गेहूं के लिए मुफीद रहा मौसम, प्रति हेक्टेयर तीन कुंतल तक बढ़ी पैदावार
Rampur News - जिले में गेहूं उत्पादन में सुधार हुआ है। कृषि विभाग द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार, प्रति हेक्टेयर 48 कुंतल उत्पादन दर्ज किया गया, जो पिछले वर्ष से तीन कुंतल अधिक है। इस बार मौसम ने फसल को बेहतर बढ़ने...

जिले में अच्छे गेहूं उत्पादन के संकेत मिले हैं। क्राप कटिंग के दौरान यह बात निकलकर सामने आई है। अच्छी बारिश के साथ कड़ाके की सर्दी ने गेहूं की फसल को बढ़िया मौसम दिया। मार्च आते-आते चटख भरी गर्मी में गेहूं के दाने को भरपूर मात्रा में आकार लेने का अवसर मिला। जिले में डेढ़ लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल तैयार की गई थी। अब इस फसल की कटाई शुरू हो चुकी है। खेतों में किसान अपनी फसल को कंबाइन मशीन या मजदूरों के माध्यम से कटवा रहे हैं। इस बार गेहूं का उत्पादन अच्छा हुआ है। इसके संकेत कृषि विभाग द्वारा कराए जा रहे क्राप कटिंग के सर्वे में मिले हैं। सर्वे में प्रति हेक्टेयर 48 कुंतल गेहूं उत्पादन का आंकड़ा निकला है जो पिछले वर्ष के मुकाबले तीन कुंतल अधिक है। पिछले वर्ष 45 कुंतल प्रति हेक्टेयर गेहूं की पैदावार सामने आई थी। कृषि विशेषज्ञों की मानें तो इस बार मौसम ने गेहूं की फसल का पर्याप्त साथ दिया। बुवाई के बाद जब खेतों में नमी की आवश्यकता थी तब बारिश हुई, इसके बाद सर्दी में भी कोहरा से खेतों को पर्याप्त नमी मिली। मार्च आते-आते अचानक से गर्मी ने अपने तेवर दिखाए और चटख धूप की गर्मी में गेहूं का दाना बालियों में भरपूर आकर लेकर तैयार हुआ।
बोले अधिकारी
इस बार का मौसम गेहूं के लिए मुफीद रहा। इसलिए फसल की उत्पादकता बढ़ी है। पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग तीन कुंतल प्रति हेक्टेयर गेहूं की उत्पादकता बढ़ी है। जिन किसानों ने फसल की सही ढंग से देखभाल की है, उनकी फसल और बेहतर हुई है।
फोटो:
-डा.कुलदीप सिंह राणा, जिला कृषि अधिकारी।
इस बार का मौसम गेहूं की फसल के हिसाब से ठीक रहा है। गेहूं बुवाई के बाद जब आवश्यकता थी तो बारिश हो गई, इससे खेतों में नमी बनी रही और किसानों को सिंचाई की आवश्यकता कम रही। अब मार्च आते-आते तापमान अधिक होने से गेहूं का दाना समय से पक गया।
फोटो:
-नरेंद्र सिंह गंगवार, कृषि वैज्ञानिक।
बीते वर्षों में गेहूं का रकबा व उत्पादकता
वर्ष रकबा उत्पादकता
2025 1.52 लाख 48 कुंतल
2024 1.48 लाख 45 कुंतल
2023 1.45 लाख 42 कुंतल
नोट:-रकबा हेक्टेयर में और उत्पादकता प्रति हेक्टेयर है।
बोले किसान
इस बार गेहूं की फसल ठीक हुई है। फसल समय से पककर तैयार हो गई तो कटाई कराने में भी देरी नहीं की। बाजार में मूल्य भी ठीक है।
-इदरीस अली
गेहूं की फसल को पर्याप्त रूप से नमी का फायदा मिला है, जब मौसम गर्म हुआ तो फसल सही रूप में पक गई।
-मोहम्मद तालिब
जनवरी और फरवरी में सर्दी अनुमान के हिसाब से अच्छी रही, इससे फसल को फायदा पहुंचा। मार्च तक गर्मी ने दाने को पका दिया।
-दिनेश मौर्य
गेहूं की फसल के लिए मौसम बढ़िया रहा। इसीलिए फसल सही समय पर तैयार हो गई। गेहूं का दाना भी पहले से मोटा निकला है।
-शाकिर अली
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