प्रयागराज में रचा एक नया इतिहास, एक साल में 10 लाख से ज्यादा यात्रियों ने किया एयरपोर्ट से सफर
- प्रयागराज एयरपोर्ट ने एक नया इतिहास रच दिया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में पहली बार इस एयरपोर्ट से 10.88 लाख यात्रियों ने सफर किया, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

प्रयागराज एयरपोर्ट ने एक नया इतिहास रच दिया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में पहली बार इस एयरपोर्ट से 10.88 लाख यात्रियों ने सफर किया, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इस उपलब्धि के साथ प्रयागराज, लखनऊ और वाराणसी के बाद प्रदेश का तीसरा ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जहां एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख से अधिक यात्रियों ने हवाई यात्रा की है। खास बात यह है कि प्रयागराज एयरपोर्ट से केवल घरेलू उड़ानें संचालित होती हैं, फिर भी इसने यह मुकाम हासिल किया है। लखनऊ और वाराणसी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। यहां पर यात्रियों की आवाजाही करीब 15 लाख है।
महाकुम्भ इस सफलता का मुख्य कारण रहा। जनवरी और फरवरी 2025 में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं ने एयरपोर्ट का उपयोग किया। अकेले फरवरी में 4.71 लाख यात्रियों का आवागमन दर्ज किया गया, जबकि जनवरी में यह आंकड़ा 1.23 लाख रहा। हालांकि महाकुम्भ खत्म होते ही विमानों की संख्या कम हो गई और मार्च में यात्रियों की संख्या घटकर 56027 रह गई। वर्ष 2024-25 में एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही भी रिकॉर्ड स्तर पर रही।
महाकुम्भ के दौरान करीब दो दर्जनों शहरों की हवाई कनेक्टिविटी शुरू हुई थी। विमानों की संख्या बढ़ती गई। इस दौरान एक साल 1 में कुल 10275 विमानों ने यहां लैंडिंग और टेकऑफ किया, जिसमें से लगभग 5500 उड़ानें महाकुम्भ के दौरान ही संचालित हुईं। मार्च में विमानों की संख्या घटकर 406 रह गई। विमानों की संख्या कम होने से यात्रियों की संख्या भी कम हो गई।
13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ के दौरान हवाई यात्रा करने वालों की संख्या में धीरे-धीरे इजाफा हुआ। भारी मांग को देखते हुए प्रयागराज एयरपोर्ट से चार्टर प्लेन के साथ ही हेलीकॉप्टर सेवा भी शुरू की गई थी। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए विमानन कंपनियों ने आनन-फानन में लैंडिंग की अनुमति ली और देश के विभिन्न शहरों से श्रद्धालुओं को प्रयागराज लाना शुरू कर दिया। 47 दिनों में यह आंकड़ा 5.60 लाख यात्रियों को पार कर गया था।