Cultural Festival Celebrates Local Traditions and Art in Kushinagar दो दिवसीय 18 वें लोकरंग महोत्सव का हुआ रंगारंग समापन, Kushinagar Hindi News - Hindustan
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दो दिवसीय 18 वें लोकरंग महोत्सव का हुआ रंगारंग समापन

Kushinagar News - कुशीनगर में 18वें लोकरंग महोत्सव का सफल समापन हुआ। आयोजक सुभाषचंद्र कुशवाहा ने अतिथियों और कलाकारों को सम्मानित किया। विभिन्न लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। नाटक 'उजबक...

Newswrap हिन्दुस्तान, कुशीनगरMon, 14 April 2025 09:30 AM
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दो दिवसीय 18 वें लोकरंग महोत्सव का हुआ रंगारंग समापन

कुशीनगर। सांस्कृतिक भड़ैती, फूहड़पन के विरुद्ध जन संस्कृति के संवर्धन के लिये क्षेत्र के जोगियां जनुबि पट्टी में आयोजित दो दिवसीय 18 वें लोकरंग महोत्सव का रंगारंग समापन हो गया। आयोजक सुभाषचंद्र कुशवाहा ने सभी अतिथियों और लोक कलाकारों को लोकरंग का मोमेंटम भेंट करते हुए पुनः अगले वर्ष आने का भी न्यौता दिया। दूसरे दिन के लोकरंग की शुरुआत लोकरंग सांस्कृतिक समिति के लोक अभियान में संभावना कला मंच के सहभागिता पर हुआ। आयोजक सुभाष चंद्र कुशवाहा ने कहा कि संभावना कला मंच ने लोकरंग को नए ऊंचाई देने का कार्य किया है। दूसरे रात्रि की पहली प्रस्तुति आरा बिहार के लोकगायक राजु रंजन और उनके सहयोगी सुनील कुमार, मनोज कुमार, रोहित राज तथा सनोज कुमार ने एक दिन सारी रतिया जगले में बितईती राजा जी तथा सुतल में रहनी खाटी देखनी सपनवा राति सुनाकर सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। सखवानिया कुशीनगर के रामबृक्ष कुशवाहा के साथ पहुंचे कलाकार राम अवध कुशवाहा जयचन्द, रामध्यान आदि की टीम ने फारूवाही नृत्य प्रस्तुत कर लोक संस्कृतियों को जीवंत कर दिया। गौरी बाजार देवरिया के सद्गुरु कबीर भजन मण्डली के संत रामसनेही दास की टीम ने निर्गुन गायन प्रस्तुत कर लोगों को विलुप्त हो रही लोक गायकी से परिचित कराने का काम किया। कर्बी आंगलोंग आदिवासी ग्रुप असम के सर्लिन रोगांग के नेतृत्व में पहुंची 24 सदस्यीय टीम ने असम का लोकनृत्य निमसो केरूंग डांस प्रस्तुत कर असम के लोक संस्कृति से परिचित कराया। आदिवासी गोंड एवं धुलिया जनजाति लोकनृत्य ग्रुप मध्यप्रदेश की टीम ने गुडुंब बाजा नृत्य प्रस्तुत कर सबको रोमांचित कर दिया। नई दिशाएं समिति उत्तराखंड के किशन लाल के नेतृत्व में अजय कुमार, सतीश कुमार, भुवन कुमार, संगीता सोनल, रजनी, रितु दरमवाल, गुंजन बिष्ट, प्रीति आर्या आदि ने कुमाऊनी लोकनृत्य प्रस्तुत कर लोक रंग को ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। इसके बाद कहानीबाज थियेटर सोसाइटी मुम्बई की टीम ने लेखक अलखनन्दन द्वारा लिखित और मोहन सागर द्वारा निर्देशित नाटक उजबक राजा तीन डकैत नाटक का सजीव मंचन किया। यह नाटक एक राजा और धूर्त मंत्री का कथा जो राजा के गलत बातों का समर्थन कर भ्रष्टाचार में लिप्त रहता है। मनीष कुमार, मनीष मिश्र, खलीक चौधरी, मानसी, कौस्तुभ, एकांश, मानव, साक्षी, प्रसन्न भार्गव, बी थासवीं, वैभव आदि ने इस नाटक का मंचन किया। इस पूरे आयोजन में संभावना कला मंच गाजीपुर के टीम के कलाकारों का विशेष योगदान है जिन लोगों ने अपनी चित्रकारी और रंग रोधन से पूरे गांव को कला गांव में परिवर्तित कर दिया था। अंत मे आयोजक सेवा निवृत्त आरटीओ सुभाषचंद कुशवाहा ने सभी अतिथियों व लोक कलाकारों को लोकरंग का मोमेंटम देते हुए सभी के प्रति आभार प्रकट करते हुए पुनः अगले साल आने का निमंत्रण दिया। इस आयोजन में विष्णुदेव राय, हदीश अंसारी, भुनेश्वर राय, इसराइल अंसारी, सिकन्दर, अनुभव राय, नितांत सिंह, असलम अंसारी, योगेन्द्र कुमार आदि का विशेष योगदान रहता है।

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