाए गए युवकों पर केंद्रित किया। क्या वाकई उन्होंने अपने शरीर में सोना छिपा रखा है? सच्चाई जानने के लिए पुलिस ने युवकों की शारीरिक जांच कराई। एक्सरे हुआ तो युवकों के पेट में सोना होने की पुष्टि हो गई। सोना भी कोई थोड़ा सा नहीं बल्कि 30-30 ग्राम के कई कैप्सूल के रूप में शरीर में छिपाया गया था।
इसके बाद मुरादाबाद के जिला अस्पताल में डॉक्टरों की मदद से इंजेक्शन लगाकर और अन्य माध्यमों से युवकों के पेट से सोना निकलवाने की कवायद शुरू हो गई। देर रात 12 बजे तक युवकों के पेट से पुलिस और डॉक्टरों की टीम ने 9 कैप्सूल निकलवा लिए। प्रकिया देर रात तक जारी रही। बताया जा रहा है कि एक-एक युवक के पेट में पांच-पांच, छह-छह मेटल डिटेक्ट हुए हैं। पुलिस का मानना है कि सभी मेटल सोना ही है। जिसे निकलवाने का काम किया जा रहा है। एक कैप्सूल का वजन 30 ग्राम के करीब है। इस हिसाब से करीब 270 ग्राम तक सोना बरामद हो चुका है। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह खुद जिला अस्पताल में डेरा डाले रहे। रामपुर के टांडा क्षेत्र में पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है।
एयरपोर्ट से ही पीछा कर रहे थे बेखौफ बदमाश
सऊदी से लौटे युवकों का अपहरण करने वाले बदमाश कितने बेखौफ थे इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दिनदहाड़े हाईवे पर अपहरण किया और किसी को पता तक नहीं चला। पुलिस की अब तक की जांच में पता चला है कि जब पांचों युवक दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे और अर्टिगा चालक उन्हें लेकर टांडा के लिए निकला तो बदमाश उन पर नजर बनाए हुए थे। बदमाश दिल्ली से ही बोलेरो और स्वीफ्ट डिजायर कार में अर्टिगा के पीछे लग गए।
बदमाशों को थी भारी मात्रा में सोना लाने की सूचना
मुरादाबाद के मूंढापांडे क्षेत्र में जिन छह युवकों को बंधक मुक्त कराया गया वे मुक्त होने के घंटो बाद तक सदमे में रहे। पीड़ितों ने बताया कि बदमााशों को सूचना थी कि सऊदी से लौट रहे युवक अपने शरीर में सोना छिपा कर ला रहे हैं। दरअसल रामपुर के टांडा, स्योहारा आदि क्षेत्र में यह चर्चा रहती है कि खाड़ी देशों में काम करने वाले युवक शरीर में सोना छिपाकर आते हैं। इस अपहरण के मामले में भी बदमाशों को किसी ने यही मुखबिरी की थी।
दुबई से वाया मुंबई फ्लाइट से दिल्ली उतरे थे तस्कर
एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि ये चारों युवक दुबई से पहले मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे। वहां से फ्लाइट लेकर दिल्ली पहुंचे। उसी समय सऊदी अरब से नावेद और जाहिद सीधी फ्लाइट से दिल्ली उतरे थे। सभी छह युवक टांडा के ही थे और टांडा का ही चालक जुल्फेकार कार लेकर उन्हें मिल गया। इसलिए एक ही कार से वापस टांडा लौट रहे थे। तभी उनका अपहरण हो गया।
कस्टम को दी जानकारी
युवकों के पेट से सोना बरामद होने के बाद पुलिस ने कस्टम विभाग से भी संपर्क किया है। दोनों के समन्वय से आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जीएसटी बचाने और सस्ता सोना के चक्कर में होती है तस्करी
रामपुर के टांडा थाना क्षेत्र में खाड़ी देशों से तस्करी कर सोना लाने वाला गिरोह काम कर रहा है। दर्जनों युवक इस गिरोह से जुड़े हुए हैं। लेकिन सामान्य तौर पर देखने में यही लगता है कि भारत, सऊदी अरब और दुबई में सोने की कीमत लगभग बराबर ही है। यहां से कुछ हजार सस्ता सोना ही खाड़ी देशो में मिलता है। लेकिन ऐसा नहीं है। आभूषण व्यापार से जुड़े लोगों ने बताया कि खाड़ी देशों में जो सोना मिलता है उसकी गुणवत्ता भारत से बेहतर होती है। इसके अलावा वहां से जब तस्करी करके सोना लाया जाता है तो 14 फीसदी जीएसटी नहीं देनी पड़ती है। ऐसे में यदि एक युवक आधा किलो सोना भी लाता है तो उसकी कीमत 50 लाख रुपये होती है। सामान्य तरीके से लाने पर इसके लिए उसे 57 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ेंगे क्योंकि जीएसटी देनी पड़ेगी। एक युवक एक बार में 600 ग्राम से 900 ग्राम तक सोना अपने पेट में छिपा कर लाता है। इस हिसाब से एक बार में वह 12 से 14 लाख रुपये तक का काम करता है।