वन विभाग के कॉडर में शामिल होंगे पशु चिकित्सक
Lucknow News - उप्र वन विभाग पहली बार अपने कॉडर में पशु चिकित्सकों की भर्ती करेगा। प्रदेश के 18 मंडलों में एक-एक पशु चिकित्सक की तैनाती की जाएगी। इससे हिंसक जानवरों के इलाज में आसानी होगी, क्योंकि वर्तमान में वन...

तैयारी -प्रदेश के 18 मंडलों में पशु डॉक्टरों की तैनाती का प्रस्ताव बना रहा -अभी हिंसक जानवरों के इलाज के लिए जू के डॉक्टरों को बुलाते है लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता अन्य राज्यों के तर्ज पर पहली बार उप्र वन विभाग अपने कॉडर में पशु चिकित्सक को शामिल करेगा। इसके लिए वन विभाग पशु चिकित्सकों की भर्ती की योजना बना रहा है। वन विभाग में पशु चिकित्सकों का कैडर बनने से उन्हें वन्यजीवों की देखभाल और संरक्षण करना आसान होगा। प्रदेश के 18 मंडलों में पशु चिकित्सक के पद सृजित किए जाएंगे। हर मंडल में एक पशु चिकित्सक की भर्ती होगी। दरअसल, वन विभाग के पास खुद के पशु चिकित्सक नहीं है।
इससे हिंसक जानवरों के घायल होने के बाद इलाज को लेकर भटकना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में वन विभाग पशु पालन विभाग से पशु चिकित्सक को बुलाता है। डीएफओ सितांशु पांडेय ने बताया कि बीते दिनों काकोरी के रहमान खेड़ा में बाघ को रेस्क्यू करने के दौरान घायल हो गया था। इलाज के लिए बाराबंकी, सीतापुर और कानपुर से पशु चिकित्सक बुलाए गए थे। चोटिल जानवरों के इलाज के लिए पशु डॉक्टर जरूरी कभी-कभी जानवर हिंसक होकर आपस में लड़ते हैं इससे जानवर घायल होकर चोटिल हो जाते है। ऐसे जानवरों के इलाज के लिए वन विभाग के पास डॉक्टर नहीं है। इसलिए पहली बार वन विभाग पशु डॉक्टरों की भर्ती करके पशु चिकित्सकों की समस्या को भविष्य के लिए दूर करने की तैयारी में है।
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